नए संसद भवन का उद्घाटन (New Parliament Building Inauguration) 28 मई 2023 को होना है. PM मोदी के हाथों. लेकिन ज्यादातर विपक्षी दलों ने इस उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया है. उनका कहना है कि उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों होना चाहिए था. इस पूरे विवाद के बीच राष्ट्रपति मुर्मु ने एक इमारत का उद्घाटन किया है. कांग्रेस के दिग्गज नेता और सांसद जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में इसका जिक्र किया और कहा कि राष्ट्रपति के हाथों संसद भवन का उद्घाटन न करवाया जाना एक व्यक्ति का अपना अहंकार है.
नई संसद के उद्घाटन पर बवाल, इस बीच राष्ट्रपति कहां उद्धाटन कर आईं?
राष्ट्रपति ने जिस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया, वो पता है कितने एकड़ जमीन में फैला है?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 24 मई, 2023 को रांची में बनी झारखंड हाई कोर्ट की नई इमारत का उद्घाटन किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार्यक्रम में CJI डीवाई चंद्रचूड़, झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और CM हेमंत सोरेन भी मौजूद रहे. ये इमारत और इसका पूरा कैम्पस, 165 एकड़ के इलाके में फैला है. इसे बनाने में 550 करोड़ रुपये की लागत आई है. इसे देश का सबसे बड़ा न्यायिक परिसर बताया जा रहा है.
कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि ऐसी प्रणाली तैयार किए जाने की जरूरत है जिससे सालों से केस लड़ रहे लोगों को त्वरित न्याय मिल सके. उन्होंने ये भी कहा कि जेलों में विचाराधीन कैदी सालों तक बंद रहते हैं. जेलें भरी हुई हैं. लोग सालों से केस लड़ने में अपना समय और पैसा खर्च कर रहे हैं. उन्हें न्याय मिलना चाहिए. केस लड़ने में आने वाले खर्च के चलते कई नागरिक न्याय की पहुंच से दूर रहते हैं. उन्होंने भरोसा जताया कि जल्द ही हम इन समस्याओं से बाहर निकलेंगे.
इधर, इस कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता और सांसद जयराम रमेश ने भी ट्वीट किया. उन्होंने लिखा,
"कल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रांची में देश के सबसे बड़े ज्यूडिशियल कैंपस, झारखंड हाईकोर्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया. ये एक व्यक्ति का अहंकार और अपने प्रचार की इच्छा है कि देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को नए संसद भवन का उद्घाटन करने के अपने संवैधानिक अधिकार से वंचित कर दिया गया."
जयराम रमेश ने ट्वीट के आखिर में PM मोदी पर तंज भी कसा.
नई संसद भवन के उद्घाटन पर सियासत जारी है. विपक्ष का कहना है कि इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति को न बुलाया जाना उनका अपमान है. विपक्ष इसे संवैधानिक रूप से भी गलत बता रहा है. कुछ विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा की है. वहीं BJP के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में शामिल पार्टियों ने ऐसा करने के लिए इन पार्टियों की निंदा की है.
वीडियो: नए संसद भवन के उद्घाटन में ये 19 पार्टियां नहीं जाएंगी, एक पार्टी का नाम तो चौंका देगा!