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पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, 'एक घंटे में इमरान खान को पेश करो'

पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल अकाउंटेबिलिटी को निर्देश दिया है कि वो तुरंत इमरान खान को कोर्ट में पेश करे.

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इमरान खान की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश. (तस्वीरें- पीटीआई औऱ इंडिया टुडे)

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी मामले में बड़ी खबर आ रही है. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल अकाउंटेबिलिटी (NAB) को निर्देश दिया है कि वो एक घंटे के अंदर इमरान खान को कोर्ट में पेश करे.

बुधवार को इस्लामाबाद की एक अदालत ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में इमरान को 8 दिनों के लिए NAB के हवाले कर दिया था. इसके तुरंत बाद पूर्व पीएम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. उन्होंने कोर्ट से मांग की कि NAB चेयरमैन द्वारा 1 मई को भेजे गए गिरफ्तारी वॉरंट को रद्द किया जाए और इस्लामाबाद हाई कोर्ट के फैसले को अवैध करार दिया जाए. हाई कोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी को लीगल बताया था.

गुरुवार, 11 मई को इमरान की याचिका पर सुनवाई करते हुए पाकिस्तान के चीफ जस्टिस (CJP) उमर अता बंदियाल, जस्टिस मुहम्मद अली मजहर औ जस्टिस अथर मिनाल्लाह ने कहा कि अदालत इस मामले को गंभीरता से देख रही है और वो इस संबंध में आज ही 'उचित आदेश' जारी करेगी.

पाकिस्तान अखबार डॉन की वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक चीफ जस्टिस (CJP) उमर अता बंदियाल, जस्टिस मुहम्मद अली मजहर औ जस्टिस अथर मिनाल्लाह ने कहा कि अदालत इस मामले को गंभीरता से देख रही है और वो इस संबंध में आज ही 'उचित आदेश' जारी करेगी.

सुनवाई के दौरान इमरान के एक वकील हामिद खान ने अदालत को बताया कि उनके क्लाइंट ने गिरफ्तारी से पहले ही जमानत के लिए इस्लामाबाद हाई कोर्ट में अर्जी दी थी. वकील के मुताबिक इमरान बेल की सुनवाई के लिए बायोमेट्रिक्स प्रोसेस से गुजर रहे थे तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इस दौरान सुरक्षाबल के रेंजर्स उनसे गलत तरीके से पेश आए.

रिपोर्ट के मुताबिक सुनवाई में CJP बंदियाल ने अहम टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में इमरान की सुनवाई का केस ठीक तरह से दायर ही नहीं हुआ था. इमरान के वकील ने भी कहा कि बायोमेट्रिक प्रोसेस के पूरा हुए बिना अपील फाइल नहीं हो सकती. इस पर जस्टिस मिनाल्लाह ने कहा कि इमरान को अदालत के अंदर जाने दिया जाना चाहिए था.

आगे CJP ने एक दूसरे मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि एक बार NAB ने किसी संदिग्ध को सुप्रीम कोर्ट की पार्किंग से गिरफ्तार कर लिया था. इस कार्रवाई को अदालत ने पलट दिया था. CJP बंदियाल ने कहा कि अदालतों का सम्मान किया जाना चाहिए. उन्होंने इमरान के वकील से पूछा कि पूर्व प्रधानमंत्री को अरेस्ट करने वाले रेंजर्स की संख्या कितनी थी. हामिद ने बताया करीब 100 रेंजर्स ने इमरान को गिरफ्तार किया. इस पर CJP ने कहा,

"कोर्ट परिसर में 90 लोग (रेंजर्स) इस तरह घुस आएंगे तो कोर्ट की क्या इज्जत बचती है. किसी व्यक्ति को कोर्ट परिसर से कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है? पहले भी कोर्ट में हंगामा करने के चलते वकीलों पर ऐक्शन लिया गया है. अगर कोई व्यक्ति सरेंडर कोर्ट में सरेंडर कर चुका है तो उसे गिरफ्तार करने का क्या मतलब है?"

सुप्रीम कोर्ट ने ये तक कहा कि NAB ने अदालत का अपमान किया है. उसे गिरफ्तारी के लिए कोर्ट रजिस्ट्रार से परमिशन लेनी चाहिए थी. CJP ने ही कहा कि इमरान की गिरफ्तारी के दौरान हाई कोर्ट के स्टाफ के लोगों से भी गलत व्यवहार किया गया. उन्होंने NAB की कार्रवाई को अवैध बताया और कहा कि कोर्ट इस पर से आंखें नहीं मूंद सकता. उन्होंने कहा कि हर आरोपी को न्याय पाने का अधिकार है.

यहां साफ कर दें कि ये कोर्ट की टिप्पणी है, फैसला नहीं है.

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