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MP: काले हिरण का शिकार रोकने गई थी पुलिस, शिकारियों ने तीन पुलिसवालों को मार डाला

मुख्यमंत्री ने कहा कि मारे गए पुलिसकर्मियों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. वहीं घटनास्थल पर देर से पहुंचने के कारण सीएम ने ग्वालियर के आईजी अनिल शर्मा को पद से हटा दिया है.

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घटनास्थल पर पहुंची पुलिस और बरामद हिरण के सिर (फोटो- आज तक)

मध्य प्रदेश के गुना में शिकारियों ने तीन पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी. मामला गुना के आरोन थाना क्षेत्र का है. यहां के सागा बरखेड़ा गांव में शुक्रवार, 13 मई की देर रात कुछ शिकारी काले हिरण का शिकार करने पहुंचे थे. पुलिस को इसकी जानकारी मिली तो वे शिकारियों को पकड़ने पहुंचे. इसी दौरान शिकारियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हो गई. पुलिस की टीम ने शनिवार, 14 मई को घटनास्थल से तीनों पुलिसकर्मियों के शव बरामद किए.

आईजी को पद से हटाया गया

मुठभेड़ में एक शिकारी भी मारा गया था. घटना के कुछ घंटों के बाद पुलिस ने दो और शिकारियों को गिरफ्तार कर लिया. ये गुना के राघोगढ़ इलाके के बिदोरिया के रहने वाले हैं. इस घटना के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार सुबह अपने आवास पर बैठक की. बैठक के बाद उन्होंने कहा कि अपराधियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई होगी जो इतिहास में उदाहरण बनेगी.

शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना को लेकर मीडिया को एक बयान दिया. जिसमें उन्होंने कहा,

"घटना की पूरी जांच हो रही है. पुलिस फोर्स को भेजा गया है. अपराधी किसी भी कीमत पर बचेंगे नहीं. तीनों शहीद हुए पुलिसकर्मियों की शहादत व्यर्थ नहीं जाने दी जाएगी. उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाएगा और उनके परिवार को एक-एक करोड़ रुपये सम्मान निधि दी जायेगी."

मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि मारे गए पुलिसकर्मियों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. मुठभेड़ में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों में सब-इंस्पेक्टर राजकुमार जाटव, हेड कॉन्स्टेबल संत राम मीणा और सिपाही नीरज भार्गव हैं. सीएम ने कहा कि पूरे सम्मान के साथ इनका अंतिम संस्कार होगा. वहीं घटनास्थल पर देर से पहुंचने के कारण सीएम ने ग्वालियर के आईजी अनिल शर्मा को पद से हटा दिया है. उनके बदले 1997 बैच के अधिकारी डी श्रीनिवास वर्मा को आईजी बनाया गया. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

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सिपाही नीरज भार्गव और एसआई राजकुमार जाटव (फोटो- आज तक)

 

विपक्ष का सरकार पर निशाना

इस घटना को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं. विपक्ष के नेता गोविंद सिंह ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के इस्तीफे की मांग कर दी. उन्होंने कहा कि अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि पुलिसवालों को भी नहीं छोड़ा जा रहा है. वहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि अगर सरकार का कानून-व्यवस्था पर और अपराधियों पर नियंत्रण होता तो इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता था. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,

"हमें यह भी देखना होगा कि आखिर शिवराज सरकार में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद क्यों है..? सरेआम अपराधी पुलिसकर्मियों की हत्या कर रहे है..? जंगल में बेख़ौफ़ होकर शिकार कर रहे है..? प्रदेश की क़ानून व्यवस्था की स्थिति इतनी लचर क्यों है , ज़िम्मेदार आख़िर कहां है..?"

 

 

पुलिस ने क्या बताया?

घटनास्थल से पुलिस ने शिकार करके ले जा रहे कई हिरणों के शव बरामद किए हैं. गुना जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) राजीव मिश्रा ने मीडिया को बताया कि शिकारियों ने करीब 5 हिरणों का शिकार किया. पुलिस ने दो हिरण जिनके सिर नहीं हैं, हिरणों के चार सिर और एक मोर का भी शव बरामद किया.

एसपी ने बताया कि पुलिस की टीम खुफिया जानकारी मिलने पर जंगल के इलाके में पहुंची थी. पुलिस तीन लोगों को घेरने में कामयाब रही. लेकिन उन्होंने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. मुठभेड़ में जिस शिकारी की मौत हुई, उसकी पहचान नौशाद के रूप में हुई है.

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