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मनी लॉन्ड्रिंग केस में सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी पर आगे क्या होगा?

सत्येंद्र जैन को मंगलवार, 31 मई की शाम तक स्पेशल कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा. कोर्ट में पेशी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) को जैन की गिरफ्तारी के कारणों को बताना होगा.

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दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (फाइल फोटो- PTI)

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है. एक तरफ बीजेपी सत्येंद्र जैन को बर्खास्त करने की मांग कर रही है. वहीं AAP इसे बदले की कार्रवाई बता रही है. इस बीच जैन को मंगलवार, 31 मई की शाम तक स्पेशल कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा. कोर्ट में पेशी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) को जैन की गिरफ्तारी के कारणों को बताना होगा. सत्येंद्र जैन को सोमवार 30 मई की शाम पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था.

सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी पर आगे क्या?

इंडिया टुडे से जुड़ीं अनीशा माथुर की रिपोर्ट के मुताबिक, वकीलों ने कहा है कि ईडी को जैन की गिरफ्तारी को सही साबित करना होगा क्योंकि जैन पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस गए थे. सीनियर वकील मोहित माथुर ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम तौर पर गिरफ्तारी की जरूरत नहीं होती है क्योंकि PMLA का उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना है.

वहीं सीनियर वकील रमेश गुप्ता के अनुसार ईडी को उस पूरी कार्रवाई की एक 'चेकलिस्ट' भी दिखानी पड़ेगी जिससे पता चल सके कि जैन की गिरफ्तारी जरूरी थी. रमेश गुप्ता ने इंडिया टुडे से कहा,

"क्या उन्हें (सत्येंद्र जैन) पूछताछ के लिए नोटिस दिया गया था, किस तरह की पूछताछ की गई थी. ईडी ने कहा है कि वे सहयोग नहीं कर रहे थे इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया. ईडी को ये सब कोर्ट के सामने स्पष्ट करना होगा."

वकील ऑल्जो जोसेफ ने कहा कि सत्येंद्र जैन की लीगल टीम भी जांच प्रक्रिया और गिरफ्तारी पर सवाल उठा सकती है. जोसेफ ने बताया,

“वे देश में आपराधिक प्रक्रिया के ढांचे को कमजोर कर रहे हैं. चुने गए प्रतिनिधियों की गिरफ्तारी प्रक्रिया को लेकर कई सारे फैसले हमारे सामने हैं. यह नया ट्रेंड बनने जा रहा है. जो पार्टी सत्ता में है, वो किसी भी चुने गए व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है. यह सत्ता के दुरुपयोग का साफ उदाहरण है.”

जैन के खिलाफ मामला क्या है?

सत्येंद्र जैन पर हवाला के जरिए लेन-देन का आरोप है. ईडी ने जैन की गिरफ्तारी को लेकर बताया था कि वे अपनी कंपनियों में निवेश हुए पैसे का स्रोत नहीं बता पाए थे. सीबीआई ने अगस्त 2017 में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज किया था. इसके बाद ईडी ने भी जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया था. ईडी के मुताबिक, साल 2015-16 के दौरान सत्येंद्र जैन से जुड़ी कंपनियों ने शेल कंपनियों के जरिये 4.81 करोड़ रुपये हासिल किए थे. जांच एजेंसी की माने तो इन पैसों को इस्तेमाल दिल्ली और आसपास के इलाकों में जमीन खरीदने के लिए किया गया था.

राजनीतिक कारणों से फंसाया- अरविंद केजरीवाल

हालांकि आम आदमी पार्टी ने इसे फर्जी केस बताया है. पार्टी का कहना है कि मार्च 2013 में जैन ने इन सभी कंपनियों से इस्तीफा दे दिया था और 2015-2017 के दौरान उनका इन कंपनियों से कोई लेना-देना नहीं था. AAP ने सफाई में ये भी कहा कि 2015-2017 के दौरान जो लोग इन कंपनियों के मालिक थे, उन्होंने कोर्ट में आरोपों को स्वीकार कर लिया था. पार्टी के मुताबिक ईडी ने साल 2018 में जैन को सात बार समन किया लेकिन जांच एजेंसी को कुछ नहीं मिला था.

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि जैन को जानबूझकर राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है. केजरीवाल ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है और वही न्याय करेगी. इससे पहले पार्टी के दूसरे नेताओं ने जैन की गिरफ्तारी को हिमाचल प्रदेश चुनाव से जोड़ दिया था. पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा था कि बीजेपी हिमाचल चुनाव हार रही है इसलिए जैन को फर्जी केस में गिरफ्तार किया गया है.

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