कर्नाटक के बंगलुरु में एक ऑटो ड्राईवर (Karnataka Auto Driver) और एक महिला के बीच हिंदी बनाम कन्नड़ (Hindi vs Kannada) पर तीखी नोकझोंक हुई. इंटरनेट पर वीडियो वायरल होने के बाद अब विवाद खड़ा हो गया है.
We Dravidians नाम के ट्विटर हैंडल से बीती 11 मार्च को 26 सेकंड की ये वीडियो क्लिप पोस्ट की गई. इसे अब तक 60 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं. वीडियो में ऑटो चालक हिंदी में बात करने से मना कर रहा है. महिला से बार-बार सवाल कर रहा है कि मैं हिंदी क्यों बोलूं? उल्टा महिला से कन्नड़ में बात करने को कह रहा है. महिला भी कन्नड़ बोलने से मना कर रही है. वीडियो को ध्यान से देखने से लगता है कि ऑटो दो महिलाएं बैठी हैं, जिनमें से एक की ऑटो चालक से बहस हो रही है.
दोनों के बीच कुछ इस तरह बहस हुई-
ड्राइवर अंग्रेजी में कहता है- मैं हिंदी में क्यों बोलूं?
महिला कहती है- ओके, ओके, ओके.
इसके बाद ड्राइवर कहता है- ये कर्नाटक है. तुम्हें कन्नड़ में बोलना होगा. तुम लोग नॉर्थ इंडिया भिखारी हो.
इस पर महिला कहती है- हम कन्नड़ नहीं बोलेंगे.
ड्राइवर आगे कहता है- ये हमारी जमीन है. तुम्हारी नहीं है. तुम्हें कन्नड़ में बोलना पड़ेगा. मैं हिंदी में क्यों बोलूं?
इस पूरी बहस और वीडियो को इस दक्षिण और उत्तर भारत के बीच लंबे समय से चल रहे भाषा विवाद की दृष्टि से भी देखा जा रहा है. वीडियो से साफ़ है कि दोनों पक्ष अंग्रेजी में बात कर ले रहे हैं, लेकिन ड्राइवर का कहना है कि कन्नड़ बोलना होगा, महिला का तर्क है कि एक कर्नाटक भाषी हिंदी में बात क्यों नहीं कर सकता. बस यहीं मामला बिगड़ गया.
लोगों ने मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दीं.
रेजिमन कट्टप्पन एक लेखक हैं. कहते हैं,
"कृपया इस महिला को ढूंढिए. जिसने उस ऑटोड्राइवर को डराया. इसे 10 बार संविधान की प्रस्तावना पढ़ने की सलाह दीजिए."
एक और यूजर अतुल माथुर लिखते हैं,
"इस तरह का एक्सपीरियंस बंगलुरु में 20 साल पहले काफ़ी आम था. कोई भी सोच सकता था कि पूरे भारत से और दुनिया से लोगों के यहां आने के बाद चीजें बेहतर हुई होंगी. लेकिन ऐसा नहीं लगता."
लोगों ने ऑटो ड्राइवर और महिला दोनों के बात करने के तौर तरीके पर भी सवाल उठाए. रोहन नाम के यूजर महिला को संबोधित करते हुए कहते हैं,
"मुझे लगता है आप और वो ऑटो ड्राइवर दोनों एक ही स्कूल से पढ़े हैं. आप दोनों के मैनर्स एक जैसे हैं. आप कम से कम नॉर्थ इंडियंस के सामने ठीक से अंग्रेजी बोलना सीख लीजिए. वीडियो में आप और वो ऑटो ड्राइवर दोनों एक्सट्रीमिस्ट हैं."
दक्षिण भारत में हिंदी भाषा को लेकर जो बहस है, वो तो है ही. बीते साल जब अमित शाह ने कहा था कि हिंदी की पहुंच देश के सभी हिस्सों तक होनी चाहिए. और ये भी कहा था कि ये एकमात्र भाषा है जो पूरे देश को एकजुट कर सकती है. गृहमंत्री के इस बयान का दक्षिण भारतीय राज्यों ने विरोध किया था.