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नीति आयोग की बैठक में ममता, केजरीवाल समेत 10 CM नहीं आए, BJP बोली- "मोदी विरोध में कहां तक..."

गैरभाजपा शासित राज्यों के सीएम नहीं गए, लेकिन कांग्रेस का एक मुख्यमंत्री शामिल हुआ.

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मुख्यमंत्रियों के शामिल नहीं होने पर रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की (फाइल फोटो)

27 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई. 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया. इनमें पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दूसरे विपक्षी दलों के सीएम शामिल हैं. हालांकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीटिंग में हिस्सा लिया और राज्य के मुद्दों को उठाया.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा कि नीति आयोग की बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है. वहीं, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक दिन पहले पीएम मोदी को चिट्ठी लिख दी कि जब सहकारी संघवाद का मजाक बनाया जा रहा है तो फिर नीति आयोग की मीटिंग में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता है. केजरीवाल ने चिट्ठी में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश पर अपनी नाराजगी जताई.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि वहां जाकर फोटो खिंचवाने जाने क्या. मान ने आरोप लगाया कि वे मीटिंग करते हैं लेकिन सबकुछ अपने मन से करते हैं. उन्होंने कहा, 

"मैंने चिट्ठी भेज दी कि पिछले साल वाले भाषण को इस बार भी मान लिया जाए. पिछले साल जो मांगो वो तो दिया नहीं. राज्य का जो हक बनता है वो देते नहीं हैं."

इस बैठक के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि भूपेश बघेल ने बैठक के एजेंडे के अलावा राज्य से जुड़ी योजनाओं और मुद्दों को उठाया. सीएम बघेल ने सेंट्रल टैक्स में राज्य के हिस्से का 2659 करोड़ जल्दी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया.

ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, नीतीश कुमार, भगवंत मान के अलावा राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, तेलंगाना के सीएम केसीआर, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन, केरल के सीएम पिनराई विजयन और कर्नाटक के नए सीएम सिद्दारमैया भी शामिल नहीं हुए.

बीजेपी ने क्या कहा?

मुख्यमंत्रियों के शामिल नहीं होने पर बीजेपी ने कहा कि BJP सांसद रविशंकर प्रसाद ने सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्षी दल मोदी विरोध में कहां तक जाएंगे. उन्होंने कहा, 

"संसद के शिलान्यास में आप नहीं आएंगे, उद्घाटन में नहीं आएंगे. मोदी जी की अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता बढ़ी है इस पर टिप्पणी करेंगे. क्या परेशानी है आपको? अपने राज्य की जनता का अहित क्यों कर रहे हैं? अभी तो चुनाव में एक साल बाकी है."

रविशंकर प्रसाद ने मुख्यमंत्रियों के शामिल नहीं होने को गैरजिम्मेदाराना और जनविरोधी बताया. उन्होंने कहा कि मीटिंग में राज्यों के मुद्दे पर चर्चा होती है इसलिए मुख्यमंत्रियों का बहिष्कार करना दुर्भाग्यपूर्ण है. नीतीश कुमार इससे पहले भी मीटिंग में नहीं आए थे, उनसे कहना चाहूंगा कि राजनीति आप अलग से कर लीजिएगा.

पिछले साल अगस्त में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की सातवीं बैठक हुई थी. उस दौरान इनमें से ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया था और राज्य के मुद्दों को उठाया था. हालांकि नीतीश कुमार और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव तब भी शामिल नहीं हुए थे. KCR ने इस मीटिंग का बहिष्कार किया था, वहीं नीतीश कुमार ने तबीयत खराब होने का कारण बताया था.

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