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किसी को नहीं दिखेंगे भगवान, दलितों को नहीं घुसने देने की जिद ने मंदिर ही सील करवा दिया

मंदिरों में दलितों के प्रवेश पर बवाल कटने के कई मामले देखे-सुने. लेकिन ये मामला थोड़ा अलग है.

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कानून व्यवस्था के मद्देनजर अधिकारियों ने मंदिर को सील कर दिया है. (फ़ोटो: इंडिया टुडे)

मंदिरों में दलितों के प्रवेश पर बवाल कटने के कई मामले देखे-सुने. लेकिन तमिलनाडु का एक मामला थोड़ा अलग है. यहां एक मंदिर में दलितों के प्रवेश को लेकर ऐसा विवाद खड़ा हुआ है जिसके चलते मंदिर ही सील हो गया. मामला राज्य के विल्लुपुरम जिले का है. यहां के मेलपाडी इलाके के पास द्रौपदी अम्मन मंदिर है. इसे सील कर दिया गया है. बुधवार, 7 जून को जिला अधिकारियों ने कानून और व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते ये कदम उठाया. 

खबरों के मुताबिक मंदिर में प्रवेश को लेकर कथित ऊंची जाति और दलितों के बीच विवाद के बाद ऐसा किया गया है. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए गांव में चौकसी मजबूत करने के लिए पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया गया है.

इंडिया टुडे से जुड़ीं शिल्पा नायर की रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर 45 सालों से हिंदू धार्मिक और चैरिटेबल संस्थान (HR&CE) द्वारा चलाया जाता है. इसके प्रशासकों और दूसरे श्रद्धालुओं को दलितों के प्रवेश पर आपत्ति रही है. मामले को पहले सुलझाने के लिए ग्राम पंचायत प्रमुखों, पुलिस और जिला प्रशासन ने शांति से दोनों पक्षो के बीच बात करवाने का प्रयास किया, लेकिन वो विफल रहे. इसके बाद जिला प्रशासन ने ये कदम उठाया.

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस साल अप्रैल में दलित समुदाय के एक व्यक्ति ने मंदिर में प्रवेश किया था. इस पर अगड़ी जाति के लोगों ने आपत्ति जताई थी. बाद में उन्होंने दलितों को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया था. तभी से दोनों समुदायों के बीच मनमुटाव चल रहा है और कम से कम इस मामले में चार FIR दर्ज की गई हैं. इसलिए कानून व्यवस्था की समस्याओं को रोकने के लिए अधिकारियों द्वारा मंदिर को सील कर दिया गया है.

नोटिस में क्या लिखा गया?

मंदिर के गेट पर चिपकाए गए ऑफिशियल नोटिस में लिखा गया, 

‘निष्कर्ष निकलने तक दोनों वर्ग मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते हैं. गांव में दो वर्गों के बीच पूजा-पाठ की समस्या के कारण असामान्य हालात बन गए हैं. इससे कानून व्यवस्था खराब हो सकती है.’

हाल में विल्लुपुरम के सांसद और डीएमके के नेता डी रविकुमार ने ये मुद्दा स्थानीय प्रशासन के सामने उठाया था. सोमवार, 5 जून को वो पार्टी के अन्य सभी नेताओं के साथ जिला कलेक्टर सी पलानी के पास पहुंचे थे. वहां उन्होंने अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर आग्रह किया कि सभी भक्तों को बिना किसी जातिगत पक्षपात के मंदिर के अंदर जाने दिया जाए. हालांकि इससे भी मसला हल नहीं हुआ और अब मंदिर के गेट पर ताला लगा दिया गया है.

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