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'80 साल पुराना' 5वीं क्लास का पेपर वायरल, मैथ्स के ऐसे-ऐसे सवाल कि कैलकुलेटर भी हाथ जोड़ ले!

लोगों को यकीन नहीं हो रहा.

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ट्विटर पर एक पूर्व अधिकारी ने 1943-44 का क्वेश्चन पेपर शेयर किया है.

सोशल मीडिया पर एक क्वेश्चन पेपर वायरल (Viral Question Paper) हो रहा है. इसे एक रिटायर्ड IAS अधिकारी ने शेयर किया है. पूर्व अधिकारी के मुताबिक पेपर 5वीं क्लास का है और 80 साल पुराना है. सिर्फ यही नहीं, ये क्वेश्चन पेपर कॉमर्स का है. मतलब तब 5वीं क्लास में कॉमर्स की अलग से पढ़ाई होती थी. क्वेश्चन पेपर देख कई लोग हैरान हैं, तो कइयों का सिर घूम गया है. किसी को पेपर आसान लग रहा है, तो कुछ यूजर्स कह रहे हैं कि ये फेक है.

ये है 80 साल पुराना क्वेश्चन पेपर

रिटायर्ड IAS अधिकारी बद्री लाल स्वर्णकार ने 2 मई को ट्विटर पर एक क्वेश्चन पेपर की तस्वीर डालते हुए ट्वीट किया,

"भारत में 1943-44 में 5वीं क्लास के हाफ ईयरली एग्जाम के पेपर का स्टैंडर्ड देखिए."

पूर्व अधिकारी ने जो तस्वीर शेयर की है. वो 5वीं क्लास के हाफ ईयरली एग्जाम के कॉमर्स का पेपर है. इस पर साल 1943-44 लिखा हुआ है. पेपर में कुल 10 सवाल हैं, जिनमें से 8 करने हैं. 100 नंबर के इस पेपर के ढाई घंटे का समय दिया गया है. पासिंग मार्क्स 33 लिखा है.

इसमें छात्रों को सोने और कागज की कीमत कैलकुलेट करने जैसे सवाल हैं. वहीं आखिरी सवाल में एक बिजनेस लेटर लिखने को कहा गया है.

पेपर देख लोग क्या बोले?

पेपर पर ट्विटर यूजर्स ने अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं. बी.एल प्रजापति नाम के यूजर ने लिखा,

"आदरणीय श्रीमान, मैं भी इस तरह के सभी सवाल कक्षा पांच में हल किया हूं. इस तरह के सभी सवाल हमें मैथ्स में ही पढ़ाए जाते थे. इससे बच्चों में व्यवसाय व्यावहारिक निपुणता का विकास होता है, बिना कैलकुलेटर. मैंने कैलकुलेटर का इस्तेमाल कॉलेज से शुरू किया था."

ऋृषि राज सिंह नाम के यूजर ने पेपर के सवालों को आसान बताते हुए लिखा,

"पेपर तो ईज़ी है. लेकिन ये रोजाना की जिंदगी के प्रैक्टिकल कैलकुलेशन हैं. मॉडर्न साइंटिफिक कैलकुलेटर से 1 घंटा भी नहीं लगेगा."

अनिरुद्ध नाम के यूजर ने ट्वीट किया,

"आखिरी सवाल बहुत दिलचस्प है. इस तरह के सवाल NEP (नेशनल एजुकेशन पॉलिसी) में फिर जोड़े जाने की जरूरत है."

आशीष नाम के यूजर ने लिखा,

"हमें तो बस (a+b)^2 आता है."

तनुज नाम के यूजर ने लिखा कि इस पेपर को पढ़ने के लिए उन्हें अपने 90 साल के दादा जी की मदद लेनी पड़ी. उन्होंने ट्वीट किया,

"अपने 90 साल के दादा जी से इसे पढ़ने को कहा...क्योंकि मेरी समझ में तो कुछ आया नहीं."

वहीं वसुदेव नाम के यूजर ने पेपर के फेक होने की बात कही है. 

बुलेट और गेहूं के 38-35 साल पुराने बिलों के बाद अब 80 साल पहले का बताया जा रहा है ये क्वेश्चन पेपर वायरल है. वैसे आपका क्या कहना है? आपको ये पेपर कठिन लग रहा है या आसान? हमें कॉमेंट कर जरूर बताइएगा. 

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