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रेल मंत्री ने हादसे की जो वजह बताई, बड़े अधिकारी ने तीन महीने पहले ही लेटर में लिखा था, लेकिन...

अधिकारी ने साफ-साफ लिखा था कि अगर ये खामी ना सुधारी गई तो गंभीर हादसे हो सकते हैं.

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इंटरलॉकिंग सिस्टम के फेल होने के बारे में चिंता जताई गई थी. (फोटो- ट्विटर)

ओडिशा में हुए बालासोर रेल हादसे (Odisha Train Accident) के बाद दक्षिण पश्चिम रेलवे का एक लेटर सामने आया है. इंडिया टुडे को मिले लेटर के मुताबिक, रेलवे जोन के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेटिंग मैनेजर ने इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में खामियों के बारे में तीन महीने पहले ही चेतावनी दी थी. उन्होंने फरवरी में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के फेल होने के बारे में चिंता जताई थी. रेलवे बोर्ड को लिखे गए इस लेटर में कहा गया था कि अगर इस सिस्टम को नहीं सुधारा गया तो गंभीर हादसे हो सकते हैं.

इस बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी ओडिशा रेल हादसे के पीछे ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम’ को जिम्मेदार ठहराया है. कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से कैसे उतरी, ये जांच के बाद साफ हो पाएगा. लेकिन दक्षिण पश्चिम रेलवे के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेटिंग मैनेजर का लेटर सिस्टम में खामियों और जिम्मेदार लोगों पर कई सवाल खड़ा करता है.

लोको पायलट की सतर्कता से टला था हादसा

इंडिया टुडे से जुड़े संवाददाता सगय राज की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण पश्चिम रेलवे के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेटिंग मैनेजर ने 9 फरवरी को एक एक्सप्रेस ट्रेन के सिग्नल फेल होने की चिंता जताई थी. बताया गया कि लोको पायलट की सूझबूझ और सतर्कता की वजह से एक हादसा टल गया था.

रिपोर्ट के मुताबिक, 8 फरवरी के दिन संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (12649) के लोको पायलट की सतर्कता की वजह से ट्रेन एक हादसे का शिकार होने से बच गई. मैनेजर ने बताया कि 8 फरवरी की घटना ने इंटरलॉकिंग सिस्टम में कई खामियों को जाहिर किया. उन्होंने बताया कि ट्रेन का डिस्पैच रूट ट्रेन के चलने के सिग्नल पर चलने बाद डिस्प्ले होता है. ये इंटरलॉकिंग प्रिंसिपल का उल्लंघन करता है.

प्रिंसिपल चीफ ऑपरेटिंग मैनेजर ने सिस्टम में इस खामी को दुरुस्त करने की बात भी कही थी. उन्होंने ये भी कहा था कि इसकी विस्तृत जांच की जाए और रिपोर्ट सभी स्टेशन मास्टर्स, TI और ट्रैफिक ऑफिसर के साथ साझा की जाए.

रेल मंत्री ने CBI जांच की बात कही!

इधर, ओडिशा रेल हादसे में अभी तक 275 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है. वहीं 900 से ज्यादा यात्री घायल बताए जा रहे हैं. ये आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है. इससे पहले, 2 जून की शाम को जब ओडिशा में हुए रेल हादसे की खबर आई, तो एक मालगाड़ी और एक एक्सप्रेस ट्रेन की टक्कर की बात सामने आई थी. बाद में पता चला कि दो नहीं बल्कि तीन ट्रेनें एक मालगाड़ी, कोरोमंडल एक्सप्रेस और हावड़ा एक्सप्रेस की टक्कर हुई थी.

रेल मंत्री ने ओडिशा में हुए हादसे की CBI जांच की सिफारिश की है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि अभी तक जो जानकारी सामने आई है, उसके आधार पर रेलवे बोर्ड ने केंद्रीय जांच एजेंसी से तफ्तीश कराने की सिफारिश की है. 

वीडियो: Odisha Rail Accident पर CBI जांच की सिफारिश, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने और क्या बताया?