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पंजाब असेंबली का विशेष सत्र बुलाया, गवर्नर ने रद्द किया तो AAP बोली- लोकतंत्र की हत्या हो गई

AAP ने BJP पर पंजाब सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगा बुलाया था विशेष सत्र. पहले मिल गई थी मंजूरी.

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पंजाब के सीएम भगवंत मान और राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित | फाइल फोटो: आजतक

पंजाब (Punjab) की भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann Government) को बड़ा झटका लगा है. पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित (Governor Banwarilal Purohit) ने विधानसभा में बुलाए गए विशेष सत्र को रद्द कर दिया है. अब सरकार कल यानी गुरुवार, 22 सितंबर को विधानसभा का स्पेशल सेशन नहीं बुला पाएगी. एक दिन का ये सेशन आम आदमी पार्टी की सरकार की तरफ से विश्वास मत पेश करने के लिए बुलाया गया था.

क्यों  रद्द किया सत्र?

आजतक से जुड़ीं कमलजीत संधू की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने अपने आदेश में कहा है,

'इस मामले में मुझे नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा की तरफ से रिप्रजेंटेशन मिला था. जिसमें कहा गया था कि इस तरह से विश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा के स्पेशल सेशन को बुलाए जाने का कोई प्रावधान नियमों में नहीं है.'

राज्यपाल ने आगे कहा,

'इसके बाद एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन से कानूनी सलाह ली गई. इसमें यह पाया गया कि इस तरह का कोई प्रावधान विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर नहीं है. इसलिए मैं विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर दिए गए अपने आदेश को वापस लेता हूं.'

AAP ने लगाया आरोप

आजतक से जुड़े मनजीत सहगल की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यपाल के फैसले पर आम आदमी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उसने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया है. आप ने कहा है कि भाजपा के इशारे पर पंजाब में लोकतंत्र की हत्या का एक और नमूना पेश किया गया है. भारत के इतिहास में आजतक राज्यपाल ने विशेष सत्र की मंज़ूरी कभी निरस्त नहीं की है. आज ये साबित हो गया कि भाजपा और कांग्रेस की मिलीभगत है. जो पर्दे के पीछे थी, वो अब सामने आ गई है.

Bhagwant mann सरकार ने क्यों बुलाया सत्र?

कुछ दिन पहले AAP ने BJP पर पंजाब की सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया था. AAP ने हाल में दावा किया था कि उसकी सरकार को गिराने की कोशिश के तहत बीजेपी ने उसके 10 विधायकों से संपर्क किया और उन्हें 25-25 करोड़ रुपए की पेशकश की. इसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार, 19 सितंबर को एक वीडियो संदेश में कहा था,

'आपने देखा कैसे उन्होंने भारी जनादेश से चुनी हुई हमारी सरकार को सत्ता से बाहर करने का प्रयास किया. पंजाब के लोगों ने 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान विपक्षी दलों को खारिज कर AAP में विश्वास व्यक्त किया. इसी विश्वास को कानूनी रूप से दिखाने के लिए हम 22 सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुला रहे हैं.'

मान सरकार के विश्वास प्रस्ताव लाने के लिए बुलाए गए विशेष सत्र को पहले राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मंजूरी दे दी थी.

इससे पहले मार्च 2022 में पंजाब में आम आदमी पार्टी की प्रचंड बहुमत से सरकार बनी थी. राज्य की 117 सदस्यीय विधानसभा में उसके 92 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 18 सदस्य हैं, शिरोमणि अकाली दल के 3, बीजेपी के 2 और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का एक सदस्य है. वहीं, राज्य में एक निर्दलीय विधायक भी है. 

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