बीजेपी सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने एक बार फिर आम आदमी पार्टी (AAP) पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. मंगलवार, 21 जून को उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) पर सात अस्थायी अस्पतालों (Temporary Hospitals) के निर्माण में करप्शन (Corruption) को छिपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था. इस पर LG विनय कुमार सक्सेना ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं मनीष सिसोदिया बीजेपी पर उनके काम में बाधा डालने और निराधार शिकायतें दर्ज कराने का आरोप लगा रहे हैं.
दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार के क्या आरोप हैं जिनके लिए LG ने जांच के आदेश दे दिए?
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.
नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक मनोज तिवारी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने सात अस्थायी अस्पतालों के निर्माण के लिए 1,216 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रेक्ट जारी किए थे जिन्हें बाद में बढ़ाकर 1,256 करोड़ रुपये कर दिया गया.
हालांकि मनीष सिसोदिया ने इस आरोप को खारिज किया. मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने मनोज तिवारी के आरोपों पर कहा-
ये 2021 की एक पुरानी शिकायत है और पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इसे खारिज कर दिया था. बहरहाल, नए उप राज्यपाल ने मामले की जांच की मंजूरी दे दी. मैं दिल्ली उपराज्यपाल से पूछना चाहता हूं कि उन्हें क्यों लगता है कि तत्कालीन उपराज्यपाल द्वारा किया गया फैसला गलत है और इस पर फिर से गौर करने की जरूरत है?
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा-
हमें किसी जांच का डर नहीं है. जब हम सत्ता में थे तो हमने कई जांचों का सामना किया है. हालांकि, काम को रोकने के लिए अधिकारियों के खिलाफ इस तरह की जांच पर जोर देना घटिया है. इस तरह की फर्जी शिकायतें अधिकारियों और इंजीनियरों के मन में डर पैदा करने के लिए होती हैं.
खबरों के मुताबिक मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को चिट्ठी में लिखा था कि बीजेपी अस्पताल बनवाने के उनके काम में बाधा बन रही है.
मनोज तिवारी ने किया पलटवारहालांकि सिसोदिया के जवाब पर मनोज तिवारी ने पलटवार किया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक मनोज तिवारी ने कहा,
अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के वीडियो बनाने को कहा था और दोषियों को जेल भेजने का वादा किया था. लेकिन सिसोदिया भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों का हवाला देकर अपनी सरकार में भ्रष्ट लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
मनीष सिसोदिया पर झूठ बोलने और दिल्ली की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए तिवारी ने पूछा कि अस्पतालों के निर्माण पर खर्च किए जाने वाले 1256 करोड़ रुपए का क्या हुआ.