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मणिपुर: दुकान में आग लगाने का आरोप, 3 जवान सस्पेंड, बोले- 'अगरबत्ती जला रहे थे, आग लग गई'

चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल मनोज पांडे भी मणिपुर पहुंचे हैं.

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मामले की जांच जारी है. (सांकेतिक फोटो: इंडिया टुडे)

मणिपुर में तैनात रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के तीन जवानों को राज्य पुलिस ने 27 मई को हिरासत में ले लिया. RAF के इन जवानों पर इंफाल में मीट की एक दुकान में आग लगाने का आरोप है. तीनों जवानों को सस्पेंड कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है. 

इंडिया टुडे के सारस्वत कश्यप की रिपोर्ट के मुताबिक तीनों जवान, एक स्थानीय व्यक्ति के साथ, कथित तौर पर एक कार से पहुंचे और राज्य की राजधानी में मीट की दुकान में आग लगा दी. दुकान में आग लगाने के आरोपी RAF कर्मियों के नाम सोमदेव आर्य, कुलदीप सिंह और प्रदीप कुमार है.

RAF के अधिकारियों ने तीनों जवानों को सस्पेंड कर दिया है और मामले की जांच पूरी होने तक उन्हें राज्य में बटालियन के मुख्यालय में रहने के लिए कहा गया है.

शुरुआती जांच में तीनों जवानों ने कहा कि उन्होंने जानबूझकर मीट की दुकान में आग नहीं लगाई थी. जवानों ने सफाई दी थी कि वो मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती जला रहे थे, जब गलती आग बगल की दुकान में फैल गई.

मणिपुर पहुंचे चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ

बता दें कि 3 मई से मणिपुर में भड़की हिंसा के बाद अभी भी आगजनी सहित हिंसक घटनाओं की रिपोर्ट आ रही हैं. स्थिति की समीक्षा के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) जनरल मनोज पांडे 27 मई को दो दिन के दौरे पर मणिपुर पहुंचे. उन्होंने 28 मई को बताया,

"सेरौ, सुगनू, तांगजेंग, तेराखोंगसांगबी, सेकमाई में मैतेई घरों को कुकी उग्रवादियों ने कल रात आग के हवाले कर दिया. सेरौ में कुकी उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में मणिपुर के 3 कमांडो शहीद हो गए. दूसरे गावों में भी कई लोगों के मौत की सूचना है."

28 मई की सुबह भी फायेंग गांव में कुकी उग्रवादियों के हमले की खबर आई. बताया जा रहा है कि इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक व्यक्ति घायल हो गया. उपद्रवियों द्वारा इंफाल पूर्व में येंगंगपोकपी क्षेत्र, इंफाल पश्चिम में फायेंग और सेकमाई क्षेत्र, बिष्णुपुर जिले के नापत और ककचिंग जिले के सुगनू और सेरौ में भी घर जलाने की घटनाओं की सूचना है.

31 मई तक मणिपुर में इंटरनेट बैन

इस बीच मणिपुर में जारी इंटरनेट बैन की तारीख 31 मई तक बढ़ा दी गई है. मणिपुर में इस महीने पहली बार 3 मई को इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया था. इंडिया टुडे के इंद्रजीत कुंडू की रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर के गृह विभाग ने 21 मई के एक आदेश में 26 मई तक इंटरनेट बैन की जानकारी दी थी. यह प्रतिबंध व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए झूठी अफवाहें रोकने के लिए बढ़ाया गया था. 

इस आदेश में कहा गया था,

“ऐसी आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता को भड़काने वाली तस्वीरों, हेट स्पीच और हेट वीडियो मैसेज के प्रसारण के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो मणिपुर में कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर हो सकते हैं.”

मणिपुर में 3 मई से शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 60 से अधिक लोग मारे गए हैं, सैकड़ों लोग घायल हुए हैं और कई हजार लोग विस्थापित हुए हैं.

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