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क्रॉसिंग गेट, लोकेशन बॉक्स... ओडिशा ट्रेन हादसे पर 6 अधिकारी चुपचाप किस 'छेड़छाड़' की बात कह गए?

कोरोमंडल एक्सप्रेस को वहां से गुजरना नहीं था, लेकिन किसी ने सिग्नल...

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कोरोमंडल एक्सप्रेस लूपलाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकराई थी. (फोटो: ट्विटर)

ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) की जांच जारी है. रेल हादसे का कारण ‘लोकेशन बॉक्स’ में छेड़छाड़ हो सकता है. बताया जा रहा है कि लोकेशन बॉक्स में छेड़छाड़ की वजह से कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) मेन लाइन से हटकर लूप लाइन में चली गई. इसके कारण लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से कोरोमंडल एक्सप्रेस की टक्कर हो गई.

लोकेशन बॉक्स से छेड़छाड़

इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े अविषेक जी दस्तीदार की रिपोर्ट के मुताबिक, बहानागा बाजार रेलवे स्टेशन के पास लगे लोकेशन बॉक्स के साथ छेड़छाड़ हादसे की वजह हो सकती है. मामले से जुड़े छह अधिकारियों से बात करते हुए इंडियन एक्सप्रेस को ये जानकारी मिली. अधिकारियों के मुताबिक, लेवल क्रॉसिंग गेट में गड़बड़ी की जानकारी सामने आई है. क्रॉसिंग गेट का बूम बैरियर ठीक से काम नहीं कर रहा था.

अधिकारियों ने जानकारी दी कि रेलवे लाइन में लगा बूम बैरियर कोरोमंडल एक्सप्रेस के गुजरने के वक्त उठा हुआ था. इस स्थिति में लाइन पर ग्रीन सिग्नल नहीं हो सकता है. और ट्रेन को वहां से गुजारा नहीं जा सकता है. लेकिन असल गड़बड़ी इसके बाद हुई. लोकेशन बॉक्स से छेड़छाड़ कर कोरोमंडल एक्सप्रेस को ग्रीन सिग्नल दिया गया और ऐसा वहां मौजूद टेक्नीशियन ने मैनुअली किया. मतलब, ये प्रक्रिया आमतौर पर खुद से होती है. लेकिन उस दिन टेक्नीशियन ने ये खुद किया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट, के मुताबिक जब रेलवे के प्रवक्ता से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अभी मामले की जांच की जा रही है. प्रवक्ता ने आगे कहा कि कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (CRS) और CBI जांच के आदेश दे दिए गए हैं. प्रवक्ता ने बताया कि मामले की जांच चल रही है, तो वो इस मामले पर कुछ कहना नहीं चाहेंगे.

अभी तक कोई भी निलंबन नहीं

रेलवे से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि सिग्नल की देखरेख रखने वाले कर्मचारियों के पास कोड और उनके मैनुअल होते हैं. अगर उन्हें लगता है कि रेल सुरक्षा खतरे में है तो वो इंटरलॉकिंग सिस्टम को कभी भी बंद कर सकते हैं. 

मामले की जानकारी के लिए जब दक्षिण-पूर्वी रेलवे के प्रवक्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी तक किसी भी अधिकारी को निलंबित नहीं किया गया है. ऐसे मामलों में पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाता है. फिलहाल अधिकारियों के बयान रिकॉर्ड किए जा रहे हैं.

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