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सिसोदिया ने दो फोन तोड़े, शराब के लाइसेंस के लिए दबाव बनाया, चार्जशीट में और क्या आरोप लगे?

CBI ने मनीष सिसोदिया पर कई और गंभीर आरोप लगाए हैं.

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मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं (फोटो- इंडिया टुडे)

दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को कोर्ट में पेश होने का आदेश मिला है. CBI की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया समेत दूसरे आरोपियों को पेश होने को कहा है. CBI ने 25 अप्रैल को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में सीबीआई ने कहा था कि मनीष सिसोदिया ने करीबी लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए अपने हिसाब से पॉलिसी तैयार करवाई थी.

इंडिया टुडे ने CBI की चार्जशीट के हवाले से बताया कि मनीष सिसोदिया ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने दो फोन को तोड़ दिया. CBI का दावा है कि सिसोदिया ने एक जनवरी 2020 से लेकर 19 अगस्त 2022 तक तीन मोबाइल फोन इस्तेमाल किए. 19 अगस्त 2022 को ही CBI ने पहली बार मनीष सिसोदिया के घर छापेमारी की थी. सीबीआई ने चार्जशीट में लिखा है कि जानबूझकर तोड़े गए मोबाइल फोन में एक्साइज पॉलिसी से जुड़े सबूत थे. सप्लीमेंट्री चार्जशीट में CBI ने सिसोदिया के अलावा बुच्चीबाबू गोरंटला, अर्जुन पांडेय और अमनदीप ढल को आरोपी बनाया है.

सिसोदिया की जानकारी में सब हुआ-CBI

इंडिया टुडे से जुड़ीं सृष्टि ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक, चार्जशीट में कहा गया है कि मनीष सिसोदिया इस घोटाले की जड़ मानी जाने वाली मंत्रियों के समूह (GoM) की विवादास्पद रिपोर्ट तैयार करने में मुख्य आर्किटेक्ट थे. CBI का दावा है कि सब कुछ मनीष सिसोदिया की जानकारी में हुआ है. आरोप है कि सिसोदिया ने इसके लिए लोगों से मिली राय को भी प्रभावित किया और उसके साथ छेड़छाड़ की. एक्साइज पॉलिसी तैयार करने के लिए सिसोदिया पहले से गढ़े गए आइडिया पर काम कर रहे थे.

चार्जशीट में कहा गया है कि इस आपराधिक साजिश के तहत निजी कारोबारियों को बड़ी मार्जिन (5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी) के साथ अनावश्यक फायदा पहुंचाया गया. ये भी कहा गया है कि कोविड महामारी के दौरान एक्साइज पॉलिसी जल्दबाजी में तैयार की गई. नई एक्साइज पॉलिसी मई 2021 में तैयार की गई थी. 21 मई 2021 को मंत्रिपरिषद ने नई पॉलिसी को मंजूरी दी थी. ये भी आरोप है कि सिसोदिया ने M/s इंडोस्पिरिट्स को लाइसेंस देने के लिए एक्साइज अधिकारियों पर 'दबाव' बनाया था.

CBI ने कहा है कि 20 और 21 मई को मामले में साउथ इंडिया के आरोपी अभिषेक बोइनपल्ली, अरुण आर पिल्लई और बुच्चीबाबू गोरंटला, शरत रेड्डी ने चार्टर्ड प्लेन से नई दिल्ली का दौरा किया था. 21 मई को दिल्ली के एक होटल में आरोपी विजय नायर और कई अन्य लोगों के साथ मीटिंग हुई थी. विजय नायर तब AAP के कम्युनिकेशन इनचार्ज थे.

रिश्वतखोरी का आरोप

दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी को लागू करने में हुए कथित घोटाले को लेकर CBI ने पिछले साल 17 अगस्त को एक केस दर्ज किया था. शराब नीति में धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी के आरोप में मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों पर मामला दर्ज किया था. इसके बाद CBI ने 19 अगस्त को मनीष सिसोदिया के घर छापेमारी की थी. हालांकि CBI की पहली चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं था. सिसोदिया फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.

ये कार्रवाई दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना के आदेश के बाद हुई थी. एलजी ने दिल्ली सरकार की 2021 में लागू की गई नई एक्साइज पॉलिस की सीबीआई जांच करवाने का आदेश दिया था. आरोप लगा कि कोविड महामारी के बहाने लाइसेंस देने में नियमों की अनदेखी की गई. इससे शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ रुपये माफ कर दिए गए. शराब लाइसेंस देने में कमीशन लेने का भी आरोप लगा है. उस दौरान एक्साइज डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया के पास थी.

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