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हिंदू-मुस्लिम एकता पर बड़ी बात कह गए भागवत, नफरत फैलाने वालों को अच्छा नहीं लगेगा!

"कुछ समुदाय बाहर से आए, वो अब अपने हैं. "

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मोहन भागवत का देश की एकता पर बयान. (फोटो: RSS Twitter/SS)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने 1947 में हुए देश के विभाजन पर बड़ा बयान दिया है. नागपुर में संघ के एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि अगर 'अलग दिखते हैं इसलिए अलग हैं', ये भाव नहीं होता तो देश नहीं टूटता. भागवत ने संघ शिक्षा वर्ग, तृतीय वर्ष के समापन समारोह में हिस्सा लिया और उस दौरान ये बात कही.

हिंदू-मुस्लिम एकता को देश की प्रगति के लिए जरूरी बताते हुए मोहन भागवत ने कहा कि कुछ समुदाय बाहर से आए. उनको लाने वाले जो बाहर से थे, उनके साथ हमारी लड़ाइयां हुईं. लेकिन वो बाहर वाले तो चले गए, सब अंदर वाले हैं. भागवत ने आगे कहा कि तो उन बाहर वालों का संबंध भुलाकर इस देश में रहना, और अभी भी वहां के प्रभाव में यहां जो लोग हैं वो बाहर वाले नहीं वो अपने ही हैं, ये समझकर ही उनके साथ व्यवहार करना. भागवत ने यह भी कहा कि अगर उनके सोचने में कोई कमी है तो उनका योग्य प्रबोधन करना, हम सबकी जिम्मेदारी है.

भागवत के मुताबिक, कोविड काल में अगर किसी देश ने अच्छा किया तो वो भारत ही था. जी-20 की अध्यक्षता भी भारत को ही मिली. मोहन भागवत ने कहा कि हिंदी स्वराज को ही हम हिंदू राष्ट्र कहते हैं.

मोहन भागवत ने अपने भाषण में सभी समुदायों की एकता पर बात करते हुए कहा कि आत्मीयता के लिए सभी को कुछ न कुछ छोड़ना ही होगा. भागवत ने कहा कि संघ का प्रयास है कि वो इसी चीज़ को देश के लोगों की आदत बना सके. वहीं भागवत ने आगे ये भी कहा कि छोटे समुदायों को अपनी पहचान बचाने के लिए अलग-अलग नहीं रहना चाहिए. उन्होंने कहा,

"अपनी छोटी पहचान मिटने के झूठे डर से अलग-अलग रहना ठीक नहीं.”

भागवत ने अपने भाषण में देश की एकता पर बात करते हुए ये भी कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिए सबको प्रयास करना चाहिए. भागवत ने अपने भाषण में आगे कहा,

“...देश में कितनी जगह कितने प्रकार के कलह मचे हैं. भाषा को लेकर, संप्रदाय को लेकर, मिलने वाली सहूलियतों के लिए विवाद... और विवाद नहीं केवल. वो इस हद तक बढ़ गई हैं कि हम आपस में ही हिंसा करने लगे हैं. अपने देश की सीमाओं पर बुरी नज़र रखने वाले शत्रु बैठे हैं. उनको हम हमारा बल नहीं दिखा रहे हैं, हम आपस में ही लड़ रहे हैं. हम ये भूल रहे हैं कि हम एक देश हैं, एक ही जन है. इसको हवा देने वाले भी लोग हैं...”

बता दें, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण के लिए प्राथमिक वर्ग के बाद प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग आयोजित किए जाते हैं. तृतीय वर्ष हर साल मई-जून के बीच नागपुर में आयोजित किया जाता है. 

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