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'मूंगफली में दाना नहीं, शिवराज हमारे मामा नहीं', MP में भर्ती को लेकर सड़कों पर उतरे युवा

अभ्यर्थियों ने लंबित पड़ी भर्तियों को तत्काल पूरा करने की मांग की है.

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इंदौर में प्रदर्शन करते अभ्यर्थी. (फोटो: ट्विटर)

मध्य प्रदेश के हजारों युवा एक बार फिर से सड़कों पर हैं. वे नए-नए तरीकों से प्रदर्शन कर रहे हैं, ताकि सरकार उनकी बात को सुने. इससे पहले भी छात्रों ने तमाम भर्ती परीक्षाओं को लेकर एक या दो दिन प्रदर्शन किया है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. इस बार उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है और वे 21 सितंबर से ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं.

छात्रों की प्रमुख मांग ये है कि पिछले कई सालों से रुकी हुई सभी भर्ती प्रक्रियाओं को तत्काल पूरा किया जाए. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की 2019, 2020 और 2021 की भर्तियां जल्द से जल्द पूरी की जाएं. इसके अलावा उन्होंने व्यापम के एक लाख पदों (जिसमें एसआई, पटवारी, कॉन्स्टेबल, एग्रीकल्चर इत्यादि शामिल हैं) को तत्काल भरने की मांग की है.

इसके साथ-साथ प्रदर्शनकारियों ने संविदा भर्ती और आउटसोर्सिंग को बंद करने, बेरोजगारों को 5 हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देने, रिटायरमेंट की उम्र 58 साल करने, शिक्षक वर्ग (1, 2 और 3) के पद बढ़ाकर भर्ती करने और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे का समाधान करने की मांग की है.

प्रदर्शनकारी छात्रों ने बेरोजगारी की समस्या का समग्र समाधान निकालने के लिए मध्य प्रदेश रोजगार कानून बनाने की मांग की है.

प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे राष्ट्रीय शिक्षित युवा संघ ने कहा कि अभी इंदौर में अनिश्चितकालीन भर्ती सत्याग्रह चल रहा है, यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे भोपाल तक पदयात्रा करेंगे और भोपाल में भी अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे.

छात्र नुक्कड़ नाटक, वीर रस से भरी कविताएं, संगीत के माध्यम से बेरोजगारी की समस्या बयां कर रहे हैं. इसके साथ ही ताली-थाली का कार्यक्रम भी रखा गया है, जिसमें सभी छात्र ताली और थाली बजाकर बेरोजगारी का मुद्दा उठाएंगे.

इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि वे प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ खड़े हैं और सरकार से मांग करते हैं की बेरोजगारी की समस्याओं पर सुनवाई हो.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, 

'मध्यप्रदेश के इंदौर में MPPSC के हजारों अभ्यर्थियों द्वारा अनिश्चितकालीन "भर्ती सत्याग्रह आन्दोलन" किया जा रहा है. मुझे इन बच्चों की चिंता है, इनके भविष्य की चिंता है, इनके माता-पिता के सपनों की चिंता है. मैं इन बच्चों के साथ खड़ा हूं और सरकार से मांग करता हूं कि जल्द से जल्द इनकी सभी मांगों को सुना जाए और उनका त्वरित निराकरण किया जाए.'

दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षित युवा संघ ने कहा है कि वे इस मामले को लेकर सिर्फ मुख्यमंत्री से ही बात करेंगे और लिखित आदेश भी सीएम का ही चाहिए. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे 28 सितंबर तक भर्ती सत्याग्रह करेंगे, इसके बाद वे पैदल भोपाल कूच करेंगे.

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