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ऑस्ट्रेलिया में PM मोदी के भाषण के बीचोबीच संसद में BBC वाली डॉक्यूमेंट्री कौन चलाने जा रहा है?

भारतीय विदेश मंत्रालय ने क्या प्रतिक्रिया दी?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गए हुए हैं. (फोटो: PTI)

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन के दौर पर ऑस्ट्रेलिया में मौजूद हैं. इस बीच खबर आई है कि ऑस्ट्रेलिया की संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री (PM Modi BBC Documentary) दिखाई जाएगी. इस साल जनवरी में आई BBC की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ भारत में रिलीज के बाद से ही बैन है. अब इस डॉक्यूमेंट्री को कैनबरा में मौजूद ऑस्ट्रेलियाई संसद भवन में दिखाया जाएगा.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई की शाम को ऑस्ट्रेलिया पहुंचे. खबर है कि ऑस्ट्रेलिया प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से मुलाकात के बाद PM मोदी 23 मई को सिडनी के ओलंपिक पार्क में एक रैली को संबोधित करेंगे. इस रैली में लगभग 16 हजार लोगों के शामिल होने का अनुमान है, जो पूरे ऑस्ट्रेलिया के अलग-अलग इलाकों से यहां पहुंचेगे.

ऑस्ट्रेलिया के मीडिया संस्थान SBS न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में कुछ राजनेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के समूह ने वहां के संसद भवन में BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रखी है. इस संबंध में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है कि एक नकारे जा चुके एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ये सब योजना बनाई गई.

ऑस्ट्रेलियाई संसद में इस डॉक्यूमेंट्री के दिखाए जाने के बाद एक पैनल चर्चा भी होगी. इस कार्यक्रम में जेल में बंद गुजरात पुलिस के पूर्व अधिकारी संजीव भट्ट की बेटी आकाशी भट्ट भी शामिल होंगी.

सरकार ने बैन की थी डॉक्यूमेंट्री

इससे पहले BBC की डॉक्यूमेंट्री को भारत सरकार ने प्रोपेगैंडा का हिस्सा बताते हुए बैन कर दिया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 19 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था,

“यह एक प्रोपेगेंडा का हिस्सा है. यह झूठे नैरेटिव को बढ़ाने का एक मात्र हिस्सा है. इसके पीछे क्या एजेंडा है, यह सोचने को मजबूर करता है. इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता साफ-साफ झलक रही है. इसमें कोई वस्तुनिष्ठता नहीं है.”

द मोदी क्वेश्चन नाम से BBC की दो एपिसोड वाली इस डॉक्यूमेंट्री का दावा किया गया है कि इसमें एक नई नज़र से दंगों को देखा गया है. डॉक्यूमेंट्री में आरोप है कि 2002 में गुजरात में जो कुछ हुआ, उसमें नरसंहार के सारे लक्षण थे और डॉक्यूमेंट्री में इसका आरोप गुजरात के उस समय के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाया गया. हवाला दिया गया है ब्रिटिश सरकार की एक खुफिया रिपोर्ट का. 

इधर, गुजरात दंगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की बनाई स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम ने कहा था कि दंगों के पीछे साजिश के साक्ष्य नहीं मिले हैं. जिसके बाद कोर्ट ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी थी.

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