WFI चीफ बृजभूषण शरण सिंह और पहलवानों के मामले में अब निर्भया की मां आशा देवी की एंट्री हो गई है. उन्होंने नाबालिग पहलवान के बयान को लेकर सवाल खड़े किए हैं. आशा देवी ने कहा है कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि नाबालिग पीड़िता ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ दूसरा बयान क्यों दर्ज कराया था?
दरअसल, बीजेपी सांसद और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान के पिता ने 8 जून को बयान दिया था कि उन्होंने जानबूझकर एक ‘’झूठा केस'' फाइल किया था. इसी को लेकर निर्भया की मां आशा देवी ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा,
“इस मामले की जांच की जानी चाहिए कि नाबालिग पीड़िता अपने बयान से क्यों पलटी? उसने दूसरा बयना क्यों दर्ज कराया? क्या उसके ऊपर किसी ने दबाव बनाया था?”
निर्भया की मां आशा देवी ने पहलवानों के समर्थन में बोलते हुए कहा कि मामले में ठीक से जांच नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि पहलवानों को न्याय नहीं मिला है. आशा देवी ने कहा कि इस मामले में राजनीति की वजह से पहलवानों को और अधिक झेलना पड़ा है. उन्होंने आगे कहा,
“अगर देश के लिए मेडल जीतने वाली महिलाओं के साथ ऐसा हो रहा है तो गांव और शहरों में रहने वाली लड़कियों का क्या हाल होगा जो ऐसे ही मामलों से पीड़ित हैं.”
28 मई के दिन पुलिस की तरफ से हुई कार्रवाई पर बोलते हुए निर्भया की मां ने कहा कि पुलिस ने जिस तरह से पहलवानों को पीटा और वहां से हटाया था, वो सही नहीं था. आशा देवी ने आगे कहा,
“ऐसे कई मामले हैं जहां दिल्ली पुलिस ने ठीक से जांच नहीं की है. इस मामले में ये पता लगाना जरूरी है कि नाबालिग पीड़िता ने अपना बयान क्यों बदला.”
नाबालिग के पिता ने क्या बताया?
8 जून को नाबालिग पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी बेटी के साथ अन्याय हुआ था, और वो उसका ‘’बदला'' लेना चाहते थे. न्यूज एजेंसी PTI से बात करते हुए इस लड़की के पिता ने कहा,
"कोर्ट की जगह अभी सच बोलना ज्यादा सही है. सरकार से बातचीत शुरू हो गई है. सरकार ने वादा किया है कि वो मेरी बेटी की हार पर छानबीन करेंगे. मेरी जिम्मेदारी है कि मैं भी अपनी गलती सुधार लूं."
लड़की के पिता का दावा है कि उनकी बेटी को एशियन U-17 चैंपियनशिप के ट्रायल के दौरान जानबूझकर कर रेफरी ने हरवाया था. ये पूरा मामला 2022 का है. लड़की के पिता ने बताया कि वो फाइनल में मैच हार गई थी. उनका कहना है कि रेफरी को फेडरेशन ही अपॉइंट करता है और फेडरेशन के मुखिया बृजभूषण हैं. अगर गुस्सा उन पर नहीं आएगा, तो और किस पर आएगा?
लड़की के पिता ने आगे कहा,
“ये सिर्फ एक कुश्ती हारने की बात नहीं होती है. पूरे एक साल की मेहनत होती है. रेफरी का फैसला देखा था और फिर मैंने फैसला किया था कि मैं इसका बदला लूंगा.”
लड़की के पिता ने ये जानकारी भी दी है कि किसी भी पहलवान ने उन्हें चल रहे प्रोटेस्ट से जुड़ने या बृजभूषण पर आरोप लगाने के लिए नहीं कहा था. ये उनका अपना फैसला था.