भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए हैं. ऋषि सुनक भारतीय मूल के पहले ऐसे व्यक्ति बन गए हैं, जो ब्रिटेन की सरकार का सबसे बड़ा पद संभालेंगे. इस बीच सोशल मीडिया पर एक नई तरह की बहस भी छिड़ गई. ये बहस है भारत में मुस्लिम प्रधानमंत्री बनने को लेकर है. बहस शुरू हुई कांग्रेस सांसद शशि थरूर के एक ट्वीट से. थरूर ने कुछ ऐसा ट्वीट किया कि भारत में #MuslimPM ट्रेंड करने लगा.
ऋषि सुनक ब्रिटेन के PM बने तो इंडिया में Muslim PM क्यों ट्रेंड करने लगा?
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के ट्वीट के बाद बहस शुरू हो गई.
जॉर्ज ओसबोर्न. ब्रिटिश संग्रहालय के अध्यक्ष हैं. ऋषि सुनक के पीएम बनने को लेकर उन्होंने एक ट्वीट किया. लिखा,
"दिन के अंत तक ऋषि सुनक प्रधानमंत्री होंगे. कुछ सोचते हैं, मेरी तरह, वो हमारी समस्याओं का समाधान हैं. दूसरों को लगता है कि वो समस्या का हिस्सा हैं. लेकिन आपकी राजनीति जो भी हो, आइए हम सभी पहले ब्रिटिश एशियाई के पीएम बनने का जश्न मनाएं और अपने देश पर गर्व करें, जहां ऐसा हो सकता है."
जॉर्ज ओसबोर्न के इस ट्वीट को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने री-ट्वीट किया. उन्होंने लिखा,
बहस छिड़ गई"अगर ऐसा होता है, तो मुझे लगता है कि हम सभी को ये स्वीकार करना होगा कि ब्रिटिश लोगों ने दुनिया में कुछ बहुत ही दुर्लभ काम किया है. अपने सबसे शक्तिशाली ऑफिस में एक अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य को मौका देकर. हम भारतीय ऋषि सुनक के लिए जश्न मनाते हैं. आइए ईमानदारी से पूछें- क्या ऐसा यहां (भारत में) हो सकता है?"
शशि थरूर के इस ट्वीट पर कई लोगों ने टिप्पणी की. कुछ लोगों को उनकी बात पसंद नहीं आई, तो कुछ ने उनका समर्थन किया. मयूर मोगरे ने शशि थरूर के ट्वीट को री-ट्वीट किया और लिखा,
"हमारे राष्ट्रपति मुस्लिम थे, एक सिख हमारा पीएम रहा, और यदि आप विदेशी मूल के बारे में बात कर रहे हैं, तो साल 2004-14 तक देश में सबसे ज्यादा ताकत एक विदेशी मूल के व्यक्ति के पास रही, जिसने आपको कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई."
विक्रांत नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा,
"आप (शशि थरूर) मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री थे, वो अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं. 2004 में जब मनमोहन सिंह भारत के पीएम बने, अब्दुल कलाम आजाद हमारे राष्ट्रपति थे, वे अल्पसंख्यक थे. लेकिन, ये आपके सवाल का जवाब नहीं है, क्योंकि आप चाहते हैं कि एक मुस्लिम व्यक्ति योग्यता के दम पर नहीं, बल्कि सिर्फ इसलिए पीएम बने क्योंकि वह मुसलमान है."
दानिस अरोरा नाम के अकाउंट से ट्वीट किया गया,
"क्या एक मुस्लिम पीएम चाहते हो?... हमारे देश में हर किसी को चुनाव लड़ने का हक है. लेकिन, अपना लीडर चुनने का हक़ यहां के लोगों को है… जाओ और लड़ो, अगर आप लायक हो तो आप बन जाओगे... देश को आगे लेकर जाना है."
जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस की नेता साराह हयात शाह ने भी एक मुस्लिम के भारतीय प्रधानमंत्री बनने के मुद्दे पर एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने सवाल करते हुए लिखा,
अच्छा है कि यूनाइटेड किंगडम को अपना पहला भारतीय मूल का हिंदू प्रधानमंत्री मिल रहा है. भारत को अपना पहला मुस्लिम प्रधानमंत्री कब मिलेगा?
एक ट्विटर यूजर जैस्मीन फर्नांडो अपने एक ट्वीट में लिखती हैं,
एक हिंदू 75% ईसाई आबादी के साथ ब्रिटिश साम्राज्य का पीएम बन सकता है, एक हिंदू 80% ईसाई आबादी के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका का उपराष्ट्रपति बन सकता है. लेकिन भारत सिर्फ 20% मुस्लिम आबादी वाला देश, उनके शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की गारंटी नहीं दे सकता है.
भारतीय पत्रकार और पूर्व सांसद प्रीतिश नन्दी ने भी शशि थरूर के ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी.
उन्होंने कहा कि संभावना तो नहीं है, मैं कल्पना करूंगा. लेकिन हमारे पास भी दो कार्यकाल के लिए एक अल्पसंख्यक प्रधानमंत्री था. अब ये कठिन लग रहा है, सच कहूं तो असंभव.
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