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'राष्ट्रपति को न्योता तक नहीं', नए संसद भवन के उद्घाटन पर ये दावा कांग्रेस-BJP को लड़वा देगा!

विपक्ष की मांग है कि उद्घाटन प्रधानमंत्री की बजाय राष्ट्रपति के हस्ते होना चाहिए.

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संसद भवन के उद्धाटन समारोह को लेकर बवाल (फोटो- आजतक/ट्विटर)

नए संसद भवन (New Parliament Building) के उद्घाटन को लेकर फिर बवाल शुरू हो गया है. विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार को घेरते हुए सवाल उठाए कि ये उद्घाटन PM की बजाय राष्ट्रपति से क्यों नहीं कराया जा रहा? दावा है कि उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को इनवाइट तक नहीं किया गया. 

कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक ट्वीट में लिखा,

ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने दलित और आदिवासी समुदायों से राष्ट्रपति का चुनाव केवल चुनावी कारणों के लिए किया है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नई संसद के शिलान्यास समारोह में नहीं बुलाया गया था. अब नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया जा रहा है. 

उन्होंने आगे लिखा,

राष्ट्रपति, सरकार, विपक्ष और हर नागरिक का समान रूप से प्रतिनिधित्व करती हैं. वो भारत की प्रथम नागरिक हैं. वो उद्घाटन करेंगी तो ये लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा.

इससे पहले राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति द्वारा उद्घाटन की मांग की थी. उन्होंने ट्वीट में लिखा,

नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं!

AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार से सवाल करते हुए लिखा,

प्रधानमंत्री संसद का उद्घाटन क्यों कर रहे हैं? वो कार्यपालिका के प्रमुख हैं, विधायिका के नहीं. हमारे यहां राज्य की शक्तियों के विभाजन का सिद्धांत लागू है. लोकसभा स्पीकर या राज्यसभा के चेयरमैन भी उद्घाटन कर सकते थे. ये (नया संसद भवन) जनता के पैसे से बनाया गया है. पीएम ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं जैसे उनके "दोस्तों" ने इसे अपने निजी फंड से स्पॉन्सर किया है?

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में 250 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है. वहीं, संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 जबकि राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है. नये भवन में दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा चेंबर में ही होगा. संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक लाइब्रेरी, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्पेस भी बनाया गया है.

नई संसद को बनाने का टेंडर टाटा प्रोजेक्ट्स को दिसंबर 2020 में दिया गया था. इसकी लागत लगभग 861 करोड़ रुपये मानी गई थी. फिर बाद में कुछ अतिरिक्त कामों के चलते यह कीमत 1,200 करोड़ रुपये तक पहुंची गई.

उद्घाटन समारोह के लिए राष्ट्रपति को इनवाइट भेजा गया है या नहीं इस बात की पुख्ता जानकारी अब तक सामने नहीं आई है. ना ही सरकार की तरफ मामले पर कोई बयान आया है. जानकारी मिलते ही खबर को अपडेट किया जाएगा.

वीडियो: संसद भवन की नई बिल्डिंग का उद्घाटन सावरकर जयंती पर - सुनियोजित या महज़ इत्तेफ़ाक़?