2020 सेवनिवृत हुई आईपीएस ऑफिसर श्रीलेख ने एक इंटरव्यू के दौरान कही महिला पुलिस कर्मियों के शोषण की बात.
आर श्रीलेखा. केरल काडर की रिटायर्ड IPS ऑफिसर हैं. उन्होंने पुलिस विभाग में महिला कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ होने वाले यौन शोषण पर बात की है. उन्होंने पुलिस विभाग में जेंडर के आधार पर होने वाले भेदभाव पर भी बात की. आर श्रीलेखा ने मलयालम न्यूज़ चैनल मनोरमा से एक इंटरव्यू में कहा कि महिला होने की वजह से उन्हें खुद भेदभाव का सामना करना पड़ा. वो केरल काडर की पहली महिला IPS ऑफिसर हैं. उन्होंने बताया,
"जब मैं पुलिस फोर्स जॉइन करने वाली थी तो मुझे पता चला कि तात्कालिक DGP ने मेरे भर्ती पर कहा था कि ‘ एक महिला हमारे विभाग को प्रदूषित करने आ रही है. मैंने पुरुष सहकर्मियों से बहुत अपमानजनक बातें भी सुनी. वो गुमनाम नंबरों से फोनकॉल करते और गालियां देकर चिल्लाते. लेकिन मैं उनकी आवाज़ पहचान लेती थी.”
आर श्रीलेखा ने एक घटना का भी जिक्र किया जिसमें एक सीनियर पुलिस अधिकारी एक महिला SI का यौन शोषण करते थे. उन्होंने बताया कि सब इंस्पेक्टर ने उनसे मदद मांगी थी कि वो एक DIG से उन्हें बचाएं. तब श्रीलेखा उस DIG को फोन करके बहाने बनाती थीं कि क्यों वो SI उस दिन उस DIG से नहीं मिल सकती हैं. श्रीलेखा दिसंबर 2020 में सेवा से सेवानिवृत्त हुईं हैं.
पुलिस फोर्स में महिलाएं कितनी सुरक्षित ?
केरल पुलिस अधिकारी संघ के जनरल सेक्रेटरी सीआर बीजू ने श्रीलेखा द्वारा लगाए गए आरोपों के खिलाफ फेसबुक पर लिखा,
“ यह एक सवाल है कि उन्होंने ये सुनने के बाद कि एक DIG ने महिला एसआई के साथ दुर्व्यवहार किया है, इसके खिलाफ़ क्या एक्शन लिया? अगर सच में ऐसी कोई घटना हुई है तो आरोपी की पहचान छिपाकर उन्होंने गैर ज़िम्मेदाराना बर्ताव किया है.”
उन्होंने ये भी लिखा कि DIG का नाम छिपाकर वो उन सारे DIG को बदनाम कर रही हैं जो उनके कार्यकाल के दौरान पोस्टेड रहें. केरल के त्रिशूर जिले की महिला सेल की SI एन ए विनया ने द न्यूज़ मिनट से कहा कि पुलिस फोर्स में यौन उत्पीड़न एक सच्चाई है. उन्होंने कहा,
“ शारीरिक उत्पीड़न के अलावा ओछी बातों, भद्दी टिप्पणियों और गलत भाषा को भी उत्पीड़न का हिस्सा मानना चाहिए. उदाहरण के लिए एक पुरुष पुलिसकर्मी ने मुझसे कहा था कि ‘ तुमने अभी तक ढंग के आदमी नहीं देखे हैं.’ मुझे ‘थल्ले’ (मलयालम में ‘मां’ के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक अपशब्द) बुलाया गया. इसके अलावा और भी कई अपशब्द कहे गए. मैंने इनके खिलाफ़ शिकायत भी दर्ज की मगर कुछ नहीं हुआ.”
21 फरवरी को केरल असेंबली को संबोधित करते हुए मुख्य मंत्री पिनाराई विजयन ने कहा,
“ IPS श्रीलेखा ने नहीं बताया कि वो कब इन बुरे अनुभवों से गुज़रीं. हम तब ही कोई कार्रवाई कर पाएंगे जब वो निश्चित घटना और घटना का निश्चित समय बता पाएंगी.”
पहले भी हो चुकीं हैं महिला पुलिसकर्मी प्रताड़ित
# दैनिक जागरण की सितंबर 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के सोनीपत में एक 24 वर्षीय महिला SI के साथ सहकर्मी ASI ने यौन शोषण किया. SI के विरोध के बावजूद वह दो महीने तक उन्हें परेशान करता रहा. विरोध करने पर ASI ने उनको नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी दी. थाने से ट्रांसफर करा लेने के बावजूद आरोपित उन्हें परेशान करता रहा. विभाग में सुनवाई नहीं होने पर परेशान SI को सामाजिक संगठनों का सहारा लेना पड़ा. # 17 फरवरी, 2020 में मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में एक महिला पुलिस कर्मी ने वहां के RI के खिलाफ़ शोषण की शिकायत दर्ज करवाई थी. महिला SI की शिकायत थी कि RI राहुल देवरिया एक रात नशे में धुत्त होकर उनके घर मे घुस आए और बदसलूकी करने लगे. इस शिकायत के आधार पर एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह ने आरआई को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था.