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Trailer: ब्लॉकबस्टर हो सकती है सलमान-सोहैल की ये नवाजुद्दीन स्टारर फिल्म

जाने 'फ्रीकी अली' में ऐसा क्या है, और ये किस हॉलीवुड फिल्म से प्रेरित है?

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फिल्म के एक दृश्य में नवाज और अरबाज़.
फिल्म फ्रीकी अली का निर्देशन सोहैल खान ने किया है. सलमान खान के सबसे छोटे और दुलारे भाई ने. यही कारण है कि शुक्रवार को सलमान बाबू ने ही इसका पहला लुक अपने ट्विटर खाते पर सार्वजनिक किया. फिर शनिवार को उन्होंने फिल्म के सब पात्रों की फोटो भी शेयर की. आमतौर पर वे इतनी तकलीफ नहीं उठाते हैं और उनके ट्विटर पर अकाल पड़ा रहता है. रविवार को इसका ट्रेलर मुंबई में लॉन्च किया गया. ट्रेलर बेहद मजेदार है. इसे देखकर प्यार किया तो डरना क्या और हैलो ब्रद वाले निर्देशक सोहैल की याद ताज़ा हो जाती है. उस कॉमेडी और कथ्य की. 1997 में अपनी पहली फिल्म औजार  का निर्देशन करने वाले सौहेल की 19वें साल में ये छठी फिल्म होगी. पिछली जय हो  थी जो 2014 में आई थी और सलमान ही इसमें हीरो थे. फ्रीकी अली में हीरो हैं नवाजुद्दीन सिद्दीकी जो सलमान के साथ बजरंगी भाईजान और किक  में दिखे ही थे. नवाज के करियर की ये पहली ऐसी फिल्म लग रही है जिसमें वे लीड रोल में हैं, साथ ही हीरो भी हैं और साथ ही ये ऐसी फिल्म भी है जिसमें सारा ज़ोर कॉमेडी और धांसू संवादों पर है. ट्रेलर आने के बाद अब तक हम फिल्म के बारे में क्या जानते हैं? 1. यह गोल्फ के खेल पर आधारित है. 2. नवाजुद्दीन सिद्दीकी के पात्र का नाम अली है. वह 60 -60 रुपये में बाजार में चडि्डयां बेचता भी दिखता है और भाई बनकर फिरौती में धन उगाही का काम भी करता है. लेकिन ये धन उगाही डरावनी नहीं, हसोड़ साबित होती है. 3. उसके जीवन में एक लड़की (एमी जैक्सन) भी आती है. fa3 fa9fa5 4. अली क्रिकेट का जबरदस्त शौकीन है. अगर शर्त लगा ले कि फलाने गेंदबाज की छह बॉल पर छह छक्के मारे तो मार भी देता है. एक बार वह यूं ही गोल्फ स्टिक हाथ में लेता है और एक शॉट में बॉल होल में डालकर दिखा देता है. इससे एक कोच हैरान हो जाता है. वह उसे कहता है कि इस खेल में तुम बहुत कामयाब हो सकते हो. फिर कुछ और स्थितियां बनती हैं और अली इस खेल को पकड़ लेता है. 5. गोल्फ को रईसों का खेल माना जाता है और गरीबी की पृष्ठभूमि से आने वाला अली नियम बदलकर दिखाता है. जब उसे चैलेंज करने वाला कहता है कि ये रईसों का खेल है गरीबों का नहीं तो नवाज का पात्र डायलॉग मारता है, "ग़रीब या तो जीतता है, या सीखता है, हारता नहीं." 6. इसमें दोस्ती की कहानी भी है और अली के दोस्त की भूमिका अरबाज (सलमान, सोहैल के अलावा ये भी फिल्म से जुड़े हैं) खान निभा रहे हैं. वे अली के कैडी बनते हैं. इससे पहले हफ्ता वसूली से लेकर हर चीज में दोनों लंगोटिया यार साथ ही रहते हैं. उनकी एक पूरी पलटन भी है जो मजाक करती रहती है. fa7fa6 7. कहानी में अली का विरोधी गोल्फर यानी विलेन भी है और इस रोल को निभाया है जस अरोरा (दुश्मन) ने. इस भूमिका के फिल्म में बड़े फायदे निर्देशक सोहैल ने उठाए हैं. विलेन जब जब कुछ अपमानजनक और गरीबी का मजाक उड़ाने वाला बोलता है तो अली के पात्र को जोरदार डायलॉग मारने का मौका मिल जाता है. और वहीं पर सिनेमाघरों में तालियां बजने वाली हैं. जैसे एक दृश्य में जस का पात्र कहता है, "मैं तुझे इस तरह हराऊं कि गोल्फ खेलना तो दूर तू कंचे खेलने के लायक भी नहीं रहेगा." इस पर नवाज कहता है, "घमंड तो हम पहाड़ का तोड़ दें, फिर तू क्या चीज़ है बे!". निर्देशक और लेखक सोहैल सीधे-सीधे यहां "मांझी द माउंटेन मैन" फिल्म में से नवाज की छवि भुना रहे होते हैं. ध्यान दें कि निर्देशक लोग किसी एक्टर के साथ ऐसा तब ही कर पाते हैं जब वो स्टार या सुपरस्टार बन चुका हो. जैसे सलमान, शाहरुख की फिल्मों में होता है. यहां नवाज के साथ भी होने लगा है. 8. फ्रीकी अली की शूटिंग सिर्फ 40 दिन में कर ली गई है. मुंबई, दिल्ली, पुणे में सीमित बजट में ये तैयार हुई है. 9. निर्देशन के अलावा फिल्म का निर्माण भी सोहैल ने किया है. इसे सलमान खान प्रस्तुत कर रहे हैं. 10. इसकी रिलीज 9 सितंबर को होनी प्रस्तावित है. भारत की पहली गोल्फ फिल्म कहकर भी इसे प्रचारित किया जा रहा है. हालांकि इसकी पूरी प्रेरणा 1996 में आई एडम सैंडलर स्टारर फिल्म हैप्पी गिलमोर लग रही है. इसका और फ्रीकी अली  का ट्रेलर देखें तो पाएंगे. https://www.youtube.com/watch?v=sT6ywcPNTWk https://www.youtube.com/watch?v=aa0hSPPW1so जिस दर्शक को सोहैल लक्ष्य कर रहे हैं वो फिल्म देखकर बहुत खुश रहेगा. इसमें एक ब्लॉकबस्टर के सारे लक्षण नजर आ रहे हैं. राजकुमार हीरानी ने मुन्नाभाई एमबीबीएस से एक ऐसे भाई की छवि बनाई है जो गुंडा है पर अच्छा गुंडा है. तब से फिल्मकार इस सक्सेस फॉर्मुला को पकड़े हुए हैं. इस फिल्म की जान नवाज और इसके संवाद हैं. हालांकि संवाद ऐसे भी हैं जो आपत्तिजनक लग सकते हैं लेकिन टिकट खिड़की हरी रहेगी. जैसे, नवाज-अरबाज के पात्र एक गोल्फ कोर्स में बैठे किसी धनपति को खेलते देख रहे हैं. नवाज कहता है, "ये सिंघानिया के बच्चे-वच्चे तो होंगे नहीं?" अरबाज पूछता है, "तुझे कैसे पता?"  तो वह कहता है, "इतनी देर से एक बॉल को खड्‌डे में तो डाल नहीं पा रहा है ये!" एक सीन में जब एक युवती किसी फॉर्म को भरने के लिए अली से पूछती है (आपका) "सेक्स?" तो नवाज-अरबाज आंखें बंद कर फीलिंग लेते हुए कहते हैं, "मन तो बहुत है लेकिन आई ने कहा है शादी से पहले नहीं." इन संवादों पर ध्यान देंगे तो पाएंगे कि किस दर्शक को क्या परोसने की कोशिश हैं? जो सोहैल हैलो ब्रदर में पहले कर चुके हैं. इस बार नवाज की गंभीर अभिनेता की छवि से उन्हें ज्यादा फायदा होगा और हर आपत्तिजनक चीज वैध लगेगी. गोल्फ पर इससे पहले सबसे उम्दा फिल्में ड्रामा जॉनर में बनी हैं. इस सिलसिले में दो ऐसी हैं जो देखनी चाहिए. पहली है 2005 में प्रदर्शित The Greatest Game Ever Played https://www.youtube.com/watch?v=au9nFe4mjIA दूूसरी है इससे एक साल पहले लगी Bobby Jones: Stroke of Genius https://www.youtube.com/watch?v=4wjHsPwKFyE इन्हें देख ज्ञात कर सकते हैं कि इस विषय पर फिल्मकार मोटा-मोटी क्या कहानी बुनते है.