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PMO का नाम लेकर ठगी करने वाला एक और फर्ज़ी IAS मिला

पहले UPSC की तैयारी करता था. सपना टूटा तो ठग बन गया.

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क्राइम ब्रांच की यूनिट 1 की एक टीम ने जांच शुरू करने के बाद फर्जी IAS का पता लगाया (फोटो/आजतक)

इन दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय PMO का नाम लेकर ठगी करने वाले फर्ज़ी IAS अधिकारियों की बाढ़ आ गई है. आपको किरण भाई पटेल का मामला याद होगा. भाई ने जम्मू कश्मीर में सिक्योरिटी ही नहीं ली, मीटिंग्स तक अटेंड कर लीं. इससे मिलता जुलता मामला महाराष्ट्र के पुणे में सामने आया है. कहानी यहां भी वही है - ठग खुद को IAS बताता था और कहता था कि PMO में इंटेलिजेंस का काम देखता है. फिलहाल इस बात का पता लगाया जा रहा है कि अगले ने भी किरण भाई की तरह कहीं मीटिंग वगैरह तो अटेंड नहीं कर ली. लेकिन इतना पता चल गया है कि 23 साल पहले भी वो यही काम करता था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 54 साल का वासुदेव निवृत्ति तायडे न सिर्फ खुद को पीएमओ में उपसचिव बता रहा था, बल्कि कई कार्यक्रमों में भी शिरकत कर रहा था. इन सबके लिए उसने एक नया नाम रखा था - डॉ. विनय देव. मज़े की बात ये है कि एक कार्यक्रम में शामिल होने के चलते ही ये जालसाज़ पकड़ा गया.

कहानी ये है कि पुणे के औंध में बॉर्डरलेस वर्ल्ड फाउंडेशन नाम के संगठन ने 29 मई को एक फंक्शन आयोजित किया था. जिसमें एक धर्मार्थ पहल (चैरिटी) के तहत जम्मू -कश्मीर में एक एम्बुलेंस भेजी जानी थी. डॉ. विनय देव के रूप में फर्जी आईएएस अधिकारी भी वहां आया. लेकिन फाउंडेशन के ट्रस्टियों ने उसकी हरकतों और दावों को संदिग्ध पाया और पुलिस को उसकी सूचना दे दी.

तब पुणे शहर पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट 1 ने तायडे का पता लगाया, उसे गिरफ्तार किया और पूछताछ की. डिप्टी कमीशनर (क्राइम) अमोल ज़ेंडे का बयान अखबार ने छापा है. उन्होंने कहा, 

'प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि संदिग्ध आईएएस अधिकारी बनकर घूम रहा था. उसके पास से कुछ बिल मिले हैं, जिनपर 'डॉ विनय देव' नाम लिखा है. वह सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होता था और खुद को एक आईएएस अधिकारी के रूप में पेश करता था. हम जांच कर रहे हैं कि उसने अपनी गलत पहचान बताकर और लोगों या संस्थाओं को धोखा तो नहीं दिया है.'

सपना टूटा, तो ठग बन गया

तायडे ने एक वक्त UPSC की परीक्षा की तैयारी की थी. कई अटेम्प्ट भी दिए थे. लेकिन वो सफल नहीं हो पाया. उसने ठगी कब शुरू की, ये अभी जांच का विषय है. लेकिन 23 साल पहले वो यही कर रहा था. पुलिस के मुताबिक तावड़े साल 2000 में धुले जिले में खुद को एक सरकारी अधिकारी बताता फिरता था. तब पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला भी कायम किया था. बाद में वो धुले छोड़ पुणे आ गया.

तायडे पर धोखाधड़ी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने उसके पुराने रिकार्ड की जांच शुरू कर दी है, ताकि मालूम किया जा सके कि उसने किस-किस को ठगा है.

वीडियो: फर्जी PMO वाले ठग किरण पटेल के संबंध गुजरात CMO, PRO के बेटे से थे, कौन गिरफ्तार हुआ?