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शिवलिंग पर चादर चढ़ाने के आरोप में 4 मुस्लिम युवक अरेस्ट, पुरानी प्रथा की कौन सी बात सामने आई?

नासिक के प्रसिद्ध त्रयंबकेश्वर मंदिर में केवल हिंदू समुदाय के लोगों को ही प्रवेश की ही इजाजत है.

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घटनाक्रम बीती 13 मई का है. (फोटो- विकिमीडिया/आजतक)

महाराष्ट्र के नासिक में प्रसिद्ध त्रयंबकेश्वर मंदिर (Trimbakeshwar Temple Nashik) में अवैध तरीके से घुसने के आरोप में चार मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि इन युवकों ने मंदिर में घुसकर शिवलिंग पर चादर चढ़ाने की कोशिश की. इधर, आरोपियों के बचाव में कहा गया है कि वो अंदर नहीं घुसे थे बल्कि दशकों से चली आ रही प्रथा के तहत दूर से ही शिवलिंग को चादर दिखा रहे थे. अब इस प्रथा को लेकर भी विवाद की स्थिति बन गई है. इस बीच राज्य सरकार की तरफ से मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, घटनाक्रम 13 मई का है. मंदिर ट्रस्ट की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपियों अकील यूसुफ सैय्यद, सलमान अकील सैय्यद, मतिन राजू सैय्यद और सलीम बक्शु सैय्यद को गिरफ्तार किया. उनके खिलाफ IPC की धारा 295 (उपासना स्थल को नुकसान पहुंचाना) और 511 (दंडनीय अपराधों को करने के प्रयास के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज हुआ है. घटना से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. 

प्रथा क्या है?

हर साल मुस्लिम संतों के सम्मान में उनकी उर्स (पुण्यतिथि) के हिस्से के तौर पर एक जुलूस का आयोजन किया जाता है. जुलूस के आयोजक मतिन सैय्यद ने इंडिया टुडे को बताया कि वो सालों से जुलूस वाले दिन भगवान शिव को चादर दिखाते आ रहे हैं और वो कभी मंदिर के अंदर नहीं जाते हैं. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार हुए चार लोगों ने शिवलिंग पर चादर चढ़ाने की कोशिश नहीं की और वो केवल चादर को मंदिर की सीढ़ियों तक ले गए.

त्रयंबकेश्वर नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष अवेज़ कोकनी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मुस्लिम समुदाय के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी हर साल मंदिर की सीढ़ियों से धुआं दिखाने की प्रथा का पालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दशकों से चली आ रही प्रथा का कभी हिंदू समुदाय ने विरोध नहीं किया. उन्हें हैरानी है कि इस मुद्दे को सांप्रदायिक मोड़ दिया जा रहा है. हालांकि, मंदिर के ट्रस्टी पंकज भूतड़ा का कहना है कि वो हर चीज का रिकॉर्ड रखते हैं और उनके मंदिर के रिकॉर्ड में इस तरह की प्रथा का कोई जिक्र नहीं है.

जुलूस में भाग लेने वालों ने बताया कि सौ से ज्यादा प्रतिभागियों में से केवल चार या पांच लोग ही मंदिर की सीढ़ियों तक गए. उन्होंने पुलिस को पिछले सालों के वीडियो भी दिखाए. जुलूस में शामिल हुए सलीम सैय्यद ने कहा कि अगर उन्होंने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो वो माफी मांगते हैं. 

इधर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक ट्वीट में लिखा,

महाराष्ट्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा! ये जानबूझकर किए गए प्रयास हैं और इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हमारी पुलिस चौबीसों घंटे अलर्ट मोड पर थी और है.

उपमुख्यमंत्री के ऑफिस की तरफ से यह भी बताया गया कि मामले की जांच के लिए ADG लेवल के एक अधिकारी के नेतृत्व में SIT गठित करने का आदेश दिया गया है. SIT पिछले साल हुई ऐसी ही एक घटना की भी जांच करेगी. 

त्रयंबकेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है. ये राज्य के उन मंदिरों में से है जो सिर्फ हिंदू समुदाय के लोगों को ही प्रवेश की मंजूरी देता है.

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