The Lallantop
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

'सिर्फ घरेलू डोनेशन की ही इजाजत थी', Alt News मामले पर रेजरपे का जवाब

रेजरपे के जरिए चंदा लेता रहा है Alt News. दिल्ली पुलिस ने Alt News पर विदेशी फंडिंग लेने का आरोप लगाया था.

post-main-image
मोहम्मद जुबैर को कोर्ट ले जाती दिल्ली पुलिस (फोटो- PTI)

Alt News मामले में ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म रेजरपे (Razorpay) का बयान सामने आया है. रेजरपे ने कहा है कि Alt News सिर्फ घरेलू डोनेशन ही ले सकता था. कंपनी ने कहा है कि उसे FCRA मंजूरी के बिना विदेशी डोनेशन की इजाजत नहीं थी. दरअसल, पत्रकार मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने फैक्ट चेकिंग वेबसाइट Alt News पर विदेशी फंडिंग का आरोप लगाया था. जुबैर ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर हैं. और ऑल्ट न्यूज रेजरपे के जरिये डोनेशन लेती है.

जुबैर की गिरफ्तारी के बाद पिछले हफ्ते दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान ऑल्ट न्यूज पर आरोप लगाया था कि उसने FCRA नियमों का उल्लंघन किया है और इसकी जांच की जा रही है. FCRA यानी विदेशी चंदा नियमन कानून. आरोपों पर रेजरपे के CEO हर्षिल माथुर ने एक बयान जारी किया. माथुर ने ट्विटर पर जारी बयान में लिखा, 

"हम देश के कानून के दायरे में काम करते हैं. अगर हम कानून के तहत काम नहीं करेंगे तो अपना लाइसेंस खो सकते है और हमारे अकाउंट्स फ्रीज किए जा सकते हैं. इससे लाखों छोटे व्यवसायों और ग्राहकों को नुकसान होगा जो डिजिपल पेमेंट के लिए रेजरपे पर निर्भर हैं. हम डेटा प्राइवेसी कानूनों का पालन करते हैं. लेकिन कानून के तहत जांच में सहयोग भी जरूरी था."

डेटा शेयर करने पर बोला रेजरपे

Alt News ने पिछले हफ्ते आरोप लगाया था कि रेजरपे ने उसे बताए बिना अकाउंट बंद कर दिया था और पुलिस को डोनेट करने वालों का डेटा सौंप दिया. इस पर हर्षिल माथुर ने लिखा, 

"FCRA जांच के लिए CrPC की धारा सेक्शन 91 के तहत हमें एक खास टाइम की लेनदेन का डेटा शेयर करने का नोटिस मिला था. हमने कानूनी सलाह के बाद इस नोटिस का पालन किया. जांच के कारणों को समझने तक हमने बिजनेस अकाउंट (ऑल्ट न्यूज) को अस्थायी रूप से बंद कर दिया. जब हमें सफाई मिली तो हमने तुरंत पेमेंट सिस्टम को दोबारा चालू कर दिया."

रेजरपे ने यह भी कहा जांच के दायरे में आने वाले सिर्फ सीमित डेटा को ही शेयर किया गया है. हर्षिल माथुर ने बताया कि कंपनी ने डोनेट करने वालों के पैन कार्ड, पता, पिन कोड जैसी कोई जानकारी शेयर नहीं की है.

दिल्ली पुलिस का आरोप

दिल्ली पुलिस ने पिछले हफ्ते कहा था कि मोहम्मद जुबैर के केस में आपराधिक साजिश, सबूत नष्ट करने और विदेशी चंदा लेने के मामले में भी धाराएं जोड़ी गई हैं. दिल्ली पुलिस फिलहाल ऐसे आरोपों की जांच कर रही है. पुलिस ने जुबैर की बैंक डिटेल की जानकारी और FIR की कॉपी ED को दी है.

इस मामले में दिल्ली पुलिस के वकील अतुल श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया था, 

"दिल्ली पुलिस को रेजरपे पेमेंट गेटवे से मिली जानकारी में ये पता लगा है कि ऑल्ट न्यूज को चलाने वाली प्रावदा मीडिया को कई देशों से कुल 2 लाख 31 हजार रुपये फंड मिले हैं. Alt News ने अपनी वेबसाइट पर एक लिंक दिया है, जिसमें फंड जुटाने के लिए अपील की गई है. जुबैर ने पाकिस्तान, सीरिया, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात के साथ और भी देशों से रेजर पे के जरिए पेमेंट स्वीकार किया है. इसकी जांच अभी जारी है."

2 जुलाई को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जुबैर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. जुबैर को धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने Alt News और जुबैर पर कई और आरोप लगा दिए.

दी लल्लनटॉप शो: सुप्रीम कोर्ट में पत्रकार जुबैर और रोहित की सुनवाई में क्या फर्क रहा?