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'भारत जोड़ो' यात्रा शुरू करने से ठीक पहले राहुल गांधी इस जगह क्यों गए थे?

राहुल ने कहा कि नफरत की राजनीति के कारण उन्होंने अपने पिता को खोया है, इसके कारण वो अपने देश को नहीं खो सकते.

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राजीव गांधी के स्मारक स्थल पर पहुंचे राहुल गांधी (फोटो- PTI)

'भारत जोड़ो' यात्रा (Bharat Jodo Yatra) शुरू होने से पहले कांग्रेस पार्टी (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) को तमिलनाडु में श्रद्धांजलि दी. श्रीपेरंबदूर में उनके समाधि स्थल पर राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के कई और नेता पहुंचे थे. कांग्रेस पार्टी की तरफ से कहा गया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के विचार और सीख आज भी राहुल गांधी के लिए हौसले का काम करते हैं. भारत जोड़ो यात्रा इसी हौसले के साथ शुरू होने जा रही है.

इधर 7 सितंबर की सुबह राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, 

"नफरत और विभाजन की राजनीति के कारण मैंने अपने पिता को खोया है. इसके कारण मैं अपने देश को नहीं खोऊंगा. प्यार से नफरत हारेगा. उम्मीद से डर हारेगा. एक साथ मिलकर हम इस पर जीत हासिल करेंगे."

श्रीपेरंबदूर में राजीव गांधी की हत्या हुई थी

श्रीपेरंबदूर तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से 42 किलोमीटर दूर है. साल 1991 में श्रीपेरंबदूर में ही पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या हुई थी. 21 मई 1991 को राजीव गांधी एक चुनावी सभा को संबोधित करने श्रीपेरंबदूर पहुंचे थे. लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल इलम (LTTE) की एक सदस्य राजरत्नम उर्फ धनु उन्हें माला पहनाने के लिए आगे बढ़ी. वहां मौजूद सब इन्स्पेक्टर अनुसइया ने धनु को रोकने की कोशिश की थी, लेकिन राजीव गांधी ने उनसे कहा कि धनु को आने दें. धनु ने राजीव को एक माला पहनाई और पैर छूने के लिए झुकी. जैसे ही राजीव गांधी धनु को ऊपर उठाने के लिए झुके, धनु ने खुद के शरीर में लगे बम का बटन दबा दिया. इस आत्मघाती हमले में राजीव गांधी के अलावा 14 और लोगों की जान गई थी. कई लोग घायल भी हुए थे.

21 करोड़ में बना स्मारक

श्रीपेरंबदूर में उसी ब्लास्ट वाली जगह पर केंद्र सरकार ने राजीव गांधी की याद में स्मारक बनाने का फैसला किया था. जून 1994 में इसके लिए काम शुरू हुआ. तमिलनाडु सरकार ने स्मारक के लिए 12.19 एकड़ जमीन मुफ्त में दान दी. केंद्र सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस स्मारक स्थल को 21 करोड़ 15 लाख रुपये में बनाया था. अक्टूबर 2003 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने स्मारक का उद्घाटन किया था.

राजीव गांधी की ग्रेनाइट से बनी मूर्ति (फोटो- वीडियो स्क्रीनशॉट/कांग्रेस)

इस स्मारक स्थल पर राजीव गांधी की ग्रेनाइट से बनी एक मूर्ति है. ठीक उसी जगह पर राजीव गांधी की हत्या हुई थी. ब्लास्ट साइट के चारों ओर ग्रेनाइट से बने, 15 मीटर ऊंचे और 1.2 मीटर व्यास वाले 7 पिलर हैं. ये पिलर धर्म, न्याय, सत्य, त्याग, समृद्धि, विज्ञान और शांति के सिद्धांत को दर्शाते हैं. साथ ही ये पिलर भारत की 7 नदियों गंगा, यमुना, गोदावरी, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, सिंधु और कावेरी के प्रतीक के तौर पर हैं. इन पिलर में धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता आंदोलन, आधुनिकता, विश्व शांति और विकास को लेकर राजीव गांधी के विचारों को लिखा गया है.

'भारत जोड़ो' यात्रा की शुरुआत

कांग्रेस नेता राहुल गांधी 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी में 'भारत जोड़ो' यात्रा की शुरुआत करेंगे. कन्याकुमारी से शुरू होकर यह यात्रा जम्मू-कश्मीर तक पहुंचेगी. अगले 150 दिनों में यह यात्रा 12 राज्यों से होकर गुजरेगी. इस दौरान करीब 3570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. जिन प्रमुख जगहों से यह यात्रा गुजरेगी उनमें कन्याकुमारी के बाद तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, निलम्बूर, मैसूर, बेल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव जामोद, इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अंबाला, पठानकोट, जम्मू और आखिरी पड़ाव श्रीनगर हैं.

वीडियो: राहुल गांधी की आटे वाली वायरल वीडियो का पूरा सच कैसे झेलेंग ट्रोल्स