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बोरवेल में फंसी बच्ची और पुल के पिलर में फंसे लड़के को निकाला गया, लेकिन जान ना बची

मध्य प्रदेश के सीहोर में ढाई साल की सृष्टि 3 दिनों से 300 फीट गहरे बोरवेल में फंसी हुई थी. वहीं बिहार के रोहतास में 11 साल का रंजन एक फ्लाईओवर के पिलर के बीच फंस गया था.

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सिहोर और सासाराम से आई दर्दनाक घटनाओं की खबर. (साभार- आजतक)

मध्य प्रदेश के सीहोर और बिहार के सासाराम से बुरी खबर है. सीहोर में जिस ढाई साल की बच्ची को घंटों की मशक्कत के बाद बोरवेल से निकाला गया उसकी मौत हो गई है. वहीं सासाराम के एक पुल के पिलर में फंसे 11 वर्षीय लड़के की भी जान नहीं बचाई जा सकी. बच्ची का नाम सृष्टि है और लड़के का नाम रंजन है.

ढाई साल की सृष्टि तीन दिन से 300 फीट गहरे बोरवेल में फंसी हुई थी. उसे गुरुवार, 8 जून की शाम को बोरवेल से निकाल कर तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया. लेकिन वहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया. दूसरी ओर बिहार के रोहतास में एक फ्लाईओवर के पिलर के बीच 11 साल का रंजन फंस गया था. उसे निकालने के लिए NDRF और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर 24 घंटे से भी लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था. इसके लिए रोड के स्लैब तक को बुलडोज़र से तोड़ा गया. तब जाकर रंजन को निकालने में कामयाबी मिली. लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई. डॉक्टर्स ने बताया कि रंजन की मौत 8 से 10 घंटे पहले ही हो गई थी.  

सृष्टि को रोबोट ने निकाला

बीती 6 जून को सृष्टि सीहोर के मुंगावली में बने एक बोरवेल में गिर गई थी. उसे बचाने के लिए देर रात ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ. पहले सृष्टि 20 फीट की गहराई पर फंसी हुई थी. फिर वो फिसल कर लगभग 100 फिट की गहराई तक पहुंच गई. इस कारण उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. पाइप के जरिए सृष्टि तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही थी. उसे बचाने के लिए सेना, NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमें दिन रात अभियान में जुटी हुई थीं.

आजतक से जुड़े नवेद जाफरी की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार सुबह रोबोटिक एक्सपर्ट्स की टीम मौके पर पहुंची. उसने NDRF और SDRF के साथ मिलकर बच्ची को गुरुवार शाम तक बाहर निकाल लिया. बाद में उसकी मौत की खबर आई.

वहीं 11 साल का रंजन सासराम के नासरीगंज दाऊदनगर में बने सोन पुल में फंसा था. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक रंजन बुधवार सुबह घर से गया था. उसे मानसिक रूप से विक्षिप्त बताया जा रहा है. जब बेटा घर नहीं लौटा तो उसकी तलाश की गई. इसी दौरान एक महिला ने पुल के पास से रोते हुए बच्चे की आवाज सुनी. इसके बाद महिला ने परिजनों को बच्चे के बारे में जानकारी दी.

सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस प्रशासन पहुंचा. बच्चा पिलर के बीच नज़र आ रहा था. इसके बाद सूचना उच्च अधिकारियों को दी गई. मौके पर NDRF को बुलाया गया और रेस्क्यू ऑपरेशन चला. ये रेस्क्यू ऑपरेशन बुधवार शाम 4 बजे शुरू हुआ. 

रेस्क्यू के दौरान NDRF के कमांडेंट ने बताया था कि पिलर को काटने में सफलता नहीं मिली थी. इसके बाद अप्रोच रोड का स्लैब हटाया गया था. ये सभी कार्य पुल से जुड़े एक्सपर्ट टीम की निगरानी में किया गया. इस पूरे ऑपरेशन के दौरान NDRF की टीम लगातार बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचा रही थी. लेकिन ये तमाम कोशिशें उस बचा नहीं पाईं.

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