8 मई को वेस्ट बंगाल में 'द केरला स्टोरी' को बैन कर दिया गया. इसकी घोषणा सीएम ममता बनर्जी ने खुद की है. साथ ही उन्होंने चीफ सेक्रेटरी को आदेश दिया है कि फिल्म की स्क्रीनिंग बंगाल के किसी सिनेमाघर में नहीं होनी चाहिए. ममता का कहना है कि वो राज्य में शांति चाहती हैं इसलिए फिल्म को बैन कर दिया गया है. जबकि मध्यप्रदेश में फिल्म टैक्स फ्री है और यूपी में ऐसा करने पर विचार चल रहा है. फिल्म बैन पर BJP ने ममता के फैसले की आलोचना भी की. इसपर TMC के प्रवक्ता पीएम मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'द मोदी क्वेश्चन' पर लगे बैन की याद दिला रहे हैं.
TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर से सवाल करते हुए कहा,
'जो दिल्ली में बैठकर बातें कर रहे हैं, उन्होंने खुद पहले कहा था, ‘गोली मारो...! मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन्होंने पीएम मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर बैन क्यों लगाया?’
इंडिया टुडे से जुड़े इंद्रजीत कुंडू की रिपोर्ट के मुताबिक वेस्ट बंगाल में 'द केरला स्टोरी' पर लगे बैन के फैसले पर कुणाल घोष ने राज्य सरकार के फैसले का समर्थन किया और कहा कि यह एक सही फैसला है. उन्होंने आगे कहा,
‘यह एक ऐसी फिल्म है जिसका उद्देश्य भड़काना है. जैसा कि हमारी मुख्यमंत्री ने कहा, फिल्म झूठ और गलत सूचना पर आधारित है. फिल्म में 32 हज़ार का आंकड़ा दिखाया गया है. जो पूरी तरह से बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है. इसलिए कोई भी जिम्मेदार प्रशासन इस तरह के झूठ और गलत बयानी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा.’
घोष ने आगे कहा कि हम आम तौर पर बैन लगाने के लिए नहीं कहते हैं लेकिन अगर कोई जानबूझकर समाज के एक समुदाय को बदनाम करने के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करता है तो प्रशासन को क्या करना चाहिए?
अनुराग ठाकुर ने फिल्म बैन पर क्या कहा था?
फिल्म बैन पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा,
'ममता बनर्जी का फिल्म पर बैन लगाना गलत है. मैं तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी से पूछना चाहता हूं कि वे ISIS जैसे संगठनों के साथ क्यों हैं.'
केंद्रीय मंत्री ने TMC पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर वे इस फिल्म पर बैन लगा रहे हैं तो वे स्पष्ट रूप से इन संगठनों के साथ खड़े हैं.
नोटः भारत सरकार ने ‘’द मोदी क्वेश्चन पर बैन नहीं लगाया था. सरकार ने उन सोशल मीडिया लिंक्स पर रोक लगाई थी, जिसपर इस डॉक्यूमेंट्री को शेयर किया गया था. JNU-DU समेत दूसरी जगहों पर इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर भी बवाल हुआ था.