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पुलवामा हमले के वायरल वीडियो का सच क्या निकला, क्या सत्यपाल मलिक ने शेयर किया?

जवानों का ये वीडियो राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया था.

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जब से सत्यपाल मलिक पुलवामा को लेकर सुर्खियों में आए हैं, तब से उनके नाम पर फर्जी अकाउंट्स की बाढ़ आ गई है.

सोशल मीडिया पर सेना के जवानों का एक वीडियो शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो पुलवामा हमले से पहले का है. ये भी दावा किया जा रहा है कि वीडियो में उन जवानों के बयान हैं, जो पुलवामा हमले में शहीद हुए. अलग-अलग ट्विटर अकाउंट से उस वीडियो को ट्वीट किया जा रहा है. इन्हीं में से एक अकाउंट है @SatyaPaalMalik, इस पर वीडियो को शेयर करते हुए लिखा गया,

"पुलवामा कांड का सच जानते तो सभी थे, गुस्से में भी थे, उस वक्त मजबूर थे. पुलवामा में शहीद हुए जवानों को सुनें."

वायरल वीडियो में कथित तौर पर एक ट्रक के अंदर बैठे कुछ जवान आपस में बात कर रहे हैं. उनमें से एक जवान कहता है कि नॉन बुलेटप्रूफ गाड़ी में भेजकर हमारी जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. वीडियो में जवान ट्रक को ठोककर बोल रहा है कि ये क्या है इसमें, पत्थर मारेगा तो इस पार हो जाएगा.

तब एक और जवान कैमरे के सामने आकर कहता है,

''बहुत बेकार व्यवस्था है. पूरी गाड़ी कबाड़ा दे रखा है. ओसी और इंस्पेक्टर खुद बुलेटप्रूफ में जाते हैं और टीम को बोल देता है कि नॉन बीपी में जाओ.''

सच क्या है?

पहले बात करते हैं वीडियो की और फिर सत्यपाल मलिक के नाम पर चल रहे इस अकाउंट की.

पहले भी वायरल हो चुका है यही वीडियो

ऐसा पहली बार नहीं है, जब जवानों का ये वीडियो वायरल हो रहा हो. साल 2020 में भी ये जमकर वायरल हुआ था और तब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी वायरल वीडियो ट्वीट कर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा था. 10 अक्टूबर, 2020 को राहुल ने वीडियो ट्वीट कर लिखा था,

"हमारे जवानों को नॉन-बुलेट प्रूफ ट्रकों में शहीद होने भेजा जा रहा है और PM के लिए 8400 करोड़ के हवाई जहाज! क्या यह न्याय है?"

राहुल गांधी के वीडियो ट्वीट करने के बाद CRPF की तरफ से बताया गया था कि उसके पास अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त सुरक्षात्मक वाहन हैं और वो वीडियो की प्रामाणिकता की जांच कर रही है.

हमने इंटरनेट पर CRPF की जांच से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स खोजीं तो हमें एक भी ऐसी विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें CRPF की जांच के नतीजे के बारे में कुछ बताया गया हो.

CRPF सूत्रों ने क्या बताया?

वीडियो के वायरल होने के बाद हमने CRPF के सूत्रों से इसके बारे में बात की. पता लगा कि ये वीडियो साल 2020 की सर्दियों का है, ना कि पुलवामा हमले का जो फरवरी 2019 में हुआ था. वीडियो में दिख रहे जवान CRPF के ही हैं. ये उस वक्त शूट हुआ, जब काफिला दक्षिणी कश्मीर के एक इलाके से गुजर रहा था. 

2020 में वायरल होने के बाद CRPF की तरफ से कहा गया था कि मामले की जांच की जाएगी. उसकी रिपोर्ट अब तक पब्लिक डोमेन में नहीं आई है, लेकिन हमारे सूत्रों ने बताया कि उस वक्त इस वीडियो के सामने आने के बाद बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर को तलब कर लिया गया था, और उनसे इस पर सवाल भी पूछे गए थे.

अब बात उस अकाउंट की, जिससे वायरल वीडियो ट्वीट किया गया था. जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के नाम पर चल रहे, 600 से ज्यादा फॉलोअर्स वाले इस अकाउंट का पहले यूज़रनेम @AuthorMdAli था. फिर बाद में इस अकाउंट ने अपना यूज़रनेम बदल कर @SatyaPaalMalik कर लिया. सत्यपाल मलिक के नाम पर चलने वाला ये अकेला अकाउंट नहीं है. जब से सत्यपाल मलिक पुलवामा को लेकर सुर्खियों में आए हैं, तब से ऐसे फर्जी अकाउंट्स की बाढ़ आ गई है.

अब सवाल ये कि सत्यपाल मलिक का असली अकाउंट कौन सा है, तो इसका जवाब अप्रैल 2021 की मीडिया रिपोर्ट्स में मिलता है. तब सत्यपाल मलिक मेघालय के राज्यपाल हुआ करते थे तो और राजभवन की तरफ से उनके नाम पर बने फर्जी अकाउंट्स को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी. उस समय राजभवन के सचिव प्रवीण बख्शी ने बताया था कि @SatyapalMalik6 यूज़रनेम वाला अकाउंट सत्यपाल मलिक का असली अकाउंट है. इस अकाउंट से किए गए एक ट्वीट में सत्यपाल मलिक उनके नाम से चल रहे फर्जी अकाउंटों से सावधान रहने की अपील कर रहे हैं.

वीडियो: सुर्खियां :सत्यपाल मलिक को किस मामले में CBI का नोटिस, कांग्रेस ने पुलवामा से जोड़ दिया