एक अंग्रेजी अखबार ने अपनी फ्रंट पेज हेडलाइंस से पिछले दिनों गदर काट रखी थी. कोलकाता से छपता है 'द टेलीग्राफ'. जेएनयू देशद्रोह कंट्रोवर्सी पर उन्होंने लगातार ऐसी क्रिएटिव हेडलाइंस दीं कि उसका फ्रंट पेज सोशल मीडिया पर खूब शेयर हुआ. लेकिन क्रिएटिविटी के चक्कर में गुरुवार को कांड हो गया. HRD मिनिस्टर स्मृति ईरानी की जोशीली स्पीच पर अखबार ने अपने स्टाइल में कटाक्ष करने की कोशिश की, लेकिन सोशल मीडिया के खखोरुओं ने खाल खींच ली. अखबार की हेडलाइन थी, 'आंटी नेशनल'. सब-हेडिंग समेत यह हेडलाइन इस तरह थी, 'आपकी सेवा में मदर इंडिया, सबसे बड़े त्याग के लिए तैयार. आ रही हैं...आंटी नेशनल.' इसके नीचे स्मृति ईरानी की बड़ी सी फोटो लगी थी. एंटी नेशनल जैसा ही उच्चारण है. इसे वर्ड प्ले कहा जाता है.
25 फरवरी
शुरुआत में कुछ लोगों ने इसे जबरदस्त क्रिएटिव एक्सपेरिमेंट बताते हुए शेयर किया. लेकिन जब दूसरा पहलू आया तो गैस्पैदरा फट गया. कुछ ने कहा कि यह तो 'सेक्सिस्ट' है. किसी को आंटी कैसे बोल सकते हैं. कुछ ने कहा कि पहले तक तो ठीक था, लेकिन अब लगता है कि 'द टेलीग्राफ' बीजेपी के खिलाफ एजेंडे के तहत ऐसी हेडलाइंस बना रहा है. ट्विटर पर लोग धड़ाधड़ इस बारे में ट्वीट करने लगे और तुरंत #AuntyNational ट्रेंड करने लगा. https://twitter.com/chetan_bhagat/status/702710007050199041 https://twitter.com/IStandWithAAP/status/702761528139845632 https://twitter.com/2k10pradeep/status/702750457928634368 https://twitter.com/vikramsampath/status/702771604808314880 https://twitter.com/GauravPandhi/status/702778957775577088 https://twitter.com/kanikagahlaut/status/702768991207428098 https://twitter.com/rkhuria/status/702768087146213376 https://twitter.com/riyalovezu/status/702734633792720896 https://twitter.com/RotduBhakt/status/702761927064346624 जेएनयू के मुद्दे पर टेलीग्राफ ने इससे पहले भी शानदार वर्ड प्ले किया था. इन सबमें बीजेपी पर तीखे कटाक्ष किए गए. ये सभी सोशल मीडिया पर खूब शेयर की गई थीं.
13 फरवरी
स्मृति ईरानी जब टीवी एक्ट्रेस थीं तो उनके शो का नाम था, 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी.' स्मृति की शैक्षिक योग्यता खुद भी विवादों में रही है. तो जेएनयू में कथित देशद्रोही नारेबाजी की घटना पर सरकार के रिएक्शन और उनके अब तक के काम काज की मौज अखबार ने इस तरह ली.
16 फरवरी
बीजेपी नेता ओपी शर्मा ने सीपीआई वर्कर को कैमरे के सामने पीटा था. जान से मार देने की वकालत की थी. इस पर अखबार ने यह वर्ड प्ले किया. Patriot की स्पेलिंग में Riot होता है, जिसका मतलब होता है दंगा.
17 फरवरी
इसी दिन पटियाला हाउस कोर्ट में पुलिस की मौजूदगी में वकीलों ने सीपीआई वर्कर और जेएनयू छात्रों और पत्रकारों से मारपीट की थी. पुलिस पर चुपचाप तमाशा देखने के आरोप थे.
18 फरवरी
एक बार फिर वर्ड प्ले. नेशन और Shun. Shun का मतलब होता है बचना या अनदेखी करना. जिनके हाथ में सत्ता है, वो अपनी जिम्मेदारी की अनदेखी करते हैं तो ये होता है. इसके आगे जेएनयू बवाल की हर अपडेट दी. कि कहां लोग पीटे गए, कहां लोगों ने कानून को हाथ में लिया. हेडलाइन के साथ फोटो प्रधानमंत्री की थी, जो किसी और दिशा में देख रहे थे.
20 फरवरी
इसी दिन HRD मिनिस्टर और सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर ने एक मीटिंग में तय किया कि हर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 207 फुट का तिरंगा फहराना अनिवार्य होगा. https://www.youtube.com/watch?time_continue=6&v=3PlGs8NCMWE