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'साक्षी मलिक प्रोटेस्ट से हटीं', वायरल खबर पर खुद साक्षी ने क्या बता दिया?

साक्षी ने खुद सामने आकर सच्चाई बताई

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साक्षी मलिक अब आंदोलन नहीं करेंगी | फ़ाइल फोटो: आजतक

पहलवान साक्षी मलिक ने उस खबर का खंडन किया है, जिसमें उनके पहलवानों के विरोध प्रदर्शन से अलग होने की बात कही गई थी. खबर आई थी कि उन्होंने प्रोटेस्ट से दूरी बनाने का फैसला किया है. लेकिन, अब साक्षी मलिक ने एक ट्वीट किया है और कहा है कि ये खबर पूरी तरह गलत है. वो पहलवानों के प्रोटेस्ट में पहले की तरह ही शामिल रहेंगी.

उन्होंने एक ट्वीट में लिखा,

‘ये खबर बिलकुल ग़लत है. इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा. सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूं. इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है. कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए.’

अमित शाह से मुलाकात हुई थी

इससे पहले शनिवार, 3 जून को ही पहलवानों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. रेसलर साक्षी मलिक भी इस बैठक में शामिल थीं. उनके पति सत्यव्रत कादियान ने आजतक से बातचीत में इस बैठक की पुष्टि भी की थी. वे खुद भी इस बैठक में मौजूद थे. हालांकि, उन्होंने कहा था कि बैठक में पहलवानों ने बृजभूषण को गिरफ्तार करने की मांग उठाई. लेकिन ये बैठक बेनतीजा रही. उनका कहना था,

‘हमें गृह मंत्री से जो प्रतिक्रिया चाहिए थी वह नहीं मिली, इसलिए हम बैठक से बाहर आ गए. हम विरोध के लिए आगे की रणनीति बना रहे हैं. हम पीछे नहीं हटेंगे, हम आगे की कार्रवाई की योजना बना रहे हैं.’

तीन बड़े पहलवान कर रहे थे प्रोटेस्ट का नेतृत्व

विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया वो तीन बड़े पहलवान हैं जिनके नेतृत्व में तमाम पहलवान प्रोटेस्ट कर रहे थे. इन सभी ने अपना मोर्चा कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ खोल रखा था. ये पहलवान 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर धरना दे रहे थे. इन्होंने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुछ अन्य लोगों पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न, अभद्रता, क्षेत्रवाद जैसे गंभीर आरोप लगाए. और बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की.

रविवार, 28 मई को धरना दे रहे पहलवानों ने जंतर-मंतर से नए संसद भवन तक मार्च निकलने का ऐलान किया. लेकिन, इसी दिन नई संसद का उद्घाटन होना था. ऐसे में दिल्ली पुलिस ने मार्च की इजाजत नहीं दी. साथ ही जंतर-मंतर पर भारी सुरक्षाबल तैनात कर बैरिकेडिंग लगा दी. पहलवानों ने जब नए संसद भवन से तीन किलोमीटर दूर स्थित जंतर-मंतर से मार्च शुरू किया, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. जमकर धक्का-मुक्की हुई. बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित कई पहलवानों को हिरासत में ले लिया गया.

इसके बाद दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर को पूरी तरह खाली करा दिया और कहा कि अब प्रदर्शनकारी पहलवानों को यहां नहीं आने दिया जाएगा. हालांकि, इसी दिन शाम को सभी प्रदर्शनकारी पहलवानों को छोड़ दिया गया. लेकिन, विनेश, साक्षी और बजरंग पूनिया समेत 12 के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया. आरोप लगा दंगा फैलाने का.

इसके बाद मंगलवार, 30 मई को पहलवानों ने अपने मेडल गंगा नदी में बहाने का ऐलान किया. हालांकि, पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में नहीं बहाए. वे मंगलवार की शाम को हरिद्वार पहुंचे जरूर, लेकिन वहां ऐन वक्त पर किसान नेता नरेश टिकैत पहुंच गए. टिकैत के कहने पर पहलवान मेडल गंगा में नहीं बहाने को राजी हुए. इस दौरान 'हर की पौड़ी' में पहलवान रोते भी नजर आए. नरेश टिकैत ने पहलवानों के मेडल अपने पास रख लिए. टिकैत ने पहलवानों से पांच दिन का समय मांगते हुए कहा कि इस मुद्दे पर जल्द ही सभी खापों की बैठक की जाएगी और फिर निर्णय लिया जाएगा. इसके बाद इस मसले पर कई महापंचायतें हो चुकी हैं.

वीडियो: बृजभूषण शरण सिंह मदद के बहाने ऐसा करते थे, महिला पहलवानों ने अब क्या आरोप लगा दिया?