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हिंसाग्रस्त मणिपुर में अमित शाह के नए ऐलान, यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण अब क्या बोल गए?

आज बात मणिपुर हिंसा को लेकर अमित शाह के ऐलान और राज्य के नए DGP राजीव सिंह की. फिर बात रेसलर प्रोटेस्ट को लेकर आए बृजभूषण शरण सिंह के बयान पर.

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(बाएं से दाएं) मणिपुर हिंसा, विनेश फोगाट और बृजभूषण शरण सिंह. (फोटो: आजतक)

एक महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. और दो खबरें, दो गतिरोध लगातार कीवर्ड बने हुए हैं. एक तरफ मणिपुर की हिंसा है तो दूसरी तरफ पहलवानों का प्रदर्शन. एक तरफ गृहमंत्री हिंसाग्रस्त राज्य में घूम-घूम कर लोगों से मुलाकात कर रहे हैं, शांति की अपील कर रहे हैं और दूसरी तरफ पहलवान यौन शोषण के आरोपी, जो कि सांसद भी हैं और कुश्ती संघ के अध्यक्ष भी उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर अलग-अलग तरीकों से प्रदर्शन कर रहे हैं. जवाब में कुश्ती संघ के अध्यक्ष, जांच पूरी होने और दोषी पाए जाने पर फांसी पर चढ़ने को तैयार होने की दलील दे रहे हैं.

मणिपुर हिंसा

पहले बात मणिपुर की. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पिछले 4 दिन से मणिपुर में हैं. इस दौरान उन्होंने हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा किया, सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और अलग-अलग समुदाय के लोगों से मुलाकात की. आज सुबह उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मणिपुर के हालात और सरकार की ओर से लिए गए फैसलों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि मणिपुर में बंद, ब्लॉकेज, हिंसा, कर्फ्यू ये सब बीते दौर की बात हो चुकी थी. लेकिन कुछ गलतफहमियों की वजह से पिछले दिनों हिंसा भड़की.

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Manipur Voilence (Photo: India Today)

शांति की अपील के बाद अब बात ऐलान की. अमित शाह के ऐलानों को पॉइन्टर्स में समझते हैं.

1- मणिपुर हिंसा के 6 मामलों की जांच सीबीआई करेगी. 2 जून से सर्च ऑपरेशन भी शुरू हो जाएगा. शाह ने कहा कि मैं मणिपुर के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि बिना किसी पक्षपात और भेदभाव के जांच की जाएगी और दोषियों को सजा दी जाएगी.

2- भारत सरकार की ओर से एक रिटायर जज (हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस स्तर के जज) की अध्यक्षता में एक ज्यूडिशियल कमीशन का गठन किया जाएगा. ये हिंसा के सभी पहलुओं, हिंसा के सभी कारणों की जांच करेगा.

3- राज्यपाल की अध्यक्षता में शांति समिति का गठन किया जाएगा. इसमें सभी पक्षों के लोग, राजनीतिक दल के नेता और खिलाड़ी शामिल होंगे.

4- जिन लोगों ने हिंसा में अपनी जान गंवाई है, उनके परिजनों को 10-10 लाख की आर्थिक मदद दी जाएगी. 5 लाख रुपए केंद्र सरकार और 5 लाख रुपए मणिपुर सरकार की तरफ से दिए जाएंगे. हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को ये राशि DBT के जरिए भेजी जाएगी.

5- एक राहत और पुनर्वास पैकेज भी तैयार किया गया है. जिनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है, उन्हें भी आर्थिक मुआवजा दिया जाएगा.

6. हिंसा के चलते मेडिकल सुविधाओं की दिक्कतों को दूर करने के लिए भारत सरकार ने 20 डॉक्टर्स की 8 टीमें बनाई है. जरूरत पड़ने पर और डॉक्टर्स की टीमें असम से भेजी जाएंगी.

7. अमित शाह ने अपील की कि जिन लोगों के पास हथियार हैं, वे सरेंडर कर दें. अगर वे सरेंडर नहीं करते तो शुक्रवार से पुलिस कॉन्बिंग ऑपरेशन चलाएगी, जिनके पास हथियार मिलेंगे, उनपर बड़ी कार्रवाई की जाएगी.  

8. कुलदीप सिंह बेहतर समन्वय के लिए अंतर एजेंसी एकीकृत कमान का नेतृत्व करेंगे. रिटायर्ड सीनियर IPS और CRPF के पूर्व डीजी कुलदीप सिंह उन अधिकारियों में से एक हैं जिन्हें राज्य में हिंसा की शुरुआत के तत्काल बाद मणिपुर भेजा गया था.

दिल्ली वापस लौटे अमित शाह

इन ऐलानों के साथ ही अमित शाह वापस दिल्ली लौट आए हैं. इससे पहले अपनी 4 दिन की यात्रा के दौरान शाह ने इम्फाल में राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों, नेताओं के साथ बैठक तो की ही, साथ ही कुकी और मैतेई समुदाय के लोगों के साथ भी मैराथन बैठक की. इम्फाल के अलावा शाह ने हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर, मोरेह, कांगपोकपी का दौरा किया. 22 मैतेई समुदाय के संगठनों और अलग-अलग पहाड़ी जिलों में 25 कुकी समुदाय के संगठनों से मुलकात की. 

यहां आपको बता दें कि राजधानी इम्फाल और आसपास के जिले मेतेई बाहुल्य हैं. जबकि पहाड़ी इलाके जनजातीय. शाह ने दोनों समुदायों के लोगों के बीच राज्य के प्रति विश्वास बहाली के प्रयास किए ताकि हिंसा और पलायन दोनों पर रोक लगाई जा सके. यही वजह है कि उन्होंने दोनों समुदायों की प्रमुख हस्तियों, खिलाड़ियों, बुद्धिजीवियों, 11 पार्टियों के नेताओं, सिविल सोसायटी के लोगों, रिटायर सैन्य अधिकारियों, महिला और युवा संगठनों के लोगों से मुलाकात की. उन्होंने दोनों समुदायों के राहत शिविरों, अस्पतालों का दौरा किया और हिंसा प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द शांति बहाली का भरोसा दिया.  

हिंसा की CBI जांच, मृतकों के परिजनों को 10 लाख रु, शांति समिति का गठन... मणिपुर पर अमित शाह के बड़े ऐलान - Amit Shah big announcement on Manipur CBI  probe in violence
अमित शाह (Photo: आजतक)

मणिपुर हिंसा को रिपोर्ट करने के लिए दी लल्लनटॉप की टीम पिछले कुछ दिनों से ग्राउंड पर थी. हिंसा पर एक विस्तृत फाइनल रिपोर्ट जल्द ही आपको लल्लनटॉप के सभी प्लेटफार्म्स पर मिलेगी. 

राजीव सिंह बने DGP

गृहमंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस के अलावा एक बड़ा ऐलान राज्यपाल कार्यालय की ओर से भी आया. राज्यपाल ने राजीव सिंह को राज्य का नया डीजीपी नियुक्त किया है. वे पी. डोंगेल की जगह लेंगे. डोंगेल को OSD (होम) के पद पर ट्रांसफर किया गया है. राजीव सिंह 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्हें 3 साल की अवधि के लिए मणिपुर कैडर में ट्रांसफर किया गया है. राजीव सिंह त्रिपुरा कैडर से हैं और IGP CRPF के पद पर तैनात थे.

वहीं दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एक बार फिर से लोगों से हथियार वापस लौटाने की अपील की है. जो हिंसा के दौरान सुरक्षा बलों से लूटे गए थे. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि लोग रोड ब्लॉकेज में शामिल न हों क्योंकि इससे जरूरी वस्तुओं और राहत सामग्री की सप्लाई प्रभावित हो रही है.

इधर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर कुकी समुदाय के लोगों ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने और एन बीरेन सिंह की सरकार को बर्खास्त करने की मांग की. प्रदर्शन के दौरान कुकी समुदाय के लोगों ने कहा कि 115 से अधिक जनजातीय गांवों, 4000 घरों और 222 चर्चों को जला दिया गया. एक और बड़ा आरोप लगाया कि आदिवासियों के खिलाफ हिंसा, अमित शाह के राज्य में होने के दौरान भी जारी रही. साथ ही कहा कि सरकार को आदिवासी समुदायों के लिए एक अलग एडमिनिस्ट्रेशन की लंबे समय से चली आ रही मांग पर विचार करना चाहिए.

दूसरी तरफ मेइती समुदाय के लोगों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर राज्य में शांति बहाली के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की. मैतेई समुदाय के लोगों ने कहा कि उन्हें इम्फाल घाटी में सीमित किया जा रहा है ताकि एक अलग राज्य की मांग हो सके. वे ये भी बोले कि हिंसा के दौरान पुलिस ने उनकी मदद के लिए कुछ नहीं किया. 

दोनों समुदायों के अपने-अपने अलग-अलग दावे हैं. फिलहाल गृहमंत्री ने निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की बात कही है. इस मसले पर आगे जो भी अपडेट होगा लल्लनटॉप आप तक पहुंचाता रहेगा. अब चलते हैं दूसरी बड़ी खबर की तरफ. 

रेसलर प्रोटेस्ट

30 मई को प्रदर्शनकारी पहलवान हरिद्वार गए थे. ऐलान किया था कि वो अपने मेडल्स गंगा में बहा देंगे. पहलवान हर की पौड़ी पहुंचे. वहां कुछ देर तक बैठे रहे. हमने ऐसे विज़ुअल्स भी देखे, जिनमें साक्षी मलिक और विनेश फोगाट रोते हुए भी दिखीं. इसके बाद मौक़े पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बालियान खाप के प्रधान नरेश टिकैत पहुंचे. नरेश टिकैत ने पहलवानों को समझाया और मामले के निपटारे के लिए उनसे 5 दिनों का समय मांगा. पहलवानों ने अपने मेडल्स नरेश टिकैत को सौंप दिए. साथ में ये कहा कि अगर पांच दिनों में कोई रास्ता नहीं निकला, तो वो फिर से हरिद्वार कूंच करेंगे.

पहलवानों के समर्थन में उतरा संयुक्त किसान मोर्चा, 1 और 5 जून को देशव्यापी  आंदोलन का ऐलान - sanyukta Kisan Morcha came out support wrestlers announced  nationwide agitation June 1 and 5 ...
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया (Photo: आजतक)

यौन शोषण और मानसिक प्रताड़ना के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने इस पूरे वाक़ये पर प्रतिक्रिया दी है. बीते रोज़, 31 मई को बाराबंकी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर उनके ख़िलाफ़ एक भी आरोप साबित हो गया, तो वो खु़द को फांसी लगा लेंगे.ऐसा ही बयान उन्होंने तब भी दिया था, जब ये प्रदर्शन शुरू हुआ था. जनवरी में.

इधर मेडल सौंपे जाने के बाद नरेश टिकैत ने पहलवानों के मसले पर मुज़फ़्फ़रनगर में 1 जून यानी आज एक महा-खाप पंचायत बुलाई. नरेश टिकैत ने जानकारी दी कि महापंचायत में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली से अलग-अलग 50 खापों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. मक़सद था, बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर माहौल तैयार करना. 

पहलवानों के मंच पर पहले राजनेता पहुंचे, भाषण हुए. और अब मामला टिकैत और किसान नेताओं के हाथ पहुंच गया है. ऐसे में कई लोग इस आंदोलन के राजनीतिक होने की बात कहने लगे हैं. किसी ने इसे 'यूपी बनाम हरयाणा' से जोड़ा, तो किसी ने जातिगत आग्रह जोड़ दिए. बृजभूषण सिंह ने भी इस मसले पर प्रेस कॉनफ़्रेंस की. क्या कहा? 

मामले में सरकार का भी बयान आया. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, 

“जो-जो खिलाड़ियों ने बोला, हमने माना. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. पुलिस जांच कर रही है. पुलिस अपनी रिपोर्ट देगी और जब चार्जशीट फाइल करेगी तब ही तो कारवाई होगी. प्लेयर्स को तब तक का इंतज़ार करना चाहिए. इसपर राजनीति नहीं होनी चाहिए.”

अनुराग ठाकुर ने लगभग वही बात कही जो बृजभूषण कह रहे हैं. मगर एक बयान और आया जिसने सनसनी फैला दी. बयान महाराष्ट्र के बीड लोकसभा सीट से भाजपा सांसद प्रीतम मुंडे का. प्रीतम मुंडे वरिष्ठ भाजपा नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं. मुंडे ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठा सबको चौंका दिया. उनका कहना है कि सरकार की ओर से कोई भी उन महिला खिलाड़ियों से मिलने तक नहीं गया.

ये तो आज-आज की अपडेट्स हो गईं. लेकिन पहलवानों का प्रदर्शन, दिल्ली के रास्ते अब पूरे देश में फैल चुका है. पश्चिमी यूपी के दृश्य आपने देख ही लिए. पश्चिम बंगाल से भी ऐसे ही दृश्य आए हैं. 31 मई को बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने पहलवानों के समर्थन में एक मार्च निकाला था. मार्च में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं. मीडिया से बातचीत में कहा, ‘पहलवान हमारा गर्व हैं.’

बृज भूषण शरण सिंह भी करेंगे रैली

मार्च की बात आई है तो एक और मार्च की बात कर लेते हैं. वो मार्च जिसका नेतृत्व बृजभूषण सिंह स्वयं करेंगे. अयोध्या से शुरू होने वाली इस रैली का माहौल शहर में बनने भी लगा है. बड़े-छोटे पोस्टर जगह-जगह चस्पा हो रहे हैं. पोस्टरों में है बृजभूषण सिंह की तस्वीर, उनकी भगवा पगड़ी, लोगों से जुड़ने का आग्रह और लिखा है: "जन चेतना महारैली." 

चाहे मुझे फांसी पर चढ़ा दो लेकिन गेम मत रोकिए...', बोले बृजभूषण शरण सिंह - brij  bhushan sharan singh WFI chief appeals wrestlers protesting at Jantar  Mantar lclp - AajTak
बृज भूषण शरण सिंह(Photo: आजतक)

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, अयोध्या के साधू-संत इस रैली को आयोजित कर रहे हैं. साधुओं की मांग है पॉक्सो एक्ट में संशोधन. हनुमान गढ़ी मंदिर के सगरिया पट्टी के महंत बलराम दास ने द प्रिंट से बातचीत में बताया,

“हम चाहते हैं कि पॉक्सो का दुरुपयोग न हो और इस तरह के संगीन आरोप लगने के बाद भी आरोपी को अपनी बात रखने का अधिकार हो. ऐसे मामले में सबसे पहले व्यक्ति का सम्मान खोता है. अगर व्यक्ति दोषी नहीं पाया जाता, तो उसका सम्मान कैसे लौटेगा?”

बृजभूषण शरण सिंह. जिनपर ख़ुद एक नाबालिग लड़की ने यौन उत्पीड़न की FIR दर्ज करवाई है. वही इस रैली का नेतृत्व करेंगे. उनके समर्थक उन्हें 'नेताजी' कहते हैं, और कहा जा रहा है कि ये रैली उनके प्रभाव और जनाधार का शक्ति प्रदर्शन होगा. 

दिल्ली पुलिस की सफाई

इस पूरे मामले में एक ज़रूरी अपडेट और दिए देते हैं. जो मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने दिया है. दरअसल, टीवी चैनलों और कुछ डिजिटल पोर्टल्स ने ये ख़बर चला दी कि दिल्ली पुलिस को जांच में बृजभूषण सिंह के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं मिला है. पुलिस ने इस दावे का खंडन किया और कहा कि मामले में एक अंतिम रिपोर्ट संबंधित न्यायालय के सामने पेश की जानी है. चैनलों पर चल रही ख़बर ग़लत है और इस मामले की पूरी संवेदनशीलता के साथ जांच की जा रही है.

आरोप लग रहे हैं. एक तरफ़ महापंचायत बुलाई जा रही है, दूसरी तरफ़ महारैली. मामले की जांच जारी है, लेकिन इस पूरे मसले से देश के अलग-अलग कोनों में युवा पहलवानों पर बुरा असर पड़ रहा है. ख़ासकर महिला पहलवानों पर. इंडिया टुडे के मनजीत सहगल ने एक बहुत ज़रूरी रिपोर्ट की है. उन्होंने लिखा,

‘कैसे इस विवाद के बाद माता-पिता अपनी बेटियों को कुश्ती और खेलों में भेजने से कतराने लगे हैं. प्रैक्टिस कर रहे खिलाड़ियों का सवाल है कि अगर इतने सीनियर खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है, तो उनका क्या होगा?’

अंत में बात फैक्ट और नियम-कानून की करते हैं. आरोप लगे हैं. जांच चल रही है. तो कौन सही, कौन गलत? ये हम, आप या कोई खाप.. या कोई रैली नहीं तय करेगी. ये तय करेगा हमारे देश का क़ानून.

वीडियो: मणिपुर हिंसा पर अमित शाह ने जांच-राहत पर क्या-क्या ऐलान कर दिए?