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'हिंदू महिलाओं का डेटा मुस्लिम देश जा रहा' बताने वाला कथित राष्ट्रवादी ही निकला ब्लैकमेलर!

पुलिस का दावा, खुद हिंदू लड़कियों का डेटा चुराया, फिर ट्वीट किया. ब्लैकमेल कर हजारों डॉलर वसूले...

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आरोपी संजय (बाएं)- फोटो (ट्विटर/आजतक)

“डियर जिवामी. आपने 15 लाख हिंदू लड़कियों की डिटेल्स से समझौता किया है. जिसमें उनके नाम, मोबाइल नंबर, प्रोफेशन, पता और ऑनलाइन ऑर्डर डिटेल शामिल हैं. ये सभी डिटेल पहले ही मुसलमानों को साझा कर दी गई हैं. क्या आप चाहते हैं कि आपके अनसेफ सर्वर के कारण हिंदू लड़कियां प्रभावित हों?”

Cyber Huntss नाम के ट्विटर अकाउंट से 16 मई को ये ट्वीट किया गया. आरोप लगाया गया कि जिवामी नाम की ऑनलाइन अंडरगार्मेंट्स बेचने वाली कंपनी ने अपने 15 लाख महिला कस्टमर्स के पर्सनल डिटेल लीक कर दिए हैं. खासतौर पर हिंदू लड़कियों का जिक्र किया गया. 'सनातन संस्कृति' के कवर पेज वाले इस अकाउंट से ये भी आरोप लगाया गया कि डेटा मुस्लिम देशों में बेचा जा रहा है. 

मामला राजस्थान का था तो वहां की SOG टीम ने केस दर्ज कर जांच शुरू की, फिर जो खुलासा हुआ वो हैरान करने वाला है. पुलिस की ओर से दावा किया गया कि जो ट्विटर अकाउंट Cyber Huntss इस डेटा लीक पर बहुत चिंता जता रहा था, उसको चलाने वाला संजय सोनी ही इस मामले में आरोपी है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी संजय सोनी और उसके साथियों ने करीब 15 लाख महिलाओं का पर्सनल डेटा चुराया. जिसके बाद उसने कंपनी को डेटा के बदले पैसे देने के लिए ब्लैकमेल भी किया. इतना ही नहीं आरोपी संजय ने ये डेटा ट्विटर पर भी शेयर किया और दावा किया कि किसी ने भारतीय हिंदू महिलाओं का डेटा चुराकर मुस्लिम देश में बेच दिया है. अपील की कि कंपनी की प्रत्येक महिला यूजर को इस पर FIR दर्ज करवानी चाहिए.

उदयपुर से ऑपरेट हो रहा था अकाउंट

राजस्थान SOG को जांच में पता चला कि @Cyber_Huntss नाम का ट्विटर अकाउंट उदयपुर से चलाया जा रहा है. पुलिस ने 30 मई को उदयपुर से संजय सोनी को हिरासत में लिया. पूछताछ में पता चला कि आरोपी संजय ने कंपनी को कई बार ब्लैकमेल किया. कंपनी से उसने क्रिप्टोकरेंसी में पैसे देने की बात कही. जिसके बाद कंपनी ने पहले उसे 1500 डॉलर दिए.

दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक संजय ने ये देख एक और ट्वीट कर कंपनी को ब्लैकमेल करना चाहा. इसके बाद कंपनी ने तीन हैकर्स को कुल 3100 डॉलर ट्रांसफर कर दिए. पुलिस का दावा है कि इसमें से संजय के खाते में एक हजार डॉलर जमा हुए. पुलिस जांच में पता चला कि संजय सोनी एक टेलीग्राम ग्रुप का एक्टिव सदस्य है. ग्रुप का नाम ‘वी लीक्स डेटा’ है. ग्रुप में 240 सदस्य हैं. जानकारी के मुताबिक अलग-अलग कंपनियों और ग्रुप्स का डेटा इस ग्रुप में शेयर किया जाता है.

फिलहाल आरोपी संजय सोनी राजस्थान SOG की गिरफ्त में है. संजय के घर से लैपटॉप, मोबाइल और अन्य डॉक्यूमेंट्स भी बरामद किए गए हैं. पुलिस की टीम संजय के सहयोगियों की तलाश और आगे की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

जिवामी ने कहा सभी का डेटा सुरक्षित है

इस मामले में जिवामी की तरफ भी बयान सामने आया है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक जिवामी की तरफ से कहा गया,

"@cyberhuntss नाम का ट्विटर अकाउंट चलाने वाले संजय सोनी ने ऐसा दावा किया है कि उन्होंने कंपनी का डेटाबेस एक्सेस किया है. उनका दावा बिल्कुल झूठा है. कंपनी किसी भी संप्रदाय या जाति का कोई भी डेटा नहीं रखती है. ऐसा कंपनी की ब्रांड इमेज को धूमिल करने के लिए किया गया है."

जिवामी की तरफ से आगे कहा गया कि कंपनी के पास सभी यूजर्स का डेटा बिल्कुल सुरक्षित है. 

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