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महाराष्ट्र संकट: बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने आखिर वो मांग कर दी जिसका पहले से अनुमान था

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस मंगलवार 28 जून को गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मिलने पहुंचे. इसके बाद उन्होंने अपनी मांग के बारे में बताया.

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(बाएं-दाएं) देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे. (तस्वीरें- एएनआई और शिवसेना के यूट्यूब अकाउंट से साभार हैं.)

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाडी से बहुमत सिद्ध करने की मांग कर दी है. इसके लिए देवेंद्र फडणवीस मंगलवार 28 जून को गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मिलने पहुंचे. उनके साथ चंद्रकांत पाटिल और गिरीश महाजन समेत कुछ और विधायक भी थे. गवर्नर कोश्यारी से मुलाकात के बाद बाहर आकर देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों से कहा,

'हमने राज्यपाल को चिट्ठी सौंपी है. इसमें हमने बताया है कि शिवसेना के 39 विधायकों का कहना है कि वे अपनी पार्टी के साथ नहीं हैं और महा विकास अघाडी सरकार को समर्थन नहीं देना चाहते. हमने राज्यपाल से तुरंत फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश देने का आग्रह किया है.'

फडणवीस ने कहा कि शिवसेना के विधायकों का ये रुख बताता है कि MVA सरकार ने अपना बहुमत खो दिया है. लिहाजा अब फ्लोर टेस्ट कराया जाए.

इससे पहले मंगलवार को ही फडणवीस मुंबई से दिल्ली पहुंचे थे. यहां उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से डेढ़ घंटे मुलाकात की. कहा गया कि इस मुलाकात में महाराष्ट्र के मौजूदा संकट पर चर्चा की गई. इस बातचीत के बाद फडणवीस वापस मुंबई लौट गए. इसके बाद से ही अटकलें लगना शुरू हो गई थीं कि वे जल्दी ही राज्यपाल से फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकते हैं. रात होते-होते ये अटकलें सही साबित हुईं.

वहीं न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के कुछ निर्दलीय विधायकों की तरफ से भी तुरंत फ्लोर टेस्ट कराने की मांग रखी गई है. इस बाबत उन्होंने भी एक लेटर राज्यपाल कोश्यारी को भेजा है. खबर के मुताबिक राज्य के कोई 8 निर्दलीय विधायकों ने राज्यपाल के आधिकारिक ईमेल आईडी पर एक मेल किया है. इसमें मांग की गई है कि भगत सिंह कोश्यारी जल्द से जल्द विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाएं.

इस बीच सोशल मीडिया पर एक लेटर सर्कुलेट होने लगा. इस लेटर में दावा किया गया था कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 30 जून को फ्लोर टेस्ट कराने का ऐलान कर दिया है. हालांकि राजभवन ने बयान जारी कर इस लेटर को फेक बताया है. उसने साफ किया है कि राज्यपाल ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है.

इस सबसे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के बागी विधायकों से एक भावुक अपील की थी. इसमें उद्धव ने कहा था कि ये विधायक अभी भी दिल से शिवसेना के साथ हैं. सीएम ने इन विधायकों से फिर अपील की कि वे वापस आ जाएं, उनकी समस्या को दूर किया जाएगा. हालांकि बागी कैंप के लीडर एकनाथ शिंदे अभी भी अपने स्टैंड पर बने हुए हैं. वो लगातार शिवसेना के नेतृत्व से मांग कर रहे हैं कि वो कांग्रेस और एनसीपी वाले महा विकास आघाडी गठबंधन का साथ छोड़े और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाए.