"सबूत इकट्ठा करने का हमारा काम अब शुरू हो गया है."यूक्रेन की स्टेट इमरजेंसी सर्विस ने दावा किया है कि 24 फरवरी को शुरू हुए रूसी हमले के बाद 2,000 नागरिकों की मौत हो चुकी है. वहीं यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार (UNHR) की ओर से कहा गया है कि 24 फरवरी से 1 मार्च के बीच रूसी सैन्य कार्रवाई में यूक्रेन के 227 नागरिकों की मौत हुई है. इनमें 15 बच्चे भी शामिल हैं. हालांकि UNHR ने ये भी कहा कि मरने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने आबादी वाले इलाकों में मिसाइल हमले के बाद कहा था कि ये रूस का युद्ध अपराध है. ये बयान खारकीव के फ्रीडम स्क्वॉयर पर रूसी सेना की एयरस्ट्राइक के बाद आया था. बुधवार 2 मार्च को जेलेंस्की ने कहा,
"वे (रूस) हमारी राजधानी कीव के बारे में, हमारे इतिहास के बारे में कुछ नहीं जानते हैं. लेकिन वे हमारे इतिहास और हमें मिटाना चाहते हैं. इस तरह का मिसाइल हमला दिखाता है कि रूस में कई लोगों के लिए कीव पूरी तरह से विदेशी जगह है."
युद्ध अपराध की सूची
वॉर क्राइम्स को किसी युद्ध के दौरान मानवाधिकार कानूनों के गंभीर उल्लंघन के तौर पर देखा जाता है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1949 में जेनेवा कन्वेंशन के दौरान दो देशों के बीच होने वाले युद्ध के लिए नियम बने थे. इसके तहत किसी देश या उसकी सेना की कार्रवाई के लिए किसी व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. युद्ध अपराधों की एक लंबी सूची है. आम नागरिकों पर हमला करना, उन्हें बंधक बनाना, टॉर्चर करना, युद्धबंदियों के साथ अमानवीय व्यवहार करना, बच्चों को जबरन युद्ध में धकेलना, जानबूझकर हत्या करना आदि युद्ध अपराध के कुछ उदाहरण हैं. समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा है,"रूस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत द्वारा जांच की सख्त जरूरत है. और ये जरूरी है कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कठघरे में खड़ा किया जाए. न्याय सुनिश्चित करने के लिए ब्रिटेन सहयोगियों के साथ काम करेगा. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सैन्य मशीन यूक्रेन के सभी शहरों में नागरिकों को बेरहमी से निशाना बना रही है."वहीं ICC के मुख्य वकील करीम खान ने कहा कि कोर्ट के ब्रिटेन सहित 39 सदस्य देशों ने जांच का अनुरोध किया, जिसके बाद उन्होंने जांच शुरू की. जब सदस्य देश किसी मामले में जांच का अनुरोध करते हैं, तो इस प्रक्रिया को ‘रेफरल’ कहा जाता है. खान ने कहा कि वो यूक्रेन में संभावित युद्ध अपराधों को लेकर जल्द से जल्द जांच शुरू करेंगे. इन देशों द्वारा युद्ध अपराध की जांच के अनुरोध का मानवाधिकार समूहों ने स्वागत किया है. ह्यूमन राइट्स वॉच के बालकीस जाराह ने एपी से कहा,
"ICC जांच का अनुरोध करने वाली सरकारें स्पष्ट कर रही हैं कि गंभीर अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और न्याय सुनिश्चित करने में कोर्ट की एक महत्वपूर्ण भूमिका है."रिपोर्ट के मुताबिक, ICC ने कीव में 2013-14 के दौरान यूरोप समर्थित प्रदर्शनों को हिंसक रूप से दबाने से जुड़े अपराधों की भी शुरुआती जांच की है. इस प्रदर्शन को तत्कालीन रूस समर्थित सरकार द्वारा दबाया गया था. तब रूस पर क्रीमिया और पूर्वी यूक्रेन में युद्ध अपराध का आरोप लगा था. इन इलाकों में रूस अलगाववादियों को 2014 से समर्थन करता आया है. 2014 में ही रूस ने क्रीमिया पर कब्जा किया था. करीम खान से पहले ICC के चीफ प्रॉसिक्यूटर फेटो बेनसोदा थे. उन्होंने मौजूदा संकट को लेकर एपी से कहा कि कोर्ट को यूक्रेन में युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध की एक बहुत बड़ी सूची मिली है. उन्होंने कहा कि इन मामलों के अलावा 2013-14 की जांच को भी करीम खान की जांच में शामिल किया जाएगा.
वीडियो- यूक्रेन से रूस की आर्मी हटाने के लिए UNGA में प्रस्ताव पास, भारत ने उठाया ये कदम
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