कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने अपनी महत्वाकांक्षी 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) की शुरुआत कर दी है. इसके तहत कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक 3,570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. इसकी अगुवाई कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि लाखों भारतीय ये चाहते हैं कि देश को जोड़ने की जरूरत है. कन्याकुमारी में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा,
'तिरंगे पर हमला हो रहा, BJP-RSS देश बांटना चाहते हैं' राहुल ने शुरू की 'भारत जोड़ो' यात्रा
राहुल गांधी ने कहा कि तिरंगा देश की एकता और विविधता की पहचान है और सबको अपना धर्म मानने का अधिकार देता है.
'सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि लाखों लोगों को लगता है कि भारत को जोड़ने की जरूरत है. हर एक संस्था पर RSS और BJP का हमला हो रहा है. उन्हें लगता है कि वे भारत को धार्मिक आधार पर बांट सकते हैं.'
उन्होंने आगे कहा,
'तिरंगा कपड़े के एक टुकड़े पर सिर्फ तीन रंग और एक चक्र नहीं है. ये उससे कहीं ज़्यादा है. तिरंगा भारत के लोगों की कमाई है, जो हर धर्म और संस्कृति से जुड़े हुए हैं. ये तिरंगा किसी एक राज्य का नहीं है, ये तिरंगा हर एक राज्य का है. इसमें हमारी पहचान छिपी है. हमारा तिरंगा हर किसी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार देता है, लेकिन आज इस ध्वज पर हमला हो रहा है. वे सोचते हैं कि ये तिरंगा उनकी निजी संपत्ति है.'
राहुल गांधी ने आगे कहा,
'तिरंगा हमारी एकता और विविधता की पहचान है, हमारा स्वाभिमान है. आज, तिरंगे को हाथों में लेकर भारत जोड़ो यात्रा का पहला कदम लिया. अभी तो मीलों चलना है, मिलकर अपना भारत जोड़ना है.'
उन्होंने कहा,
राजीव गांधी को श्रद्धांजलि'आज भारत सबसे बुरा आर्थिक संकट झेल रहा है. कुछ चुनिंदा बिजनेमैन पूरे देश को चला रहे हैं. पहले ईस्ट इंडिया कंपनी भारत पर कब्जा जमाए हुए थी और आज 3-4 बड़ी कंपनियां पूरे भारत को नियंत्रित कर रही है.'
इस यात्रा में शामिल होने से पहले राहुल गांधी ने चेन्नई के पास स्थित श्रीपेरंबदूर में श्रद्धांजलि अर्पित की, जहां साल 1991 में उनके पिता राजीव गांधी की हत्या की गई थी. राहुल गांधी ने कहा,
'नफरत और बांटने की राजनीति के चलते मैंने अपने पिता को खो दिया. लेकिन मैं अपने प्यारे देश को इसके चलते हारने नही दूंगा. प्यार नफरत को जीत लेगा. उम्मीद डर को हरा देगी. हम सब मिलकर मात देंगे.'
राहुल गांधी ने कहा कि भारत के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है और विपक्ष का एक भी नेता बीजेपी से डरता नहीं है.
कन्याकुमारी से शुरू होकर यह यात्रा जम्मू-कश्मीर तक पहुंचेगी. अगले 150 दिनों में यह यात्रा 12 राज्यों से होकर गुजरेगी. इस दौरान करीब 3570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. जिन प्रमुख जगहों से यह यात्रा गुजरेगी उनमें कन्याकुमारी के बाद तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, निलम्बूर, मैसूर, बेल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव जामोद, इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अंबाला, पठानकोट, जम्मू और आखिरी पड़ाव श्रीनगर हैं.
वीडियो: कर्तव्य पथ का ड्रोन वीडियो आया सामने