ये हम इसलिए जानते हैं कि हमने ट्रेलर देखा है. पूरा. रिव्यू भी किया है, जो आप यहां क्लिक कर के पढ़ सकते हैं
. हां तो हम पूरे वीडियो के रिलीज़ की बात कर रहे थे. इसमें बस एक पेंच है. वो ये कि वीडियो का थिएट्रिकल रिलीज़ नहीं होने वाला. माने ये फिल्म की तरह सिनेमा में नहीं लगेगा. तो आप बड़े पर्दे पर ''A Philosophical Treatise of Mia Malkova'' नहीं देख पाएंगे. तो कहां देख पाएंगे?
वीमियो पर.
अब ये वीमियो क्या बला है?
वीमियो एक वीडियो शेयररिंग साइट है (ऐप भी है इसका). इसपर आप वीडियो अपलोड, डाउनलोड और शेयर कर सकते हैं. कमेंट भी कर सकते हैं. अब आप कहेंगे कि यही सब करने के लिए तो यूट्यूब भी है, तो लिंक्डइन काहे के लिए है? तो ये समझिए कि वीमियो थोड़ा सीरियस टाइप का यूट्यूब है.
वीमियो वीडियो की दुनिया का लिंक्डइन है.फेसबुक पर एंजेल प्रिया वाली प्रोफाइल की भरमार होती है, इफरात में कचरा होता है, लेकिन लिंक्डइन में कामकाजी प्रोफेशनल्स की करीने से मेंटेन की हुई प्रोफाइल होती हैं जिन्हें देखकर लोगों को नौकरी तक मिल जाती है. यही फर्क यूट्यूब और वीमियो में भी है. यूट्यूब पर ज़्यादातर एमेच्योर चैनल होते हैं, जिनपर किसी भी तरह के वीडियो अपलोड होते रहते हैं. लेकिन वीमियो पर ज़्यादातर चैनल प्रोफेशनल्स (कैमरापर्सन, ग्राफिक डिज़ाइनर, एडिटर वगैरह) के होते हैं. वो अपना काम वहां अपलोड करते हैं. उसपर गंभीर चर्चा वगैरह होती है कमेंट्स में. तो अगर आप एक बढ़िया ग्राफिक डिज़ाइनर ढूंढने जा रहे हैं, तो यूट्यूब की बनिस्बत वीमियो पर जाना बेहतर रहेगा.
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वीमियो का इंटरफेस
जिसके हाथों बिका, उससे किस्मत तय हुई
वीमियो को 2004 में जेक लोडविक और ज़ैक क्लीन ने शुरू किया था. इसी के अगले साल यूट्यूब भी शुरू हुआ. दोनों में काफी समानताएं थीं. लेकिन इन दोनों की किस्मत ने अलग-अलग राह पकड़ी 2006 में. इस साल के अगस्त में वीमियो को आईएसी ने खरीद और नवंबर में यूट्यूब को गूगल ने खरीद लिया. आईएसी बड़ी कंपनी थी (और है भी), लेकिन गूगल ने बहुत रफ्तार से प्रगति की. इसका फायदा यूट्यूब को मिला और वो लोकप्रिय होता गया.
लेकिन वीमियो समय के साथ अपना काम करता रहा. 2007 में वीमियो ने हाई डेफिनेशन वीडियो सपोर्ट करना शुरू किया, यूट्यूब से पहले. वीमियो आज भी इंडी फिल्ममेकर्स और वीडियो प्रोफेशनल्स के बीच खासा चर्चित है. वो अपनी फिल्में और शो-रील वीमियो पर ही डालते हैं. यही प्रोफेशनल लोग वीमियो की पेड सर्विस भी सब्सक्राइब करते हैं. वीमियो प्लस, वीमियो प्रो और वीमियो बिज़नेस अकाउंट के लिए अलग-अलग एन्युअल फीस है. बढ़ती फीस के साथ ज़्यादा सुविधाएं मिलती हैं.
अब आप पूछेंगे कि 'God, Sex and Truth' मुफ्त में देखने का जुगाड़ है कि नहीं तो जवाब है - हां. वीमियो पर वीडियो देखने के लिए अकाउंट होना ज़रूरी नहीं है. और बनाना भी पड़े तो फ्री वाला भी बन जाता है.
ट्रेलर रिव्यूः मिया माल्कोवा की 'God, Sex and Truth' का ट्रेलर चोरी से क्यों देखना पड़ता है?
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