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'महंगाई अस्वीकार्य और बेचैन करने वाली', रेपो रेट बढ़ाने वाली बैठक में बोले थे RBI गवर्नर

शक्तिकांत दास ने कहा था कि खुदरा महंगाई दर बहुत ज्यादा है. इसी बैठक के बाद RBI रेपो रेट बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दी थी.

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RBI गवर्नर शक्तिकांत दास. (फोटो: पीटीआई)

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने कहा था कि खुदरा महंगाई (Retail Inflation) बहुत ज्यादा है और ये 'अस्वीकार्य और असुविधाजनक' स्तर पर पहुंच गई है. उन्होंने इसके मद्देनजर रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव दिया था. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 3 से 5 अगस्त को हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पिछली बैठक में दास ने ये बयान दिया था.

इसी मीटिंग के बाद रिजर्व बैंक ने 5 अगस्त को रेपो रेट को 4.90 फीसदी से बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया था. रेपो रेट वो दर होती है, जिसपर रिजर्व बैंक दूसरे वाणिज्यिक बैंकों (कॉमर्शियल बैंक) को थोड़े समय के लिए नकदी या कर्ज उपलब्ध कराता है.

RBI की बैठक में हुआ फैसला

रिपोर्ट के मुताबिक 19 अगस्त को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी इस बैठक के मिनट्स के मुताबिक गवर्नर शक्तिकांत दास के अलावा मौद्रिक नीति समिति के अन्य सदस्यों ने भी रेपो रेट में बढ़ोतरी पर सहमति जताई थी. बैठक में दास ने कहा, 

'जून 2022 में हुई पिछली बैठक के बाद से वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आई है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक 2022 में अब सिर्फ 3.2 फीसदी की दर से अर्थव्यवस्था में वृद्धि होने के आसार हैं. इस बीच वैश्विक मुद्रास्फीति में भी बढ़ोतरी हुई है और यह विकसित अर्थव्यवस्था के लिए 6.6 फीसदी और विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए 9.5 फीसदी बनी रह सकती है.'

दास ने कहा कि अगर हम घरेलू स्थिति देखें तो अप्रैल 2022 के बाद से मुद्रास्फीति में थोड़ी गिरावट जरूर आई है, लेकिन अभी भी यह अस्वीकार्य और असहज स्थिति पर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि वैसे तो ऐसा लग रहा है कि संभवत: अप्रैल की मुद्रास्फीति इस साल की सर्वाधिक होगी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोज बदलते घटनाक्रमों के चलते अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है.

इसके साथ ही दास ने कहा कि क्योंकि घरेलू विकास अनुमान के हिसाब से आगे बढ़ रहा है, ऐसे में आरबीआई उचित कदम उठा सकता है. उन्होंने बैठक में कहा, 

'दक्षिण-पश्चिम मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है और अच्छी प्रगति कर रहा है. इससे कृषि में बेहतर होने की उम्मीद है और इससे ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति अच्छी होगी. उपभोक्ता मांग और वृद्धि में बढ़ोतरी हो रही है. केंद्र और राज्यों द्वारा किया जाने वाला सरकारी खर्च मांग में बढ़ोतरी करेगा.'

उन्होंने कहा कि आरबीआई की तरफ से उठाए गए नीतिगत कदमों से मुद्रास्फीति के स्थिर होने की उम्मीद है. मालूम हो कि आरबीआई ने 5 अगस्त से पहले 8 जून और 4 मई को भी हुई मौद्रिक नीति की बैठक में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की मांग की थी.

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