"हमें ये सोचने के लिए ताकत की जरूरत है... कि हम यहां से कैसे काम कर सकते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि हम लौट कर चैनल का प्रसारण करेंगे और अपना काम जारी रखेंगे."इससे पहले ये रिपोर्ट सामने आई थी कि रूसी मीडिया को सिर्फ आधिकारिक सूत्रों के द्वारा दी गई जानकारी को छापने का निर्देश दिया गया था. दी गार्डियन की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि मीडिया संस्थानों को यूक्रेन संकट के लिए 'हमला', 'आक्रमण' या 'युद्ध' जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया गया था. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर हमले को 'विशेष सैन्य कार्रवाई' कहते आए हैं.
"टीवी रेन के प्रबंधन ने अस्थायी रूप से काम को रोकने का फैसला लिया है. रूसी प्रशासन ने हमें ऐसी स्थिति में खड़ा कर दिया कि एक पत्रकार के तौर पर काम करते रहना असंभव है. 4 मार्च को रूसी सरकार कथित फेक न्यूज को लेकर एक नई बिल लाने जा रही है. इससे यूक्रेन पर रिपोर्टिंग करना व्यवहारिक रूप से असंभव और अवैध हो जाएगा. ये हम सभी के लिए खतरे जैसा है, इसलिए हमने ये फैसला लिया."यूक्रेन पर हमले के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मीडिया पर भी बड़े प्रतिबंध लगाए हैं. इससे पहले गुरुवार 3 मार्च को इको ऑफ मॉस्को (Ekho Moskvy) रेडियो स्टेशन ने भी रूसी सरकार के दबाव के कारण अपना प्रसारण बंद कर दिया. ये रूस के सबसे प्रसिद्ध न्यूज और करेंट अफेयर्स रेडियो स्टेशन में एक है. प्रशासन ने टीवी रेन और इको ऑफ मॉस्को जैसे मीडिया संस्थानों पर यूक्रेन को लेकर गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है. रूसी सरकार ने पिछले साल टीवी रेन को एक विदेशी एजेंट घोषित कर दिया था.
वीडियो- तारीख: जब रूस ने 17वीं सदी में कर दी थी यूक्रेन पर कब्जे की शुरूआत
Advertisement