ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं. हादसे की जांच जारी है. इस बीच एक और सवाल खड़ा किया जा रहा है. क्या ओडिशा ट्रेन हादसा एक दुर्घटना नहीं बल्कि साजिश थी? इसका पता लगाने के लिए रेलवे बोर्ड ने CBI जांच की सिफारिश की है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कहा था कि CBI पता लगाएगी की यह हादसा कैसे हुआ?
लेकिन ये कोई पहला रेल हादसा नहीं है, जहां साजिश की बात कही जा रही है. इससे पहले दो रेल हादसे ऐसे थे, जहां साजिश की बात कही गई थी. दोनों मामलों की जांच NIA को सौंपी गई थी. दोनों मामलों की हालिया स्थिति क्या है, आइए जानते हैं.
कानपुर रेल हादसा, 2016
साल 2016 में हुए कानपुर रेल हादसे में 152 लोगों की जान गई थी. हादसे के बाद साजिश की बात कही गई थी. इसकी जांच के लिए रेल मंत्रालय ने तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र लिखा था. रेल मंत्रालय ने मामले की जांच NIA से कराने की बात कही थी. जिसके बाद मामले की जांच NIA ने शुरू की, लेकिन NIA को ऐसे सबूत नहीं मिले जिससे साजिश की बात को सही साबित किया जा सके.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कानपुर हादसे की जांच IIT कानपुर के इंजीनियर्स की एक टीम द्वारा की गई थी. जांच में किसी भी तरह की साजिश की बात सामने नहीं आई थी. जांच में जुटाए गए नमूनों में किसी भी तरह के विस्फोटक के निशान भी नहीं पाए गए थे.
रिपोर्ट के मुताबिक साल, 2016 में बिहार के मोतिहारी जिले के घोरासहन ट्रेन बम विस्फोट मामले में NIA ने एक चार्जशीट दायर की थी. चार्जशीट में NIA ने बताया था कि एक आरोपी दूसरे आरोपी से कानपुर रेल हादसे में साजिश किए जाने की बात कर रहा था. हालांकि, NIA ने कानपुर ट्रेन हादसे में कोई भी चार्जशीट नहीं दायर की थी.
कानपुर रेल हादसे में रेलवे द्वारा की गई जांच में मशीनी गड़बड़ी की बात कही गई थी. जांच में बताया गया था कि ट्रेन के एक कोच में जंग लगी हुई थी और वेल्डिंग में भी गड़बड़ी थी.
कुनेरू रेल हादसा, 2017
इस ट्रेन हादसे में 40 लोगों की मौत हुई थी. हादसे में गृह मंत्रालय की ओर से माओवादियों की साजिश होने की बात कही गई थी. जिसके बाद मामले की जांच NIA को सौंपी गई थी. NIA ने UAPA के तहत मामला दर्ज किया था. लेकिन अभी तक NIA ने इस मामले में किसी भी तरह की चार्जशीट नहीं दायर की है.