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बंगाल सरकार और TMC से निकाले जाने पर पहली बार बोले पार्थ चटर्जी, 'सोमोए बोलबे'

पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी दोनों ED की कस्टडी में हैं.

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पार्थ चटर्जी और ममता बनर्जी (फोटो- वीडियो स्क्रीनशॉट/पीटीआई)

SSC घोटाले में गिरफ्तार TMC नेता पार्थ चटर्जी ने पश्चिम बंगाल सरकार की कैबिनेट से हटाए जाने पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है. पार्थ चटर्जी को शुक्रवार 29 जुलाई को मेडिकल चेकअप के लिए कोलकाता के ESI अस्पताल में लाया गया था. मेडिकल चेकअप के बाद जब वे गाड़ी में बैठ रहे थे तो मीडिया ने उनसे कैबिनेट और पार्टी से हटाए जाने को लेकर सवाल किया. इसका पार्थ चटर्जी ने बांग्ला भाषा में छोटा सा जवाब दिया- 'सोमोए बोलबे.' यानी समय ही बताएगा.

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जब पार्थ चटर्जी को मेडिकल चेकअप के लिए लाया गया था उस वक्त भी रिपोर्ट्स ने उनसे सवाल पूछा. पार्थ चटर्जी ने कहा कि वो एक साजिश का शिकार हुए हैं. पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी दोनों ED की कस्टडी में हैं.

छापेमारी में 50 करोड़ कैश बरामद

पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में इन दोनों को ED ने 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था. ED इस मामले में पैसों से जुड़े हेरफेर की जांच कर रही है. ED की छापेमारी के दौरान अर्पिता मुखर्जी के दो घरों से करीब 50 करोड़ रुपये कैश बरामद हो चुके हैं. इसके बाद TMC नेताओं ने पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से हटाने की मांग शुरू की. 28 जुलाई को ममता बनर्जी ने उन्हें सभी मंत्रालयों और पार्टी से सस्पेंड कर दिया.

पार्थ चटर्जी के पास उद्योग, वाणिज्य, सूचना प्रौद्योगिकी सहित कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी. इसके अलावा वे पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस के महासचिव भी थे. पार्थ चटर्जी को सीएम ममता बनर्जी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद हटाया गया था.

ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटाए जाने के बाद कहा था, 

"मैंने उन्हें (पार्थ) हटाया, क्योंकि मेरी पार्टी बहुत ही सख्त पार्टी है. अगर कोई सोचता है कि वो ऐसा करके TMC के बारे में राय बदल सकता है तो वो गलत है."

पैसे पार्थ चटर्जी के- अर्पिता मुखर्जी

ED ने 27 जुलाई को अर्पिता मुखर्जी के बलघरिया टाउन क्लब स्थित फ्लैट पर छापेमारी की थी. उनके घर से 28.90 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे. 5 किलो से अधिक सोना भी जब्त किया गया था. पिछले हफ्ते भी अर्पिता मुखर्जी के एक घर से 21 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे. ED की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में अर्पिता मुखर्जी ने बताया था कि ये पैसे पार्थ चटर्जी के हैं.

यह घोटाला ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के नॉन टीचिंग स्टाफ, क्लास 9-12 के टीचिंग स्टाफ और प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों अवैध भर्ती से जुड़ा हुआ है. जब यह घोटाला हुआ तब पार्थ चटर्जी पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री थे. इस मामले में पार्थ चटर्जी के दूसरे करीबियों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी पूछताछ चल रही है.

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