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अजनाला थाने में ऐसा क्या हुआ जिसके बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को पकड़ने का प्लान बनाया

अमृतपाल सिंह के साथी और समर्थक अजनाला थाने पहुंचे थे. उनके हाथ में बंदूक, तलवारें और लाठियां थीं.

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अमृतपाल सिंह (फाइल फोटो: आजतक) और अजनाला में हुई घटना (फोटो: PTI)

पंजाब पुलिस 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की तलाश में जुटी हुई है. बीते दिन 18 मार्च को अमृतपाल के खिलाफ पंजाब में बड़ा ऑपरेशन चलाया गया था. 78 लोगों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जा रही है. अमृतपाल के फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

अमृतपाल फरवरी महीने में भी चर्चा में आया था. तब अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अमृतसर के अजनाला थाने का घेराव किया था. तारीख थी 23 फरवरी, 2023. हजारों की संख्या में अमृतपाल सिंह के साथी और समर्थक अजनाला पहुंचे थे. उनके हाथ में बंदूक, तलवारें और लाठियां थीं. 

घेराव करने पहुंचे प्रदर्शनकारी (फोटो: PTI)

अमृतपाल सिंह के समर्थकों पर अजनाला पुलिस थाने पर हमला करने का आरोप लगा. बताया गया कि ये लोग थाने का घेराव कर पुलिस से भिड़ गए थे. पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए जो बैरिकेड्स लगाए थे, उसे तोड़कर प्रदर्शनकारी थाने में घुस गए थे. 

पूरे बवाल की वजह

ये पूरा बवाल अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के विरोध में हुआ था. आज तक के अमित शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक लवप्रीत की गिरफ्तारी किडनैपिंग और मारपीट के मामले में की गई थी. वीरेंदर सिंह नाम के एक शख्स ने 16 फरवरी को अमृतपाल और उसके कुछ साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था. इसी मामले में छापेमारी कर 18 फरवरी को पुलिस ने गुरदासपुर से अमृतपाल के एक साथी तूफान सिंह उर्फ लवप्रीत को गिरफ्तार किया था. 

इस गिरफ्तारी से बौखलाए अमृतपाल ने प्रशासन को खुलेआम धमकी देनी शुरू कर दी थी. उसने पुलिस के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करने के आरोप लगाए और पुलिस को अल्टीमेटम दिया कि अगर उसके साथी को नहीं छोड़ा गया तो वो अपने समर्थकों के साथ थाने का घेराव करेगा. अमृतपाल ने ही अपने समर्थकों से अपील की थी कि वे 23 फरवरी की सुबह 11 बजे अजनाला पहुंचें. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस केस की FIR में लवप्रीत को गिरफ्तार किया गया था. उसमें अमृतपाल सिंह का भी नाम था. अमृतपाल के समर्थकों का कहना था कि FIR में उनका नाम गलत तरीके से डाला गया था. अमृतपाल सिंह ने भी कहा था कि FIR राजनीतिक मकसद से दर्ज कराई गई. 23 फरवरी को अमृतपाल सिंह भी थाने पहुंचा था और लवप्रीत को छोड़ने के लिए पुलिस को 1 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. इसके एक दिन बाद अमृतपाल के करीबी लवप्रीत को छोड़ दिया गया था. हालांकि, उसके बाद से ही अमृतपाल पुलिस के निशाने पर बताया जा रहा है.
 

वीडियो: अमृतपाल सिंह को क्यों नहीं रोक पाए, थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों ने क्या बताया?