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आपके साथ बार-बार गड़बड़ियां कर रही OLA, Uber को सरकार ने नोटिस थमा दिया है!

नोटिस का 15 दिन में जवाब न दिया तो होगी कार्रवाई!

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Ola Uber

ऑनलाइन कैब की सेवा देने वाली कंपनी ओला और उबर को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने नोटिस जारी किया है. अनुचित व्यापार व्यवहार और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन को लेकर ये नोटिस जारी किया गया है. CCPA का कहना है कि पिछले एक साल में दोनों कंपनियों के खिलाफ लोगों से काफी शिकायतें मिली हैं, इसके बाद नोटिस जारी किया गया. प्राधिकरण ने नोटिस का जवाब देने के लिए ओला और उबर को 15 दिन का समय दिया है.

 

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक नोटिस के बारे में जानकारी देते हुए CCPA की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने बताया,

'हमने ओला और उबर दोनों को नोटिस जारी किया है. पिछले एक साल में कई समस्याओं को लेकर उपभोक्ताओं की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए एक्शन लिया गया है. दोनों कंपनियों को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है.'

इंडिया टुडे से जुड़ीं एश्वर्या पालीवाल की रिपोर्ट के मुताबिक 10 मई को सरकार ने कैब सेवाएं देने वाली कंपनियों की एक बैठक बुलाई थी. इसके बाद बैठक के बारे में जानकारी देते हुए उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया था,

'उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 10 मई को कैब सेवाएं देने वाली कंपनियों के साथ दूसरी बार बैठक की थी. बैठक में ओला, उबर, मेरु, रैपिडो और जुगनू के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. मीटिंग में चेतावनी दी गई थी कि अगर कंपनियां अपनी व्यवस्था में सुधार और उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों का समाधान नहीं करती हैं तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.'

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) के आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल 2021 से एक मई 2022 तक उपभोक्ताओं ने ओला के खिलाफ 2,482 शिकायतें दर्ज कराईं. वहीं उबर के खिलाफ 770 शिकायतें दर्ज कराई गईं. ओला के मामले में 54 पर्सेंट शिकायतें सेवाओं में कमी से संबंधित थीं, जबकि उबर के मामले में ये आंकड़ा 64 फीसद था. बताया गया कि इसी के मद्देनजर नोटिस भेजा गया है.

CCPA ने दोनों कंपनियों को बताया है कि उचित उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र की कमी, सेवाओं में कमी, जरूरत से ज्यादा कैंसिलेशन चार्ज और किराया वसूलने की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए ये कार्रवाई की गई है. CCPA ने सुरक्षा नोटिस भी जारी किए हैं ताकि उपभोक्ताओं को ऐसे सामान खरीदने के प्रति सतर्क किया जा सके जो वैध ISI मार्क वाले नहीं होते हैं और जरूरी BSI मानकों का उल्लंघन करते हैं.

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