केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को एक चिठ्ठी लिखी है. आरिफ मोहम्मद खान ने पिनाराई विजयन से केरल के वित्त मंत्री केएन गोपाल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. केएन गोपाल ने 19 अक्टूबर को एक विश्वविद्यालय में भाषण दिया था, जिसको लेकर गवर्नर ने उन पर देश की एकता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है.
केरल के मंत्री ने गवर्नर के यूपी से होने पर सवाल उठाया, गवर्नर बोले- 'बर्खास्त करो'
केरल सरकार और राज्यपाल के बीच एक बार फिर छिड़ा विवाद
वित्त मंत्री पर क्या आरोप लगा है?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में आरोप लगाया,
'वित्त मंत्री जिनकी कमाई का मुख्य जरिया लॉटरी और शराब है, उन्होंने कहा कि क्या यूपी से आने वाले गवर्नर केरल की शिक्षा प्रणाली को समझ सकते हैं? मेरी उन्हें सलाह है कि वो सुप्रीम कोर्ट के जजों को लेकर इस तरह का बयान न दें.'
गवर्नर ने पत्र में आगे लिखा,
'केएन बालगोपाल के दिए गए बयान ने मेरे द्वारा उन्हें दिलाई गई शपथ को तोड़ा है. एक मंत्री जो लगातार अपनी शपथ का उल्लंघन कर भारत की एकता और अखंडता को तोड़ता है, उसे मेरा समर्थन नहीं मिल सकता है.'
केरल के गवर्नर ने अपने पत्र में ये भी लिखा कि वो केएन गोपाल के वित्त मंत्री बने रहने से खुश नहीं हैं. उनके मुताबिक केरल के मुख्यमंत्री संविधान के तहत वित्त मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करें और उन्हें पद से बर्खास्त कर दें.
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल के अन्य मंत्रियों पर भी सवाल उठाए. कहा कि राज्य के शिक्षा मंत्री और कानून मंत्री भी उन पर हमले करते हैं, लेकिन वे उन्हें अनदेखा कर देते हैं, क्योंकि उन लोगों ने उन पर व्यक्तिगत तौर पर हमले किए. मगर, बालगोपाल ने देश के खिलाफ टिप्पणी की है, जिसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता.
सीएम ने रिजेक्ट की मांग!
मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों का हवाला देते हुए पीटीआई ने खबर दी है कि राज्यपाल के अनुरोध को सीएम पिनाराई विजयन ने ठुकरा दिया है. उधर, राज्यपाल का लेटर सामने आने के बाद राज्य में सियासत तेज हो गई. सत्तारूढ़ वाम मोर्चा की छात्र इकाई ने राजभवन के बाहर विरोध मार्च निकाला.
मंत्री बालगोपाल ने क्या बोला था?इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक वित्त मंत्री बालगोपाल ने कथित तौर पर कहा था,
क्या है पूरा मामला?"कुछ लोग जो उत्तर प्रदेश जैसी जगहों की प्रथाओं के आदी हैं, वे केरल के विश्वविद्यालयों के डेमोक्रेटिक नेचर को समझने के लायक नहीं हो सकते... यूपी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) सहित कई विश्वविद्यालयों में वीसी को हथियारबंद जवानों की सुरक्षा में रहना पड़ता है.'
पिछले दिनों केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल के 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कहा कि वो इस्तीफा दे दें. उन्होंने कुलपतियों को 24 अक्टूबर तक इस्तीफा देने की चेतावनी दी थी. इसके बाद अगले दिन जब कुलपतियों ने अपना इस्तीफा नहीं भेजा, तो उन्हें राज्यपाल की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया. राज्यपाल ने नोटिस में तीन नवंबर तक इस बात पर जवाब मांगा है.
आरिफ मोहम्मद खान के द्वारा दिए गए इस्तीफे के आदेश के बाद कुलपतियों ने केरल हाई कोर्ट का रुख किया. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक केरल हाई कोर्ट ने सोमवार, 24 अक्टूबर को कुलपतियों को राहत देते हुए कहा कि ये सभी अपने पद पर तब तक बने रह सकते हैं जब तक कि चांसलर/राज्यपाल द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के आधार पर अंतिम आदेश पारित नहीं कर दिया जाता.
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