उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एक कैदी पुलिस एनकाउंटर को लेकर इतना डरा हुआ था कि जेल जाने को तैयार ही नहीं हुआ. इलाज के लिए उसे अस्पताल लाया गया, लेकिन वापस जाने की बारी आई तो कैदी ने खूब हंगामा किया (Police Encounter Hardoi UP). बोला कि सीएम योगी ने ना जाने कौन सी बूटी पुलिस को सुंघा दी है जो वो पैर पर ही गोली मारती है. कैदी ने पुलिस के सामने शर्त तक रख दी कि पहले लिखकर दो, गोली नहीं मारोगे तभी साथ जाऊंगा.
कैदी का नाम रिजवान है. वो कोतवाली पिहानी क्षेत्र के मोहल्ला लोहानी का रहने वाला है. आरोप है कि 2014 में उसने अपनी पत्नी नाजरा बेगम पर एसिड डाला था. इससे नाजरा गंभीर रूप से झुलस गई. पीड़ित महिला की शिकायत पर ही पुलिस ने रिजवान के खिलाफ केस दर्ज किया और उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. जमानत पर छूटने के बाद रिजवान फरार हो गया था. तब अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. पांच महीने पहले ही पुलिस के डर से रिजवान ने अदालत में सरेंडर कर दिया था.
आजतक से जुड़े प्रशांत पाठक की रिपोर्टके मुताबिक, रिजवान को किडनी की बीमारी है जिसके लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी KGMU, लखनऊ के डॉक्टरों ने उसका नियमित डायलिसिस कराने की सलाह दी थी. इसके चलते ही उसे डायलिसिस के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया. लेकिन उसने डायलिसिस कराने से मना कर दिया. तब डॉक्टरों ने उसे KGMU ही ले जाने की सलाह दी.
लेकिन, रिजवान पुलिसकर्मियों के साथ एंबुलेंस में बैठने को राजी ही नहीं हुआ. उसने हंगामा शुरू कर दिया और पुलिसकर्मियों से गोली ना मारने की बात कहने लगा. हंगामा बढ़ा तो मौके पर थाना कोतवाली शहर के अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे. तब रिजवान ने कहा कि पुलिसकर्मी उसे लिखकर दें कि रास्ते में उसे गोली नहीं मारेंगे.
मामले में सीओ सिटी हरदोई विनोद द्विवेदी ने आजतक को बताया-
उसे जेल से जिला चिकित्सालय में डायलिसिस के लिए लाया गया, जहां उसने डायलिसिस कराने से मना दिया. उसे पुलिस ने समझाकर डायलिसिस कराने के बाद जेल भेज दिया है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों कई शातिर अपराधी पुलिस मुठभेड़ में ढेर या गोली लगने से घायल हो चुके हैं.