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बेटे की कब्र पर QR कोड लगाया, स्कैन करने पर क्या होता है?

पति-पत्नी ने कमाल का आईडिया खोज निकाला

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दंपती ने डॉक्टर बेटे के मकबरे पर लगाया क्यूआर कोड | प्रतीकात्मक फोटो: आजतक

कोई बड़ी शख्सियत चली जाती है तो उस पर किताबें लिखी जाती हैं, लम्बे-लम्बे आर्टिकिल लिखे जाते हैं, वीडियो यूट्यूब पर मौजूद रहते हैं. आने वाली पीढ़ियां इनके जरिए उसके किए कामों को जानती हैं, उससे प्रेरणा लेती हैं. लेकिन, ज़रा सोचिए एक छोटे शहर का एक व्यक्ति जिसे उसके आसपास के चुनिंदा लोग ही जानते हैं. वो नेक दिल है, उसने अच्छे काम किए हैं, ऐसे व्यक्ति के चले जाने के बाद उसके कामों को कैसे दुनिया को बताया जाए? इस सवाल का जवाब केरल के एक माता-पिता ने ढूंढ लिया. क्या तरीका ढूंढा आपको बताते हैं, लेकिन इससे पहले उस व्यक्ति को जानते हैं जिसकी मौत हो गई थी.

केरल के त्रिशूर शहर में फ्रांसिस और लीना रहते हैं. इनका बेटा था डॉक्टर इविन फ्रांसिस. उम्र महज 26 साल. कुछ साल पहले की बात है, परिवार ओमान में रहता था. इविन को म्यूजिक और स्पोर्ट्स का जुनून था. वो अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई के साथ ही अपने जुनून के लिए भी समय निकाल लेते थे. इतना जूनून की आसपास के लोग उनसे काफी प्रभावित थे. उनके कार्यक्रमों के चलते वे ओमान में भारतीय समुदाय के बीच लोकप्रिय भी थे. साल 2021 की बात है, एक दिन इविन बैडमिंटन खेल रहे थे, खेलते-खेलते अचानक गिर पड़े और उनकी मौत हो गई. त्रिशूर के कुरियाचिरा इलाके में स्थित सेंट जोसेफ चर्च में इविन को दफनाया गया.

क्यूआर कोड का आइडिया कैसे आया?

पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक इविन के पिता फ्रांसिस ने बताया कि उनके बेटे के काम से लोग प्रभावित थे, इसलिए वो चाहते थे कि मरने के बाद भी उसके किए काम को लोगों तक पहुंचाया जाए. और उनके बेटे का जीवन सभी के लिए प्रेरणा बने. लेकिन ये काम कैसे किया जाए, समस्या ये थी.

फ्रांसिस ने आगे बताया,

'मैंने घर पर बात की कि इविन के बारे में लोगों को कुछ बताने के लिए उसके मकबरे पर कुछ लिखवा देते हैं. तब मेरी बेटी एवलिन ने कहा कि कब्र पर इविन के बारे में कुछ लिखना काफी नहीं होगा. बेटी ने काफी सोचने के बाद कब्र पर क्यूआर कोड लगाने का आइडिया दिया. इस पर सभी सहमत हो गए. इसके बाद हमने बेटे की प्रोफाइल से जुड़ा एक क्यूआर कोड बनाने का फैसला किया और सोचा कि इसे उसकी कब्र पर रख दें तो, जो लोग कोड को स्कैन करेंगे, उन्हें पता चल जाएगा कि वह क्या था और वह क्या कर सकता था. बेटी ने 10 दिनों में वेब पेज और क्यूआर कोड बनावा दिया.'

पिता फ्रांसिस के मुताबिक इसके बाद क्यूआर कोड को इविन की कब्र के ऊपर लगे संगमरमर के पत्थर पर प्रिंट करवा दिया. उन्होंने बताया कि कब्र पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करने पर बेटे इविन के फोटो, कॉलेज में उसके प्रोग्राम और उसके दोस्तों के बारे में जानकारी मिल जाती है. साथ ही क्यूआर कोड के जरिए उसके म्यूजिक प्रोग्राम्स के वीडियो भी देखे जा सकते हैं.

पिता फ्रांसिस ने ये भी बताया कि इविन ने खुद भी क्यूआर कोड का इस्तेमाल कर कई लोगों की प्रोफाइल बनाई थी. वो उन्हें भी जानकारी के लिए बहुत से क्यूआर कोड भेजा करते थे. पिता के मुताबिक क्यूआर कोड को स्कैन करने पर जो जानकारी उनके काम की होती थी, वो उसे डाउनलोड कर लेते थे.

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