उत्तर प्रदेश में बरेली के एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल और एक शिक्षा मित्र के खिलाफ FIR हुई है. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है. स्कूल का एक वीडियो कुछ दिन पहले वायरल हुआ था. उसमें सुबह की प्रेयर में बच्चे मुहम्मद इकबाल की 'लब पे आती है दुआ' कविता गा रहे थे (UP School Prayer Controversy Bareilly). मामला उसी से जुड़ा हुआ है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्टके मुताबिक, FIR स्थानीय विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी, सोमपाल सिंह राठौर ने दर्ज कराई थी. फरीदपुर पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया कि स्कूल की प्रिंसिपल नाहिद सिद्दीकी और वजीरुद्दीन हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से ‘मुस्लिम वाली प्रार्थना’ पढ़वा रहे थे. कहा गया कि दोनों कथित तौर पर छात्रों के धर्मांतरण की तैयारी कर रहे हैं.
खबर है कि दोनों आरोपियों को स्कूल से सस्पेंड कर दिया गया है. वायरल वीडियो की पड़ताल भी तेज हो गई है. करीब 17 सेकेंड के इस वीडियो में स्कूल के कुछ बच्चे वही कविता पढ़ते सुने जा रहे हैं. वीडियो में सुनाई दे रहा है- मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको…
बरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार ने कहा,
“एक प्रार्थना पढ़ी जा रही थी जिसमें कहा गया है अल्लाह इबादत करना. यह प्रार्थना तय नहीं की गई थी और इसलिए स्कूल की प्रिंसिपल नाहिद सिद्दीकी को निलंबित कर दिया गया है. मैंने शिक्षा मित्र के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए हैं.”
62 साल की नाहिद सिद्दीकी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,
“जब ये घटना हुई तो मैं स्कूल में नहीं थी. मैं 12 दिसंबर से छुट्टी पर गई थी. उससे पहले तो हम रोज राष्ट्रगान के साथ 'इतनी शक्ति हमें देना दाता' ही गाते थे. ये मेरी अनुपस्थिति में हुआ है. पिछले दिनों शिक्षा मित्र ने मुझसे ये प्रार्थना पढ़वाने को कहा था, तब मैंने मना कर दिया.”
प्रिंसिपल ने आगे बताया,
"मैं 31 मार्च को रिटायर होने वाली हूं."
रिपोर्ट के मुताबिक, इस सरकारी स्कूल में 1 से 8वीं क्लास तक के लगभग 265 बच्चे पढ़ते हैं.
इस तरह का एक मामला अक्टूबर 2019 में भी सामने आया था. पीलीभीत के बीसलपुर इलाके में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल को स्थानीय VHP कार्यकर्ताओं की शिकायत के बाद सस्पेंड कर दिया गया था. तब भी प्रेयर के दौरान 'लब पे आती है दुआ' गाने को लेकर विवाद हुआ था.
बता दें कि इस गीत को लिखने वाले मोहम्मद इक़बाल उर्फ अलम्मा इक़बाल ने ही तराना-ए-हिन्द यानी "सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा" भी लिखा था. जो कविता अभी विवाद में है, उसका शीर्षक है - “बच्चों की दुआ”. कविता के बोल कुछ इस तरह हैं-
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
ज़िंदगी शम्अ की सूरत हो ख़ुदाया मेरी!
दूर दुनिया का मिरे दम से अँधेरा हो जाए!
हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाए!
हो मिरे दम से यूँही मेरे वतन की ज़ीनत
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनतज़िंदगी हो मिरी परवाने की सूरत या-रब
इल्म की शम्अ से हो मुझ को मोहब्बत या-रब
हो मिरा काम ग़रीबों की हिमायत करना
दर्द-मंदों से ज़ईफ़ों से मोहब्बत करना
मिरे अल्लाह! बुराई से बचाना मुझ को
नेक जो राह हो उस रह पे चलाना मुझ को