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कौन है पटियाला झड़प का 'मास्टरमाइंड' बरजिंदर सिंह परवाना, जो भिंडरावाले को आदर्श मानता है?

पटियाला (Patiala clash) के काली मंदिर के सामने हुई हिंसक झड़प के मास्टरमाइंड बरजिंदर सिंह परवाना (Barjinder Singh Parwana) को पंजाब पुलिस ने मोहाली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है.

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पटियाला झड़प का कथित मास्टरमाइंड बरजिंदर सिंह परवाना (फोटो: इंडिया टुडे)

पटियाला (Patiala clash) में 29 अप्रैल को दो गुटों के बीच हिंसा और पत्थरबाजी की खबर सामने आई थी. अब इस मामले में एक मई को पुलिस ने इस घटना के कथित मास्टरमाइंड बरजिंदर सिंह परवाना (Barjinder Singh Parwana) को मोहाली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है. बरजिंदर सिंह परवाना एक हिस्ट्रीशीटर है. उसके खिलाफ पहले से ही चार केस दर्ज हैं. इधर पटियाला में हुई हिंसा के इस मामले में पुलिस ने कुल 6 FIR दर्ज की हैं, जिनमें 25 लोगों को नामजद किया गया है. इनमें से हरीश सिंगला, कुलदीप सिंह और दलजीत सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के कथित मास्टरमाइंड बरजिंदर सिंह परवाना की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी. एक मई की सुबह करीब साढ़े 7 बजे उसे मोहाली एयरपोर्ट से इंस्पेक्टर शमिंदर सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया. बरजिंदर परवाना के खिलाफ आर्म्स ऐक्ट, हत्या की कोशिश करना, धमकी देना और आपदा प्रबंधन ऐक्ट के तहत चार मामले दर्ज हैं.

कैसे रची गई हिंसा की साजिश?

भारत में बैन आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) के सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 29 अप्रैल को खालिस्तान दिवस मनाने की घोषणा की थी. पन्नु की इस घोषणा का विरोध में शिवसेना (बाल ठाकरे) के अध्यक्ष हरीश सिंगला ने 29 अप्रैल को "खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च" निकालने की घोषणा कर दी.

रिपोर्ट्स बताती हैं कि जब बरजिंदर को इसका पता चला, तो उसने शिवसेना के मार्च का विरोध किया और कहा कि वो ऐसे किसी भी आयोजन को नहीं होने देगा. उसने घटना से एक दिन पहले सोशल मीडिया पर कथित तौर पर सिख कट्टरपंथियों से अपील करते हुए कहा कि 29 अप्रैल को सभी पटियाला में इकट्ठा हों. इस वायरल वीडियो में कथित तौर पर बरजिंदर कह रहा है,

"अगर कोई खालिस्तान के खिलाफ कुछ भी कहेगा, हम ये सहन नहीं करेंगे. हम कानून की सारी हदों को पार कर देंगे. खालिस्तान से हमारी धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं. यहां तक कि 5-7 साल के बच्चे में भी यही भावना है. कोई हमें खालिस्तान से कैसे वंचित कर सकता है."

वायरल वीडियो में बरजिंदर ने कथित तौर पर आगे कहा,

"खालिस्तान था, खालिस्तान है और खालिस्तान रहेगा."

बरजिंदर की इस अपील के बाद 29 अप्रैल को कट्टरपंथियों ने शिवसेना की मार्च को काली मंदिर के पास रोक दिया. कुछ ही देर में वहां तलवारें निकल आईं और दोनों ओर से पत्थरबाजी होने लगी. घटनास्थल पर भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को हवाई फायर भी करने पड़े.

कौन है बरजिंदर सिंह परवाना?

खुद को राजपुरा स्थित दमदमी टकसाल जत्थे का सरगना बताने वाले बरजिंदर परवाना का जन्म 1984 में हुआ था. कट्टरपंथी विचारों वाला बरजिंदर खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले (Jarnail Singh Bhindranwale) को अपना आदर्श मानता है. आए दिन वो सोशल मीडिया पर खालिस्तान और भिंडरावाले के समर्थन वाले वीडियो और बयान शेयर करता रहता है. 2007 में वो सिंगापुर चला गया, वहां से 17 महीने के बाद लौटकर उसने राजपुरा में दमदमी टकसाल जत्थे की स्थापना की और धार्मिक प्रचार करने लगा.

जुलाई 2021 में स्थानीय शिवसेना नेता सुधीर सूरी की शिकायत पर मोहाली पुलिस ने बरजिंदर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (दंगे उकसाना), 120 (दंडनीय अपराध की छुपकर साजिश करना) और 505 (सार्वजनिक स्थल पर शरारत करने वाले बयान देना) के तहत मामला दर्ज किया था. पटियाला आईजी मुखविंदर सिंह चिन्ना का कहना है कि फिलहाल परवाना के खिलाफ चार FIR दर्ज हैं, कोर्ट में इन मामलों की सुनवाई शुरू हो चुकी है. पटियाला में हुई इस सांप्रदायिक झड़प की पुलिस खालिस्तानी ऐंगल से भी जांच कर रही है.