'मर्डर' पर फैसला ChatGPT ने सुना दिया, जज ने फिर कोर्ट में क्या किया?

12:38 PM Mar 28, 2023 | अभय शर्मा
Advertisement

क्या अब ChatGPT अदालतों में फैसला सुनाएगा? आप सोच रहे होंगे ये कैसा सवाल है? ये सवाल इसलिए क्योंकि देश की एक अदालत में ChatGPT का इस्तेमाल कर फैसला सुनाया गया है(Punjab and Haryana High Court uses ChatGPT in bail order).

Advertisement

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिकपंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सोमवार, 27 मार्च को जमानत की एक अर्जी पर सुनवाई हुई. हत्या का मामला था. जस्टिस अनूप चितकारा ने हत्या आरोपी की दलीलें और ChatGPT का जवाब सुनने के बाद जमानत की मांग खारिज कर दी. ये अपने आप में ऐसा पहला फैसला है जिसमें हाईकोर्ट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पूछे गए सवाल और उसके जवाबों का हवाला दिया.

क्रूरता से हुई थी हत्या!

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में हत्या का जो मामला आया था, वो लुधियाना का था. जून, 2020 में लुधियाना में आरोपी जसविंदर सिंह और उसके कुछ साथियों ने एक व्यक्ति पर हमला किया था, जिसमें उसकी मौत हो गई थी. जसविंदर ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस चितकारा ने कहा कि जब आरोपी जसविंदर और उसके साथियों द्वारा उस व्यक्ति पर किया गया, तो वो निहत्था था. इसलिए जसविंदर रियायत देने के लायक नहीं है. जज ने कहा कि जब क्रूरता से किसी इंसान पर हमला किया जाता है तो जमानत के पैरामीटर बदल जाते हैं. इसके बाद जस्टिस चितकारा ने इस मामले पर दुनियाभर के दृष्टिकोण को जानना चाहा और एआई टूल ChatGPT का इस्तेमाल किया. ChatGPT का जवाब सुनने के बाद उन्होंने जमानत की याचिका खारिज कर दी.

ChatGPT ने तसल्ली से जवाब दिया

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक आदेश पारित करने से पहले, पीठ ने ChatGPT से पूछा कि जब हमलावरों ने क्रूरता से हमला किया हो तो जमानत पर न्याय की किताब क्या कहती है?

हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार इस सवाल का जवाब देते हुए चैट जीपीटी ने कहा,

'न्याय की किताब के अनुसार जहां हमलावरों ने क्रूरता से हमला किया है, वहां के कानून और उस मामले की परिस्थितियों पर निर्भर करेगा कि आरोपी को जमानत दी जाए या नहीं.'

चैट जीपीटी ने आगे कहा,

'हालांकि, अगर हमलावर पर ऐसे हिंसक अपराध का आरोप लगा है जिसमें हत्या, उग्र हमला, यातना जैसी क्रूरता शामिल है, तो ऐसे आरोपी समुदाय के लिए खतरा माने जा सकते हैं. ऐसे मामलों में जज जमानत देने के लिए कम इच्छुक हो सकता है... इस मामले में हमले की गंभीरता, आरोपी का आपराधिक इतिहास और उसके खिलाफ सबूत कितने मजबूत हैं, एक जज इन बातों पर भी फैसला सुनाने से पहले विचार करेगा.'

चैट जीपीटी ने आगे कहा कि इस सबके बीच ये भी ध्यान ध्यान रखना जरूरी है कि निर्दोषता की धारणा न्याय तंत्र का एक मूलभूत सिद्धांत है, और सभी आरोपी जमानत के हकदार हैं, जब तक कि जमानत ख़ारिज करने के लिए कोई ठोस कारण न हो.

क्या है ChatGPT?

ChatGPTमशीन लर्निंग का वो कमाल जिसने दुनिया भर में रौला काट रखा है. अगर आपने अभी तक इसका नाम नहीं सुना है, तो बता दें कि ये एक मशीन लर्निंग और AI बेस्ड सॉफ्टवेयर है. इसको Openai ने डेवलप किया है. बस आपके कुछ कहने की देर है और ये अपना काम करने लगेगा. मसलन, आपको इतना कहना है कि बाइक का पंचर घर पर कैसे बनेगा और इससे जुड़े जवाब आपके सामने होंगे. वो भी विस्तार से. एक दम आसान भाषा में. जैसे कोई इंसान आपको बता रहा हो.

Advertisement
Next