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2000 के नोट पर मोदी नहीं थे तैयार, फिर क्या हुआ जो नोट मार्केट में आ गए?

PM मोदी के पूर्व प्रधान सचिव ने 2000 के नोट को लेकर बड़े दावे किए हैं.

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'PM ने कभी भी 2000 रुपये के नोट को गरीबों का नोट नहीं माना' (फाइल फोटो: PTI)

साल 2016 में नोटबंदी के बाद 2000 रुपये के जो नोट लाए गए थे, उन्हें अब वापस करने को कहा गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 19 मई को इसकी जानकारी दी. इस बीच प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने एक बड़ा दावा किया है. नृपेंद्र मिश्रा ने कहा है कि प्रधानमंत्री पहले से ही 2000 रुपये के नोट लाने के पक्ष में नहीं थे. उन्होंने ये भी दावा किया कि PM ने कभी भी 2000 रुपये के नोट को गरीबों का नोट नहीं माना. 

इंडिया टुडे से जुड़े अक्षय डोंगरे की रिपोर्ट के मुताबिक पीएम के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने कहा,

“ये एक महत्वपूर्ण फैसला था जो मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में लिया था. शुरुआत से ही PM की सोच थी कि 2000 रुपये के नोट विशेष परिस्थितियों में अस्थाई व्यवस्था है. उस समय भी प्रधानमंत्री जी का ये मानना था कि ये खास तौर पर गरीबों के लिए व्यावहारिक नहीं होगा.”

फिर क्यों लाए गए थे 2000 के नोट?

नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि उस वक्त 500 और 1000 रुपये के नोटों को बदलने की व्यवस्था की जानी थी. इसके लिए 500 और 1000 रुपये के नए नोट लाने होते और नए नोटों की व्यवस्था प्रिंटिंग के जरिए होती. मिश्रा ने बताया कि उस वक्त ये देखा गया कि जिस संख्या में पुराने नोट वापस आएंगे और नए नोट जारी किए जाएंगे. उस हिसाब से प्रिंटिंग की क्षमता नहीं थी. इसलिए विकल्प के तौर पर 2000 रुपये के नोट जारी किए गए क्योंकि जहां 500 रुपये के चार नोट छापकर 2000 रुपये पूरे होते. वहीं सिर्फ एक नोट की छपाई से 2000 रुपये की वैल्यू को पूरा कर लिया गया.

नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि PM ने तभी 2 हजार के नोटों के इस्तेमाल पर आशंका जता दी थी. नृपेंद्र मिश्रा के मुताबिक PM ने तब कहा था,

"अगर 2 हजार रुपये का नोट लंबे अरसे तक चालू रहेगा, तो उससे एक तरफ काले धन को प्रोत्साहन मिलेगा. दूसरी तरफ करों की चोरी आसान हो जाएगी. इसलिए उनका मत था कि इस अस्थाई व्यवस्था को जितनी जल्दी खत्म कर सकें या वापस ले सकें, वो सही होगा."

नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि इसी क्रम में ये फैसला लिया गया था कि 2 हजार रुपये के नोट RBI प्रिंट नहीं करेगा. उसके बाद दूसरा निर्णय RBI ने लिया कि जो 2 हजार रुपये के नोट पुराने हो रहे थे, उनको धीरे-धीरे सर्कुलेशन से वापस लेते रहे. इस तरह 2 हजार के नोटों का टोटल सर्कुलेशन कम हो गया. अब RBI ने ये निर्णय लिया है कि 30 सितंबर के बाद इसका सर्कुलेशन आम आर्थिक व्यवस्था के लिए नहीं होगा.

8 नवंबर 2016 की रात 8 बजे क्या बोले थे PM?

8 नवंबर, 2016 की शाम करीब 7 बजे खबर आई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करने वाले हैं. रात 8 बजे PM मोदी के प्राइम टाइम भाषण की शुरुआत हुई. अपने भाषण में लगभग 10 मिनट बाद PM मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया. बताया कि 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों का इस्तेमाल बंद किया जा रहा है. PM मोदी ने कहा था,

"बहनो भाइयो,

देश को भ्रष्टाचार और काले धन रूपी दीमक से मुक्त कराने के लिए एक और सख्त कदम उठाना जरूरी हो गया है. आज मध्य रात्रि यानी 8 नवंबर 2016 की रात्रि 12 बजे से वर्तमान में जारी 500 रुपये और 1000 रुपये के करेंसी नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे यानी ये मुद्राएं कानूनन अमान्य होंगी. 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के जरिए लेन-देन की व्यवस्था आज मध्य रात्रि से उपलब्ध नहीं होगी."

PM मोदी ने तब बताया था कि रिजर्व बैंक समय-समय पर करेंसी की जरूरतों के आधार पर केंद्र सरकार की मंजूरी से अधिक मूल्य के नए नोट निकालता है. PM ने बताया था, 

“2014 में रिजर्व बैंक ने पांच हजार और दस हजार रुपए के नोट जारी करने की सिफारिश भेजी थी. इसे स्वीकार नहीं किया गया था. इसी कवायद के तहत RBI के 2000 रुपए के नोट जारी करने की सिफारिश को मान लिया गया है.”

अपने संबोधन में PM मोदी ने नये डिजाइन के साथ 500 और 2000 रुपये के नए नोट आने की जानकारी दी थी. बता दें कि अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 2000 रुपये के नोट वापस मंगाए हैं. 30 सितंबर तक लोग 2000 रुपये के नोट बैंकों में बदल सकते हैं.

वीडियो: 2000 रुपए का नोट सर्कुलेशन से बाहर, नोट बदलने का आसान तरीका ये है